Thursday 25 November 2021

Class 6 Ncert Notes - Geography for UPSC & Other Exam

Class 6 Ncert Notes- Geography for UPSC & Other Exam 

Geography Chapter -2 Globe : latitudes and Longitudes

Ø  हमारी पृथ्वी गोल नहीं है| उत्तरी एवं दक्षिणी ध्रुवों पर थोड़ी चपटी तथा मध्य में थोड़ी उभरी हुई है |

Ø  ग्लोब : ग्लोब पृथ्वी का लघु रूप में एक वास्तविक प्रतिरूप है|



Ø  ग्लोब विभिन्न आकार एवं प्रकार के हो सकते है – बड़े ग्लोब ,जो आसानी से एक स्थान से दूसरे स्थान नहीं ले जाए सकते; पाकेट में रखने योग्य छोटे ग्लोब तथा गुब्बारे जैसे ग्लोब

Ø  अक्ष : एक सूई ग्लोब में झुकी हुई अवस्था स्थित होती है, जिसे अक्ष कहा जाता है|

Ø  ग्लोब पर दो बिंदु जिनसे होकर सुई गुजरती है , उत्तर तथा दक्षिण ध्रुव है|

Ø  ग्लोब को इस सूई के चारों ओर पृथ्वी की भाँति पश्चिम से पूर्व की ओर घुमाया जा सकता है |

Ø  विषुवत वृत : एक काल्पनिक रेखा ग्लोब को दो बराबर भागों में बांटती है , विषुवत वृत कहा जाता है |

Ø  पृथ्वी के उत्तर में स्थित आधे भाग को उत्तरी गोलार्ध तथा दक्षिण वाले आधे भाग को दक्षिणी गोलार्ध कहा जाता है |

Ø  विषुवत वृत पृथ्वी पर एक काल्पनिक वृत बनाती है और इसका उपयोग पृथ्वी पर विभिन्न स्थानों की स्थिति ज्ञात करने में होता है |

Ø  अक्षांश : विषुवत वृत से ध्रुवों तक स्थित सभी समानंतर वृतों को अक्षांश रेखाएं कहा जाता है | अक्षांशों को अंश में मापा जाता है | विषुवत वृत सबसे बड़ी अक्षांश रेखा है | यह शून्य अक्षांश को दर्शाती है |

Ø  विषुवत वृत के उत्तर में 90 अंश के अक्षांशीय विस्तार को उत्तरी गोलार्द्व तथा विषुवत वृत के दक्षिण में 90 अंश के अक्षांशीय विस्तार को दक्षिणी गोलार्द्व कहते है |

Ø  अक्षांश रेखा की महत्वपूर्ण विशेषताएं :

Ø  ये पूर्व से पश्चिम दिशा में खींची जाती है |

Ø  इनका महत्व किसी स्थान की स्थिति जानने के लिए होती है |

Ø  विषुवत वृत से धुर्वों की ओर अक्षांश रेखा की लम्बाई कम हो जाती है |

Ø  किन्हीं दो अक्षांश रेखाओं के बीच की दूरी समान होती है जो लगभग 111 किलोमीटर की होती है |

Ø  अक्षांश रेखाओं की कुल संख्या 180 है |

Ø  विषुवत वृत सबसे बड़ी अक्षांश रेखा है |

Ø  किन्ही दो अक्षांश रेखाओं के बीच की दूरी के क्षेत्र को कटिबंध (Zone) कहते है |

Ø  23.5 अंश उत्तरी अक्षांश रेखा को कर्क रेखा (Tropic of Cancer) , 66.5 अंश उत्तरी अक्षांश रेखा को उत्तर ध्रुव वृत (Arctic Circle ), 23.5 अंश दक्षिणी अक्षांश रेखा को मकर रेखा और 66.5 अंश दक्षिणी अक्षांश रेखा को दक्षिण ध्रुव वृत (Antarctic Circle ) कहा जाता है |

Ø    पृथ्वी के ताप कटिबंध

Ø  पृथ्वी को तीन ताप कटिबंध में विभाजित किया गया है | 1. उष्ण कटिबंध 2. शीतोष्ण कटिबंध 3. शीत कटिबंध

उष्ण कटिबंध- Torrid Zone 

Ø  उष्ण कटिबंध (उष्ण कटिबंधीय क्षेत्र ) Torrid Zone:  1. यह क्षेत्र 23.5 अंश उत्तर ( कर्क रेखा ) से 23.5 अंश दक्षिण (मकर रेखा ) तक को कहा जाता है |

Ø  सूर्य की किरणें सीधी पड़ती है और पूरे साल गर्म रहता है |

शीतोष्ण कटिबंध- Temperate Zone 

Ø  शीतोष्ण कटिबंध (Temperate Zone ):   यह क्षेत्र 23.5 अंश उत्तर अक्षांश से  66.5 अंश उत्तर अक्षांश एवं 23.5 अंश दक्षिण अक्षांश से  66.5 अंश दक्षिण अक्षांश तक को कहा कहा जाता है |

Ø  इस कटिबंध में सूर्य की किरने तिरछी पड़ती है |

शीत कटिबंध- Frigid Zone 

Ø  शीत कटिबन्ध 66.5 अंश उत्तरी अक्षांश से 90 उत्तरी अक्षांश तथा 66.5 अंश दक्षिणी अक्षांश से 90 दक्षिणी  अक्षांश तक के क्षेत्र को कहा जाता है |

Ø  इस कटिबन्ध में ठंढ बहुत होती है क्योंकि यहाँ सूर्य क्षितिज से ज्यादा ऊपर नहीं आ पाता है |



मेरिडियन एवं देशांतर

Ø  मेरिडियन : दिन का वह समय जब सूर्य अपनी सबसे ऊँची स्थिति में होता है (दोपहर 12 बजे ) जो उत्तरी गोलार्द्व को दक्षिणी गोलार्द्व से जोड़ते है और आधा वृत बनाते है वो मेरिडियन कहलाते है |

Ø  मेरिडियन विषुवत वृत को 90°  पर विभाजित करता है |

Ø  यह गोलार्द्व पर एक दूसरे से मिल जाते है |

Ø  प्रधान देशांतर रेखा : वो मेरिडियन जो की लन्दन की ग्रीनविच वेधशाला से गुजरती है |

Ø  इसे 0° माना जाता है |

Ø  यह पृथ्वी को दो हिस्सों में बांटती है – पूर्वी और पश्चमी

देशांतर :

Ø  एक काल्पनिक रेखा जो उत्तरी ध्रुव और दक्षिणी ध्रुव को मिलाती है , देशांतर कहलाती है |

Ø  यह काल्पनिक रेखा पृथ्वी को दो देशांतरिय भागों में विभाजित करती है – पूर्वी देशांतर और पश्चमी देशांतर |



Ø  पूर्वी देशांतर और पश्चमी देशांतर को विभाजित करने वाली रेखा को प्रमुख याम्योतर (Prime Meridian ) कहा जाता है | प्रमुख याम्योतर का मान 0° देशांतर है तथा यहाँ से 180° पूर्व या 180° पश्चिम तक गणना करते है |

Ø  प्रमुख याम्योतर  तथा 180°  याम्योत्तर मिलकर पृथ्वी को दो समान भागों पूर्वी गोलार्द्व और पश्चमी गोलार्द्व में विभक्त करता है |

जाली (Grid):

Ø  जाली :- जब दो रेखाएं मेरिडियन और समानांतर रेखाएं एक दुसरे को काटती है |

Ø  इससे हमें किसी भी स्थान को पहचानने में आसानी होती है |

Ø  जब हमें देशांतर और अक्षांश की सही-सही जानकारी दी जाए तो आसानी से उस स्थान पर पहुँच सकते है|



Ø  अक्षांश और देशांतर में अंतर : 

अक्षांश

देशांतर

* इससे सर्दी, गर्मी का पता चलता है |

* इससे समय का पता चलता है |

* ये उत्तरी-दक्षिणी  गोलार्द्व को दो भागों में विभाजित करती है |

* ये पूर्वी,पश्चमी गोलार्द्व को दो भागों में विभाजित करती है |

* ये समानतर दूरी वाली रेखाएं होती है

* ये आपस में मिल जाती है |

 

स्थानीय समय

Ø  समय को मापने का सबसे अच्छा साधन पृथ्वी,चन्द्रमा एवं ग्रहों की गति है |

Ø  सूर्योदय और सूर्यास्त विश्व में समय का निर्धारण का सबसे अच्छा साधन है |

Ø  स्थानीय समय का अनुमान सूर्य के द्वारा बन्ने वाली परछाई से लगाया जा सकता है , जो दोपहर में सबसे छोटी और सूर्योदय तथा सूर्यास्त के समय सबसे लम्बी होती है |

Ø  ग्रीनविच पर स्थित प्रमुख याम्योत्तर पर सूर्य जिस समय आकाश के सबसे ऊँचे बिंदु पर होगा , उस समय याम्योत्तर पर स्थित सभी स्थानों पर दोपहर होगी | यानी दोपहर 12 बजे  होंगें |

Ø  जब पृथ्वी पश्चिम से पूर्व की ओर घुमती है तो पूर्व में ग्रीनविच से आगे समय होगा और जो देश पश्चिम में होता है वहां समय पीछे होता है , कारण यह है  कि पूर्व में  सूर्य की किरणें पहले पड़ती है |

Ø  AM- Anti Meridian (12 बजे से पहले )

Ø  PM- Post Meridian ( 12 बजे के बाद )

समय की गणना

Ø  पृथ्वी  24 घंटे में एक चक्कर पूरा करती है |

Ø  360° = 24 घंटे

Ø  360°/24 = 15° = 1 घंटे

Ø  15° = 60 मिनट

Ø  1° = 4 मिनट

Ø  स्थानीय समय देशांतर पर निर्भर करता है | भारत के संदर्भ में अवलोकन करते है | भारत में 82.30° पूर्व  को मानक याम्योत्तर माना जाता है | अत:  भारत का स्थानीय समय क्या होगा ?



Ø  1°= 4 मिनट , अत:  82.30° पूर्व * 4 मिनट = 330 मिनट

Ø  330/60 घंटे =  5 घंटे 30 मिनट

Ø   भारत का स्थानीय समय ग्रीनविच से  5 घंटे  30 मिनट आगे है | इसलिए जब लंदन में दोपहर  12 बजे होंगे , तब भारत में शाम के 5:30 बजे होंगे |

Also read: 

👉  इतिहास  कक्षा -6 अध्याय - 1 : क्या , कहां, कैसे और कब 

👉  इतिहास कक्षा -6 अध्याय - 2 : आरंभिक मानव की खोज 

👉 भूगोल  कक्षा - 6 अध्याय - 1 : सौरमंडल में पृथ्वी 

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