The President of India
भारत का राष्ट्रपति भारत संघ का प्रधान तथा अध्यक्ष होता है । संघ की कार्यपालिका शक्ति उसी में निहित होती है अपनी शक्ति का प्रयोग प्रत्यक्ष रूप से अपने अधीनस्थ अधिकारियों के माध्यम से करता है । संविधान के अनुच्छेद 74 में वर्णित है कि राष्ट्रपति को सहायता और सलाह देने के लिए एक मंत्रिपरिषद होगी , जिसका प्रधान प्रधानमंत्री होगा।
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 52 में यह उपबन्ध किया गया है कि भारत का एक राष्ट्रपति होगा ।
भारत के राष्ट्रपति के लिए आवश्यक अर्हताएं -
1. वह भारत का नागरिक हो ।
2. वह 35 वर्ष की आयु पूरा कर चुका हो ।
3. वह लोकसभा का सदस्य निर्वाचित होने की योग्यता रखता हो
4. वह संघ सरकार तथा राज्य सरकार के अंतर्गत किसी भी लाभ के पद पर आसीन ना हो ।
5. वह संसद या किसी राज्य विधान मंडल का सदस्य ना हो
6. वह पागल या दिवालिया न हो ।
नोट- वर्तमान व्यवस्था के तहत राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार के पक्ष में प्रस्तावकों और अनुमोदको की संख्या 50 एवं जमानत राशि 15000 रुपये आवश्यक है ।
राष्ट्रपति का निर्वाचन :
भारत के राष्ट्रपति का निर्वाचन एक निर्वाचन मंडल की प्रक्रिया द्वारा होता है । इस निर्वाचक मंडल में संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्य तथा राज्यों के विधान सभाओं के निर्वाचित सदस्य होते हैं ।
राष्ट्रपति का निर्वाचन गुप्त मतदान तथा आनुपातिक प्रतिनिधित्व पद्धति के अनुसार एकल संक्रमणीय मत पद्धति द्वारा होता है । इसमें सफल होने के लिए उम्मीदवार को न्यूनतम कोटा प्राप्त करना आवश्यक होता है। इसके सूत्र इस प्रकार है -
न्यूनतम कोटा = दिए गए मतो की कुल संख्या
-------------------------------- + 1
2
राष्ट्रपति के निर्वाचन में न्यूनतम कोटा का प्रावधान इसलिए किया गया है कि स्पष्ट बहुमत प्राप्त होने के बाद ही व्यक्ति विशेष को राष्ट्रपति का पद प्राप्त हो सके ।
राष्ट्रपति के चुनाव में किसी भी राज्य के विधानसभा के प्रत्येक निर्वाचित सदस्यों की मत संख्या तथा संसद के प्रत्येक निर्वाचित सदस्य की मत संख्या की गणना करने की विधि :-
1. किसी राज्य की विधानसभा के प्रत्येक निर्वाचित सदस्य की मत संख्या :
किसी राज्य की विधानसभा के प्रत्येक निर्वाचित सदस्य की मतों का मूल्य = राज्य की जनसंख्या /उस राज्य के विधानसभा के निर्वाचित सदस्यों की कुल संख्या ÷1000
यदि इस विभाजन में शेष 500 से अधिक आए तो उसे एक मान लिया जाएगा तथा उसे भागफल में जोड़ दिया जाएगा ।
2. संसद के प्रत्येक निर्वाचित सदस्य की मत संख्या -
संसद के प्रत्येक निर्वाचित सदस्य के मत का मूल्य = सभी राज्यों की विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्यों की मत संख्या /संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्यों की संख्या
यदि इस विभाजन में शेष 500 से अधिक आए तो उसे एक मान लिया जाएगा तथा उसे भागफल में जोड़ दिया जाएगा ।
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M. PRASAD
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