Monday 25 May 2020

भारतीय इतिहास के कुछ विषय : वर्ग 12 पाठ तीन – बन्धुत्व , जाति तथा वर्ग(भाग-5)

जाति और सामाजिक गतिशीलता :
*  समाज में वर्ण चार थे  वहीं जातियों की कोई संख्या निश्चित नही थी |
* निषाद या स्वर्णकार  जो चार  वर्ण  व्यवस्था में समाहित करना सम्भव नही था , उनका जाति में वर्गीकृत कर दिया  गया |
*  वे जातियां जो एक ही जीविका अथवा व्यवसाय से जुडी थी  उन्हें  कभी-कभी श्रेणियों में संगठित किया जाता था |
* ऐसा ही उदाहरण मदसौर अभिलेख से मिला है जिसमें एक रेशम के बुनकरों की एक श्रेणी का वर्णन मिलता है | सामूहिक रूप से शिल्पकर्म से अर्जित धन को सूर्य देवता के सम्मान में मन्दिर  बनवाने पर खर्च किया |  यह सामाजिक गतिशीलता का प्रतीक  है |
* संस्कृत साहित्य में कुछ ऐसे समुदायों का भी उल्लेख आता है जिसे  विचित्र , असभ्य , पशुवत, मलेच्छ कहकर
चित्रित किया गया है | किन्तु इन लोगों के बीच विचारों एवं मतों का आदान प्रदान होता था |
* उदाहरण स्वरूप  :
1. महाभारत में  भीष्म पितामह के पिता  राजा शांतनु  ने निषाद कन्या  सत्यवती से विवाह किया था |

क्या यह ब्राह्मणीय वैवाहिक  नियमों के तहत था ?
2. महाभारत में  पांडव पुत्र भीम ने हिडिम्बा राक्षसी से विवाह  किया |
क्या यह ब्राह्मणीय वैवाहिक  नियमों के तहत था ?
3. सातवाहन नरेश पुलुमावी वशिष्ठ ने शक राजा रूद्रदामन की कन्या से विवाह किया |
क्या यह ब्राह्मणीय वैवाहिक  नियमों के तहत था ?
   चूँकि ये लोग समर्थ थे | अत: किसी ने प्रश्न चिन्ह नही लगाया |

गुप्तोतर काल में विभिन्न वर्णों के बीच विवाह सम्बन्ध होने लगे | इससे कई जातियां और उपजातियां  अस्तित्व में आई |

* ब्राह्मण कुछ लोगों को वर्ण व्यवस्था वाली सामाजिक प्रणाली के बाहर मानते थे | ऐसे वर्गों को " अस्पृश्य " कहा गया |   इनलोगों में ही जो  लोग शवों की अंत्येष्टि और मृत पशुओं को छूने वाले को  " चांडाल " कहा जाता था |
*   मनुस्मृति में  चांडालों के  कर्तव्यों की सूची मिलती है |  उन्हें गाँव के बाहर रहना होता था |  फेके हुए वर्तन का इस्तेमाल करते थे , मरे हुए लोगों के वस्त्र तथा लोहे के आभूषण पहनते थे |
* ये लोग सडक पर चलते समय करताल  बजाकर अपने होने की सूचना देते जिससे अन्य लोग उन्हें देखने के दोष से बच जाए |   चीन से आए बौद्व भिक्षु  फाह्यान ने भी इसका वर्णन किया है |
भातीय इतिहास के कुछ विषय : बन्धुत्व , जाति और वर्ग 
भारतीय इतिहास के कुछ विषय : बंधुत्व,जाति और वर्ग 
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भारतीय इतिहास के कुछ विषय : – बन्धुत्व , जाति तथा वर्ग
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भारतीय इतिहास के कुछ विषय : वर्ग 12 पाठ तीन – बन्धुत्व , जाति तथा वर्ग
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