Monday, 10 February 2020

स्रोत: प्राचीन साहित्य इतिहास -II

सिक्कों की अध्ययन को मुद्रा शास्त्र कहते हैं ।
*  पुराने सिक्के ताँबा, चांदी , सोना और सीसा धातु के बनते थे ।
पकाई मिट्टी के बने सिक्कों के सांचे ईसा के आरंभिक तीन सदियों के हैं जिनमें से अधिकांश सांचे कुषाण काल के है ।
*  भारत के प्राचीनतम सिक्के आहत  सिक्के हैं जो ई0 पू0 पांचवी सदी के हैं,  ठप्पा मारकर बनाए जाने के कारण इन्हें आहत मुद्रा कहां गया है ।

*  आहत मुद्रा की सबसे पुरानी निधि  पूर्वी उत्तर प्रदेश और मगध में प्राप्त हुई है ।
*  आरंभिक सिक्के अधिकांशत: चांदी के है,  ये  सिक्के पंचमार्क कहलाते है । इन सिक्कों  पर पेड़,  मछली , सांड , हाथी,  अर्ध चंद्रा आदि आकृतियां उत्कीर्ण है ।

*   सात वाहन वंश के शासकों ने शीशे के सर्वाधिक सिक्के प्रचलित किए थे ।
*   गुप्त शासकों ने सोने के सर्वाधिक सिक्के प्रचलित किए।
*   सर्वप्रथम लेख वाले स्वर्ण सिक्के इंडो-ग्रीक शासकों  ने प्रचलित किए थे ।
*   मंदिरों तथा स्तूपों  से भारतीय संस्कृति,  वास्तु कला शैली का परिचय मिलता है।
*   हड़प्पा , मोहनजोदड़ो से प्राप्त मुहरे  तत्कालीन धार्मिक स्थिति ज्ञात  होती है।
*   बसाढ़  से प्राप्त मिट्टी की मोहरों से व्यापारिक   श्रेणीयों की जानकारी मिलती हैं ।

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