NCERT History Notes Class 6: Chapter 2-
इतिहास कक्षा -6:अध्याय -2 आरंभिक मानव की खोज
अध्याय -2 : आरंभिक मानव की खोज में
आप क्या सीखेंगें :
* आखेटक-खाद्य संग्राहक
का जीवन
* पाषाण युग
* पर्यावरण युग
* आग की खोज
आखेटक-खाद्य संग्राहक का जीवन
* आरंभिक मानव आखेटक- खाद्य संग्राहक था | अर्थात मतलब है कि वह
भोजन उपार्जन के लिए
शिकार करना , कंद-मूल-फल-फूल, दाने, पौधे-पत्तियाँ इक्कठा करते थे |
* आखेटक खाद्य संग्राहक
के लोग एक जगह से दूसरी जगह पर घूमते रहते थे अर्थात खानाबदोश की तरह रहते थे |
खानाबदोश जीवन के कारण
* कुछ समय बीतने के बाद
एक जगह पर भोजन के स्रोत समाप्त हो जाते होंगें | इसलिए लोग एक स्थान से दूसरे
स्थान पर जाते थे |
* जानवर भोजन की तलाश
में अथवा अन्य जानवरों के शिकार के लिए एक स्थान से दूसरे स्थान जाते थे | इसलिए
इन जानवरों के शिकार करने वाले लोग इनके पीछे-पीछे जाया करते थे |
* पेड़ों और पौधों में
फल-फूल अलग-अलग मौसम में आते है, इसीलिये लोग उनकी तलाश में उपयुक्त मौसम के
अनुसार अन्य इलाकों में घूमते होंगे |
* कुछ नदियाँ,झील और
तालाब गर्मियों में सूख जाते है , इसलिए लोगों को पानी की तलाश में नई जगह जाना
पड़ता होगा |
आरंभिक मानव के बारे में जाकारी कैसे मिलती है ?
* आरंभिक मानव शिकार करने , फल-फूल काटने, हड्डियां और मांस काटने
और पेड़ों की छाल और जानवरों की खाल उतारने के लिए पत्थरों, लकड़ियों और हड्डियों के
औजार बनाए| इनमें से पत्थरों के औजार आज भी बचे है|
रहने की जगह निर्धारित करना
* आरंभिक मानव का निवास
स्थान गुफाएं एवं कंदराओं , नदियों और झीलों के किनारे मिले है | लोग गुफाओं में
इसलिए रहते थे , क्योंकि यहाँ उन्हें बारिश, धुप और हवाओं से राहत मिलती थी |
भीमबेटका (आधुनिक मध्य प्रदेश ) इसका उदाहरण है |
पुरास्थल :
* पुरास्थल उस स्थान को
कहते है जहां औजार , बर्तन और इमारतों जैसी वस्तुओं के अवशेष मिलते है| ऐसी
वस्तुओं का निर्माण लोगों ने अपने काम के लिए किया था और बाद में वे उन्हें वहीं
छोड़ गए | ये जमीन के ऊपर, अन्दर , कभी-कभी समुद्र और नदी के तल में भी पाए जाते है
|
आग की खोज :
* मानव की पहली खोज आग
जलाने सीखना माना जाता है | आग की खोज पाषाण काल में हुआ था | इस खोज के कारण मानव शिकार को आग में पका
कर खाने लगा, प्रकाश के उपयोग में लाया जाने लगा और खतरनाक जानवरों को दूर आदि
भगाने में इस्तेमाल किया |
पाषाण काल (Stone Age)
आरंभिक मानव शिकार करने एवं अन्य कार्य के लिए औजार बनाने के लिए
पत्थरों का प्रयोग करते थे | इसलिए इस युग को पाषाण काल कहा गया | पाषाण काल को
तीन कालों में विभाजित किया गया है |
* पुरापाषाण काल
* मध्य पाषाण काल
* नव पाषाण काल
पुरापाषाण काल
* इतिहासकारों ने पुरापाषाण
काल का समय 20 लाख से 12 हजार वर्ष पहले तक माना गया है | इस युग के औजार बेढंगे
हुआ करते थे |
* पुरापाषाण काल को तीन
भागों में विभाजित किया गया है | आरंभिक पुरापाषाण काल, मध्य पुरापाषाण काल और
उत्तर पुरापाषाण काल |मानव इतिहास की 99 प्रतिशत घटनाएं इसी काल में घटित हुई |
मध्य पाषाण काल
* इस काल में पर्यावरणीय बदलाव मिलते है |
* इसका समय लगभग 12,000 साल पहले से लेकर 10,000 साल पहले तक माना जाता
है |
* इस काल में पाषाण औजार आमतौर पर छोटे होते थे | इन्ह्ने ‘
माइक्रोलिथ ‘ यानि लघु पाषाण कहा जाता है |
* इस काल में भोजन संग्रहण की शुरुआत मानी जाती है |
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M. PRASAD
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