Wednesday 29 July 2020

भारत में राष्ट्रवाद वर्ग 10 भाग 1

भारत में राष्ट्रवाद 
परिचय 
* भारतीय राष्ट्रवाद के उदय के कारण :
* चंपारण सत्याग्रह 
* खिलाफत और असहयोग आन्दोलन 
* सविनय अवज्ञा आन्दोलन 
* सामूहिक अपनेपन की भावना 

राष्ट्रवाद का शाब्दिक अर्थ - राष्ट्रीय चेतना का उदय , राष्ट्र के प्रति लगाव का भाव 
राष्ट्र के प्रति लगाव पैदा करनेवाले कारक :
* नए प्रतीकों और चिन्हों ने 
* नए गीतों और विचारों ने नए सम्पर्क स्थापित किये 
* समुदायों की सीमाओं का विस्तार एवं अन्य समुदायों से सम्पर्क 

भारत में राष्ट्रवाद के उदय के कारण :
1. अंगरेजी साम्राज्यवाद के विरूद्व असंतोष : अंगरेजी सरकार की नीतियों के शोषण के शिकार देशी राज-रजवाड़े, ताल्लुकदार, महाजन, कृषक,मजदूर, मध्यम वर्ग सभी बने | पूंजीपति वर्ग और व्यापारी वर्ग सरकार की भेदभावपूर्ण नीति से असंतुष्ट था| बुद्वीजीवी वर्ग बढ़ती बेरोजगारी  से, व्यक्तिगत स्वतन्त्रता एवं विचार अभिव्यक्ति  तथा राजनीतिक अधिकारों पर पाबंदी से क्षुब्ध था |
2. आर्थिक कारण : सरकार की आर्थिक नीतियों के कारण कृषि और कुटीर उद्योग- धंधे नष्ट हो गए | किसानों पर कर का बोझ बढ़ा दिया | कपड़ा उद्योग नष्ट हो गया | बुनकरों की रोजगार खत्म हो गयी | इंग्लैण्ड से सूती कपड़ों का आयत होने लगा | भारत से धन निष्कासन हुआ और बेकारी बढ़ी|
3. अंगरेजी शिक्षा का प्रसार : भारत में अंगरेजी शिक्षा के प्रसार से यूरोप एवं अमेरिका के क्रांतियों से परिचित हुए |रूसो, वाल्टेयर,मेजिनी, मांतेस्क्यु  जैसे दार्शनिक और क्रांतिकारियों के विचारों का प्रभाव पडा| वे भी स्वतन्त्रता, समानता और नागरिक अधिकारों के प्रति सचेत होने लगे |
4. मध्यम वर्ग का उदय: अंगरेजी शिक्षा के प्रसार से समाज में मध्यम वर्ग का उदय हुआ -जैसे  अध्यापक, वकील, डाक्टर, राजकीय कर्मचारी आदि | आरम्भ में अंगरेजी सरकार के हिमायती थे परन्तु धीरे धीरे इनके दृष्टिकोण में परिवर्तन होने लगा| 
5. साहित्य एवं समाचार पत्रों का योगदान : राष्ट्रीय चेतना को जागृत करने में साहित्य और समाचार पत्रों का महत्वपूर्ण योगदान था| अंगरेजी और स्थानीय भाषाओं में प्रकाशित समाचार पत्रों से भारतीयों में राष्ट्रवाद की भावना जागृत की | महत्वपूर्ण पत्र-पत्रिकाओं में  संवाद कौमुदी, हिन्दू, बाम्बे क्रोनिकल, आजाद, केशरी,मराठा, यंग इंडिया, अलहिलाल , पायनियर आदि | 
6. समाजिक -आर्थिक सुधार आन्दोलन :  भारतीय समाज में फैले अशिक्षा, जाति-पांति, उंच-नीच, छुआछूत, कुप्रथाओं , सतीप्रथा, बालविवाह  जैसे रूढ़ियों को दूर करने के लिए राजा राम मोहन राय, दयानंद सरस्वती, स्वामी विवेकानंद के प्रयासों से नई चेतना आई| आर्यसमाज, ब्रह्मसमाज, प्रार्थना समाज, रामकृष्ण मिशन आदि सामाजिक संगठनों ने इस दिशा में महत्वपूर्ण कार्य किया |
7. प्राचीन संस्कृतियों का ज्ञान : प्राचीन इतिहास और संस्कृति को उजागर करने में अनेक यूरोपीय विद्वानों  जैसे, विलियम जोन्स,मैक्समूलर, चार्ल्स विलिक्न्सन और भारतीय विद्वानों में राजेन्द्रलाल मित्र , आर.जी.भंडारकर आदि का महत्वपूर्ण  योगदान रहा | जब प्राचीन लिपियों और ग्रन्थों का अंगरेजी और अन्य स्थानीय भाषाओं में अनुवाद हुआ तो अपने अतीत का गौरव महसूस हुआ |
8. भारत का राजनीतिक एकीकरण :  अंग्रेजों ने सम्पूर्ण भारत का राजनीतिक एकीकरण कर दिया| रेल, सड़क, डाक-तार की व्यवस्था से यातायात और संचार की सुविधा बढ़ी | लोगों को आपसी विचारों को आदान-प्रदान करने में सहूलियते होने लगी |
9. सरकार की प्रतिगामी नीतियाँ:  सरकार के प्रतिगामी नीतियाँ राष्ट्रवाद को बढाने में योगदान दिया |
*1878 में लार्ड लिटन द्वारा वर्नाक्युलर एक्ट द्वारा प्रेस पर पाबंदी 
* भारत में आयतित कपडे पर आयात -शुल्क हटा दिया 
* अफगान युद्व का खर्च भारतीय राजस्व से वसूला 
* आर्म्स एक्ट (1879) द्वारा भारतीयों को हथियार रखने पर पाबंदी 
* सिविल सेवा में भातीयों के प्रवेश की आयु 21 से घटाकर 19 कर दिया 
* इल्बर्ट बिल द्वारा भारतीय जजों को यूरोपीय लोगों के मुकदमे सुनने का अधिकार दिया , जिसे वापस ले लिया 
* 1905 बंगाल का विभाजन कर दिया 
10. राजनीतिक संस्थानों का योगदान :  लैंडहोल्डर्स सोसाइटी , बंबई एसोसिएशन, इन्डियन एसोसिएशन, पूना सार्वजनिक सभा, ढक्कन सोसायटी  आदि की स्थापना हुई | 1885 में  स्थापित भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेतृत्व में  राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम संचालित हुआ|

प्रथम विश्व युद्व, खिलाफत और असहयोग 
प्रथम विश्व युद्व के दौरान भारत की आर्थिक और राजनीतिक स्थिति :
* रक्षा व्यय में भारी इजाफा 
* इस युद्व के खर्च की भरपाई के लिए युद्व के नाम पर कर्जे लिए गए 
* सीमा शुल्क में वृदि और आयकर शुरू किया गया 
* मंहगाई में वृद्वि 
* लगान में वृद्वि की गयी 
* ग्रामीण युवकों को जबरन सिपाही में भर्ती किया जाने लगा 
* 1918-19 और 1920-21के दौरान अकाल से खाद्य पदार्थों की कमी 
* 1920-21 में फ़्लू की महामारी से 120-130 लाख लोग मारे गए 

सत्याग्रह का विचार :
गांधी जी दक्षिण अफ्रीका से  जनवरी 1915 ई. में भारत लौटे |  भारत में सत्याग्रह का विचार महात्मा गांधी ने  प्रतिपादित किया था | इस अस्त्र का प्रयोग दक्षिण अफ्रीका में कर चुके थे |  
सत्याग्रह : 
* सत्याग्रह के विचार में सत्य की शक्ति पर आग्रह और सत्य की खोज पर जोर देना |
* सत्याग्रह शुद्व आत्मबल है | सत्य ही आत्मा का आधार होता है| आत्मा ज्ञान से हमेशा लैस होती है | सत्याग्रह अहिंसक प्रतिकार है | अहिंसा सर्वोच्य धर्म है |
* प्रतिशोध की भावना का सहारा लिए बिना सत्याग्रही केवल अहिंसा के सहारे अपने संघर्ष में सफल हो सकता है |
* गांधी जी का विचार था की अहिंसा का यह धर्म सभी भारतीयों को एकता के सूत्र में बाँध सकता है |
चम्पारण सत्याग्रह :
* 19वीं सदी जे प्रारम्भ में गोरे बगान मालिकों ने चंपारण जिले के किसानों से एक अनुबंध किया जिसके अनुसार किसानों को अपनी जमीन के 3/20वें भाग पर नील की खेती करना अनिवार्य था| इसे "तिनकठिया पद्वति " कहा जाता था| किसान इस अनुबंध से मुक्त होना चाहते थे |
* 1916 ई. में राजकुमार शुक्ल के आग्रह पर गांधीजी चम्पारण पहुंचे |
* चंपारण पहुंचकर गांधीजी ने समस्याओं को सूना व् सही पाया|
* गांधीजी के प्रयासों से सरकार ने चंपारण के किसानों की जांच हेतु एक आयोग नियुक्त हुआ |
* आयोग के सिफारिस पर  तिनकठिया पद्वति समाप्त कर दिया और अंग्रेजों को अवैध वसूली का 25% वापस करना पडा |
    गांधी जी का भारत में पहला सत्याग्रह आन्दोलन था जो सफल रहा |

खेड़ा सत्याग्रह :
* खेड़ा (गुजरात) में वर्षा न होने से किसानों की फसल बर्बाद हो गयी 
* प्लेग और हैजा ने जनता को बेकार कर दिया 
* खेड़ा की जनता अंगरेजी हुकूमत से लगान में ढील देने की मांग कर रही थी 
* 1917 ई. में महात्मा गांधी , सरदार बल्लभ भाई पटेल के साथ गाँव का दौरा किया और खेड़ा के किसानों की मांग का समर्थन किया 
* गांधी जी के सत्याग्रह से अंग्रेजों ने लगान माफ कर दिया 

अहमदाबाद कपड़ा मिल आन्दोलन : 
* मार्च 1918 में अहमदाबाद कपड़ा मिल मालिक और मजदूरों के बीच "प्लेग बोनस " को लेकर विवाद हो गया |
* मिल मजदूर 35% बोनस की मांग कर रहे थे परन्तु मिल मालिक बोनस देने को तैयार नहीं थे |
* गांधीजी ने मिल मालिकों से बोनस देने का  आग्रह किया और अनशन पर बैठ गए |
* अंतत: मिल मालिकों ने 35% बोनस देने को तैयार हो गए |

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