Thursday 23 April 2020

भूमण्डलीकृत विश्व का बनना (Class-10, chapter-4) भाग -2

विजय , बीमारी  और व्यापार 
* कुस्तुन्तुनिया का पतन (1453 ई०) और यूरोप में पुनर्जागरण ने सामुद्रिक खोजो की और प्रोत्साहित किया |

* 1492 ई० में कोलम्बस द्वारा अमेरिका की खोज ने यूरोपीय देशों को आकृष्ट किया |
* आज के पेरू और मैक्सिको में मौजूद  खानों से  निकलने वाली  खासतौर से चांदी ने यूरोप की सम्पदा को बढ़ाया और पश्चिम एशिया के साथ होने वाले व्यापार की गति प्रदान की |
* यूरोपियन लोगो में एक किवदन्ती ने "एल डोराडो " को सोने का शहर मानने लगे और उसके खोज में बहुत सारे खोजी अभियान शुरू किए गए |
* अमेरिका में उपनिवेश स्थापित करने में स्पेन और पुर्तगाल आगे थे |
* अमेरिका पर विजय प्राप्त करने में सैनिक शक्ति के अलावा चेचक जैसी घातक बीमारी ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई | अमेरीकी निवासियों में चेचक से लड़ने के लिए प्रतिरोधी क्षमता की कमी के कारण पूरे के पूरे समुदाय को खत्म कर दिया और उपनिवेश का रास्ता सुगम कर दिया |
* 19वीं सदी तक यूरोप में बीमारी , भुखमरी , बेरोजगारी  और धार्मिक टकराव ने आराजकता जैसा माहौल बना दिया था |
* हजारों लोग यूरोप से भाग आमेरिका जा पहुचे और अफ्रीका से पकड़ कर लाए गए गुलामों को बागानों में काम में लगा कर यूरोपीय बाजारों के लिए कपास और चीनी का उत्पादन किया जाने लगा |
* अब यूरोप विश्व व्यापार का केंद्र बन गया |

अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक विनिमय :
* अर्थशास्त्रियों ले अनुसार अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक विनिमय तीन प्रकार के प्रवाहों पर आधारित होता है -
1. व्यापार- वस्तुओं के क्रय -विक्रय से सम्बन्धित
2. श्रम -  काम के तलाश में एक स्थान से दूसरे स्थान तक आवागमन करना
3. पूंजी - अल्प या दीर्घ अवधि के लिए दूर-दराज इलाके में निवेश करना

विश्व अर्थव्यवस्था का आरम्भ :
* ब्रिटेन में  कार्न लॉ और इसके  प्रभाव :
- 18 वीं सदी में ब्रिटेन में निम्नलिखित बदलाव आये
जनसंख्या में वृद्वि 
-  खाद्यान्न की मांग में वृद्वि 
-  औद्योगिकीकरण 
-  कृषि उत्पादों के मूल्य में वृद्वि
कार्न लॉ  : ब्रिटेन की सरकार ने भूस्वामियों के दबाब में आकर मक्का के आयात पर पाबंदी लगा दी , इसे ही कार्न लॉ  कहते है |
                 परन्तु  अनाज की बढ़ती कीमतों से शहरों में रहनेवाले लोगों ने कार्न लॉ  का विरोध करने लगे , सरकार को बाध्य होकर कार्न लॉ  वापस लेना पड़ा |
* अनाजो के आयात से ब्रिटेन में कीमते गिर गयी , खेती करना  लाभ हीन हो गया , लोग गाँव छोड़कर शहर की और पलायन कर  गये |
* अनाजों की कीमतों में कमी आने से ब्रिटेन के लोगो की उपभोग क्षमता बढ़ गयी , औद्योगिक विकास ने लोगो की क्रय शक्ति में वृद्वि हुई और पूर्वी यूरोप , रूस , अमेरिका , भारत , और आस्ट्रेलिया से भारी तादाद में अनाज का आयात बढ़ गया |
* नई जमीन साफ कर खेती लायक बनाया जाने लगा , बन्दरगाह विकसित होने लगे , उद्योग , बड़े शहर , खेतीहर इलाके से बन्दरगाह को जोड़ने के लिए रेलवे और सड़क व्यवस्था मजबूत किया जाने लगा |
* 19 वें सदी में यूरोप के लगभग 5 करोड़ लोग अमेरिका और आस्ट्रेलिया में जाकर बस गये |
* 189० तक वैश्विक कृषि अर्थव्यवस्था का विकास हो चूका था |इस घटनाक्रम के साथ ही श्रम विस्थापन , पूंजी प्रवाह , पारिस्थितिकी और तकनीक में अमूल बदलाव आ चुके थे |
भूमण्डलीकृत विश्व का बनना (Class-10, chapter-4) भाग -1
भूमण्डलीकृत विश्व का बनना (Class-10, chapter-4) भाग -2
भूमंडलीकृत विश्व का बनना (class-10, chapter-4) भाग 3
भूमण्डलीकृत विश्व का बनना (Class-10, chapter-4) भाग -4
भूमण्डलीकृत विश्व का बनना (Class-10, chapter-4) भाग -6
भूमण्डलीकृत विश्व का बनना (Class-10, chapter-4) भाग -5
भूमण्डलीकृत विश्व का बनना (Class-10, chapter-4) भाग -7
भूमण्डलीकृत विश्व का बनना (Class-10, chapter-4) भाग -8

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