वेदों के अनुसार भगवान ब्रह्मा की आयु क्या है?
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ये हमारे पुराणों में वर्णित सबसे रोचक जानकारियों में से एक है।
चलिए इसे सरल भाषा में समझने का प्रयास करते है |
पहली बात तो पुराणों की गणना के अनुसार 360 दिनों का एक वर्ष होता है, 365 दिनों का नही। इसे हम मानव वर्ष कहते हैं।
जब मनुष्यों का एक वर्ष पूरा होता है तब देवताओं और दैत्यों का 1 दिन पूरा होता है। देवताओं और दैत्यों के दिन समान होते हैं पर उल्टे होते हैं। मतलब जब देवताओं का दिन होता है तो दैत्यों की रात्रि होती है। देवों और दैत्यों के एक वर्ष को दिव्य वर्ष कहा जाता है।
मतलब 360 मानव वर्ष = 1 दिव्य वर्ष।
हमारा समय चार युगों में बंटा है - सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग एवं कलियुग।
सतयुग का कुल कालखंड 4800 दिव्य वर्षों का होता है। अर्थात 1728000 मानव वर्ष।
त्रेता का कुल कालखंड 3600 दिव्य वर्षों का होता है। अर्थात 1296000 मानव वर्ष।
द्वापर का कुल कालखंड 2400 दिव्य वर्षों का होता है। अर्थात 864000 मानव वर्ष।
कलियुग का कुल कालखंड 1200 दिव्य वर्षों का होता है। अर्थात 432000 मानव वर्ष।
इन चारों को मिला दिया जाए तो उसे चतुर्युग या महायुग कहते हैं। वो होता है कुल 12000 दिव्य वर्षों का। अर्थात 4320000 मानव वर्ष।
71 महायुगों का एक मन्वंतर होता है जिसमें एक मनु शासन करते हैं। वो होता है 306720000 मानव वर्षों के बराबर। हर मन्वंतर में सप्तर्षि भी अलग-अलग होते हैं।
14 मन्वंतर या 1000 महायुगों का एक कल्प कहलाता है। एक कल्प ब्रह्माजी का आधा दिन होता है। ठीक उसी प्रकार एक कल्प की उनकी रात्रि होती है। एक कल्प 4320000000 मानव वर्षों के बराबर होता है। ब्रह्मा जी के आधे दिन में 14 मनु शासन करते हैं। अभी 7वें वैवस्वत मनु का शासनकाल चल रहा है।
अब एक मजेदार चीज देखिये। पुराणों के अनुसार एक कल्प के बाद पृथ्वी पर महाप्रलय होता है और उसका नाश हो जाता है। आप गूगल कीजिये, पृथ्वी और हमारे सौर मंडल की आयु भी नासा ने बिल्कुल उतनी ही बताई है। लगभग 4.5 बिलियन वर्ष। है ना आश्चर्यजनक!!!
ब्रह्माजी के 1 वर्ष को ब्रह्मवर्ष कहा जाता है। वो होता है 3110400000000 मानव वर्ष।
जब ब्रम्हा जी के 50 वर्ष पूरे होते हैं तो उसे एक परार्ध कहा जाता है। इसकी मानव वर्षों में गणना की जाए तो वो होता है 155520000000000 मानव वर्ष।
ब्रह्मा जी 100 वर्ष या 2 परार्ध पूरे होने को 1 महाकल्प कहा जाता है। वो होता है 311040000000000 (इकत्तीस नील, दस खरब, चालीस अरब) मानव वर्षों के बराबर।
अपने 100 वर्ष पूरे करने पर ब्रह्मा जी की मृत्यु हो जाती है और ब्रह्मांड नष्ट हो जाता है। पुनः हिरण्यगर्भ की स्थापना होती है।
ब्रह्मा जी के 1000 दिनों के बराबर विष्णु जी की एक घटी होती है। एक घटी 24 मिनट के बराबर होती है।
विष्णु जी की 1200000 घाटियों के बराबर भगवान शिव की अर्धकला होती है।
भगवान शिव की 1000000000 अर्धकला के बाद एक ब्रम्हाक्ष होता है।
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M. PRASAD
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