Saturday 25 April 2020

भूमण्डलीकृत विश्व का बनना (Class-10, chapter-4) भाग -3

तकनीक की भूमिका:
*  रेल , हल्के पानी  जहाज , टेलीग्राम  आदि नये तकनीक  का आविष्कार
*  यातायात और संचार व्यवस्था में  सुधार
*  सामान ढुलाई के लिए हल्के वैगन  का निर्माण
*  मछली और मांस जैसे  जल्द नष्ट होने वाले सामाग्री के सुरक्षा हेतु " रेफ्रीजरेटर" की व्यवस्था

19 वीं शताब्दी के उत्तरार्द्व में उपनिवेशवाद :
* व्यापार के विकास के साथ ही यूरोपीय देशों ने एशिया और अफ्रीका में अपने उपनिवेश स्थापित कर लिए |
*  15वीं शताब्दी के दौरान पुर्तगाली , डच , अंग्रेज  और   फ्रांसीसी ने भारत में  राजनीतिक और आर्थिक प्रभुत्व कायम किये |
* सर हेनरी मार्टन  स्टैनली ने अफ्रीका के विभिन्न भागों का अन्वेषण किया और नक्शा बनाया |
*  1885 ई० में बर्लिन सम्मलेन द्वारा यूरोपीय राष्ट्रों ने अफ्रीका का आपसी बंटबारा कर लिया |

* बेल्जियम , स्पेन , जर्मनी , अमेरिका जैसे देश भी उपनिवेशवाद के दौड़ में शामिल हो गया |

उपनिवेशवाद के दुष्प्रभाव :
* उपनिवेशों का आर्थिक दोहन किया गया |
* उपनिवेशों के राजनीतिक और सामाजिक जीवन पर अपना वर्चस्व स्थापित कर वहां अपनी व्यवस्था स्थापित की |
* आर्थिक दोहन से उपनिवेशों में गरीबी और बेरोजगारी  बढ़ गयी |

महायुद्वों के बीच अर्थव्यवस्था :
          संसार में दो महायुद्व हुए | प्रथम विश्व युद्व - 1914-1918 ई० तक और द्वीतीय विश्व युद्व - 1939-1945 ई० तक | इन महायुद्वों ने विश्व के पटल पर गहरा प्रभाव डाला |

- प्रथम विश्व युद्व - 1914 ई० में आरम्भ हुआ | इस दौरान विश्व दो भागों में विभाजित हो गया |
पहला गुट मित्र राष्ट्र ब्रिटेन , फ्रांस और रूस ( बाद में अमेरिका शामिल हुआ ),
दूसरा गुट धूरी राष्ट्र - जर्मनी , आस्ट्रिया -हंगरी और तुर्की 
*  प्रथम महायुद्व 1918 ई० तक चला | इसकी समाप्ति 1919 ई० के पेरिस शांति सम्मेलन के समझौते से हुई |
प्रथम महायुद्व के परिणाम :
1. - इस युद्व में विकसित औद्योगिक राष्टों ने भाग लिया | इस युद्व में घातक हथियारों , टैंक , मशीनगन , हवाईजहाजो , जलपोतों , और रासायनिक अस्त्र-शस्त्रों का प्रयोग हुआ |
2. इस युद्व में अनुमानत: 90 लाख लोग मारे गए एवं दो करोड़ लोग घायल हुए |
3.  विश्व युद्व ने सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन भी लाया | मर्द युद्व के मोर्चे पर था और महिलाएं उद्योगों में काम करना आरम्भ किया ताकि युद्व सामाग्री का निर्माण होता रहे |
4. अमेरिका को छोड़ कर  युद्व में  शामिल सभी राष्ट्रों के अर्थव्यवस्था चरमरा गयी | ये सभी राष्ट्र अमेरिका के कर्जदार हो गये |
 5. भारतीय उद्योगपतियों ने कपड़ा, जूट , खनन , लोहा और इस्पात जैसे उद्योगों में पूंजी निवेश कर इन उद्योगों का विकास किया |

प्रथम विश्व युद्व के बाद आर्थिक अर्थव्यवस्था :
* इस युद्व में ब्रिटेन की आर्थिक व्यवस्था चरमरा गयी | भारतीय बाजार में ब्रिटेन का एकाधिकार समाप्त हो गया |
* युद्व के दौरान उत्पादन और रोजगार में वृद्वि हुई परन्तु युद्व के खत्म होने वाले के बाद उत्पादन गिर गया और  बेकारी बढ़ गयी |
* 1921 में हर पांच में से एक ब्रिटिश मजदूर के पास काम नही था |
* युद्व के लम्बा खीचने से कृषि उत्पाद (गेंहू ) का केंद्र पूर्वी यूरोप से हटकर  कनाडा , अमेरिका और आस्ट्रेलिया  हो गया |
* युद्व के समाप्ति उपरांत पूर्वी यूरोप में   पुन: गेंहू का उत्पादन बढ़ गया , परिणामत: गेहूं का मूल्य गिर गया और किसान कर्जदार बन गए |
भूमण्डलीकृत विश्व का बनना (Class-10, chapter-4) भाग -1
भूमण्डलीकृत विश्व का बनना (Class-10, chapter-4) भाग -2
भूमंडलीकृत विश्व का बनना (class-10, chapter-4) भाग 3
भूमण्डलीकृत विश्व का बनना (Class-10, chapter-4) भाग -4
भूमण्डलीकृत विश्व का बनना (Class-10, chapter-4) भाग -6
भूमण्डलीकृत विश्व का बनना (Class-10, chapter-4) भाग -5
भूमण्डलीकृत विश्व का बनना (Class-10, chapter-4) भाग -7
भूमण्डलीकृत विश्व का बनना (Class-10, chapter-4) भाग -8

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