Sunday 18 July 2021

The Making of a Globalisation-ncert notes and solutions


The Making of a Globalisation-ncert notes and solutions


* भूमंडलीकरण की अवधारणा विगत 50 दशकों में विकसित हुई है |


* इस प्रक्रिया का उदय प्राचीनकाल से ही हो चुका था |


* भूमंडलीकरण - विश्व के विभिन्न हिस्सों में रहने वाले लोग व्यापार , रोजगार की तलाश , धार्मिक यात्रा , ज्ञान-विज्ञान प्राप्त करने , घूमने आदि के उद्वेश्य से एक -दूसरे के सम्पर्क में आते है , भूमंडलीकरण/वैश्वीकरण की संज्ञा देते है |


भूमंडलीकरण/ वैश्वीकरण को बढावा देने वाले कारक:


1. व्यापार


2. भौगोलिक खोजे


3. धार्मिक यात्राएं


4.यात्रा भ्रमण


5. शिक्षा –चिकित्सा


6. राष्ट्रीय राज्यों के उदय


7. औद्योगिक क्रान्ति


8. उपनिवेशवाद


9. रोजगार की तलाश


10. सभ्यता और संस्कृति


11. खान-पान


12. बीमारियाँ



* सिल्क रूट :

- ईसा की आरम्भिक सदियों में सबसे प्रमुख व्यापारिक मार्ग रेशम मार्ग था |

- रेशम मार्ग चीन से आरम्भ होकर स्थल मार्ग द्वारा मध्य एशिया होते हुए यूरोप तक जाता था , इस मार्ग से चीनी रेशम के अतिरिक्त चीनी मिट्टी के बर्तन , भारत और दक्षिण एशियाई देशों के वस्त्र , मसाले , सुगन्धित पदार्थ यूरोप के विभिन्न भागों तक ले जाए जाते थे , इसलिए इस मार्ग का नाम "रेशम मार्ग" कहा जाता है |




- 1453 ई० में सल्जूक तुर्कों के द्वारा कुस्तुतूनिया ( तुर्की का शहर ) पर अधिकार करने के कारण रेशम मार्ग बंद हो गया | यूरोपीय देशों ने एशियाई देशों से व्यापारिक सम्बन्ध स्थापित करने के उद्वेश्य से समुद्री मार्ग का पता लगाया |

* भोज्य पदार्थों का आदान प्रदान :

- भूमंडलीकरण का परिणाम यह हुआ की विभिन्न देशों के खाद्य वस्तुओं एक -दूसरे के देशों में जाने लगी |

- चीनी नुडल्स पश्चमी देशों में पहुंचा |

- 5वीं शताब्दी में अरब यात्री पास्ता सिसली (इटली ) ले गये |

- क्रिस्टोफर कोलंबस अमेरिका से आलू , सोया, मूंगफली , मक्का , टमाटर , मिर्च , शकरकंद इत्यादी अपने साथ यूरोप ले गया जहाँ से एशिया आए |

विजय , बीमारी और व्यापार

* कुस्तुन्तुनिया का पतन (1453 ई०) और यूरोप में पुनर्जागरण ने सामुद्रिक खोजो की और प्रोत्साहित किया |

* 1492 ई० में कोलम्बस द्वारा अमेरिका की खोज ने यूरोपीय देशों को आकृष्ट किया |

* आज के पेरू और मैक्सिको में मौजूद खानों से निकलने वाली खासतौर से चांदी ने यूरोप की सम्पदा को बढ़ाया और पश्चिम एशिया के साथ होने वाले व्यापार की गति प्रदान की |

* यूरोपियन लोगो में एक किवदन्ती ने "एल डोराडो " को सोने का शहर मानने लगे और उसके खोज में बहुत सारे खोजी अभियान शुरू किए गए |

* अमेरिका में उपनिवेश स्थापित करने में स्पेन और पुर्तगाल आगे थे |

* अमेरिका पर विजय प्राप्त करने में सैनिक शक्ति के अलावा चेचक जैसी घातक बीमारी ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई | अमेरीकी निवासियों में चेचक से लड़ने के लिए प्रतिरोधी क्षमता की कमी के कारण पूरे के पूरे समुदाय को खत्म कर दिया और उपनिवेश का रास्ता सुगम कर दिया |

* 19वीं सदी तक यूरोप में बीमारी , भुखमरी , बेरोजगारी और धार्मिक टकराव ने आराजकता जैसा माहौल बना दिया था |

* हजारों लोग यूरोप से भाग आमेरिका जा पहुचे और अफ्रीका से पकड़ कर लाए गए गुलामों को बागानों में काम में लगा कर यूरोपीय बाजारों के लिए कपास और चीनी का उत्पादन किया जाने लगा |

* अब यूरोप विश्व व्यापार का केंद्र बन गया |

अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक विनिमय :

* अर्थशास्त्रियों ले अनुसार अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक विनिमय तीन प्रकार के प्रवाहों पर आधारित होता है -

1. व्यापार- वस्तुओं के क्रय -विक्रय से सम्बन्धित

2. श्रम - काम के तलाश में एक स्थान से दूसरे स्थान तक आवागमन करना

3. पूंजी - अल्प या दीर्घ अवधि के लिए दूर-दराज इलाके में निवेश करना

विश्व अर्थव्यवस्था का आरम्भ :

* ब्रिटेन में कार्न लॉ और इसके प्रभाव :

- 18 वीं सदी में ब्रिटेन में निम्नलिखित बदलाव आये

- जनसंख्या में वृद्वि

- खाद्यान्न की मांग में वृद्वि

- औद्योगिकीकरण

- कृषि उत्पादों के मूल्य में वृद्वि

* कार्न लॉ : ब्रिटेन की सरकार ने भूस्वामियों के दबाब में आकर मक्का के आयात पर पाबंदी लगा दी , इसे ही कार्न लॉ कहते है |

परन्तु अनाज की बढ़ती कीमतों से शहरों में रहनेवाले लोगों ने कार्न लॉ का विरोध करने लगे , सरकार को बाध्य होकर कार्न लॉ वापस लेना पड़ा |

* अनाजो के आयात से ब्रिटेन में कीमते गिर गयी , खेती करना लाभ हीन हो गया , लोग गाँव छोड़कर शहर की और पलायन कर गये |

* अनाजों की कीमतों में कमी आने से ब्रिटेन के लोगो की उपभोग क्षमता बढ़ गयी , औद्योगिक विकास ने लोगो की क्रय शक्ति में वृद्वि हुई और पूर्वी यूरोप , रूस , अमेरिका , भारत , और आस्ट्रेलिया से भारी तादाद में अनाज का आयात बढ़ गया |

* नई जमीन साफ कर खेती लायक बनाया जाने लगा , बन्दरगाह विकसित होने लगे , उद्योग , बड़े शहर , खेतीहर इलाके से बन्दरगाह को जोड़ने के लिए रेलवे और सड़क व्यवस्था मजबूत किया जाने लगा |

* 19 वें सदी में यूरोप के लगभग 5 करोड़ लोग अमेरिका और आस्ट्रेलिया में जाकर बस गये |

* 189० तक वैश्विक कृषि अर्थव्यवस्था का विकास हो चूका था |इस घटनाक्रम के साथ ही श्रम विस्थापन , पूंजी प्रवाह , पारिस्थितिकी और तकनीक में अमूल बदलाव आ चुके थे |

तकनीक की भूमिका:
* रेल , हल्के पानी जहाज , टेलीग्राम आदि नये तकनीक का आविष्कार

* यातायात और संचार व्यवस्था में सुधार

* सामान ढुलाई के लिए हल्के वैगन का निर्माण

* मछली और मांस जैसे जल्द नष्ट होने वाले सामाग्री के सुरक्षा हेतु " रेफ्रीजरेटर" की व्यवस्था

19 वीं शताब्दी के उत्तरार्द्व में उपनिवेशवाद :

* व्यापार के विकास के साथ ही यूरोपीय देशों ने एशिया और अफ्रीका में अपने उपनिवेश स्थापित कर लिए |

* 15वीं शताब्दी के दौरान पुर्तगाली , डच , अंग्रेज और फ्रांसीसी ने भारत में राजनीतिक और आर्थिक प्रभुत्व कायम किये |

* सर हेनरी मार्टन स्टैनली ने अफ्रीका के विभिन्न भागों का अन्वेषण किया और नक्शा बनाया |

* 1885 ई० में बर्लिन सम्मलेन द्वारा यूरोपीय राष्ट्रों ने अफ्रीका का आपसी बंटबारा कर लिया |

* बेल्जियम , स्पेन , जर्मनी , अमेरिका जैसे देश भी उपनिवेशवाद के दौड़ में शामिल हो गया |

उपनिवेशवाद के दुष्प्रभाव :

* उपनिवेशों का आर्थिक दोहन किया गया |

* उपनिवेशों के राजनीतिक और सामाजिक जीवन पर अपना वर्चस्व स्थापित कर वहां अपनी व्यवस्था स्थापित की |

* आर्थिक दोहन से उपनिवेशों में गरीबी और बेरोजगारी बढ़ गयी |




महायुद्वों के बीच अर्थव्यवस्था :

संसार में दो महायुद्व हुए | प्रथम विश्व युद्व - 1914-1918 ई० तक और द्वीतीय विश्व युद्व - 1939-1945 ई० तक | इन महायुद्वों ने विश्व के पटल पर गहरा प्रभाव डाला |

- प्रथम विश्व युद्व - 1914 ई० में आरम्भ हुआ | इस दौरान विश्व दो भागों में विभाजित हो गया |

पहला गुट मित्र राष्ट्र - ब्रिटेन , फ्रांस और रूस ( बाद में अमेरिका शामिल हुआ ), दूसरा गुट धूरी राष्ट्र - जर्मनी , आस्ट्रिया -हंगरी और तुर्की

* प्रथम महायुद्व 1918 ई० तक चला | इसकी समाप्ति 1919 ई० के पेरिस शांति सम्मेलन के समझौते से हुई |

प्रथम महायुद्व के परिणाम :

1. - इस युद्व में विकसित औद्योगिक राष्टों ने भाग लिया | इस युद्व में घातक हथियारों , टैंक , मशीनगन , हवाईजहाजो , जलपोतों , और रासायनिक अस्त्र-शस्त्रों का प्रयोग हुआ |

2. इस युद्व में अनुमानत: 90 लाख लोग मारे गए एवं दो करोड़ लोग घायल हुए |

3. विश्व युद्व ने सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन भी लाया | मर्द युद्व के मोर्चे पर था और महिलाएं उद्योगों में काम करना आरम्भ किया ताकि युद्व सामाग्री का निर्माण होता रहे |

4. अमेरिका को छोड़ कर युद्व में शामिल सभी राष्ट्रों के अर्थव्यवस्था चरमरा गयी | ये सभी राष्ट्र अमेरिका के कर्जदार हो गये |

5. भारतीय उद्योगपतियों ने कपड़ा, जूट , खनन , लोहा और इस्पात जैसे उद्योगों में पूंजी निवेश कर इन उद्योगों का विकास किया |

प्रथम विश्व युद्व के बाद आर्थिक अर्थव्यवस्था :

* इस युद्व में ब्रिटेन की आर्थिक व्यवस्था चरमरा गयी | भारतीय बाजार में ब्रिटेन का एकाधिकार समाप्त हो गया |

* युद्व के दौरान उत्पादन और रोजगार में वृद्वि हुई परन्तु युद्व के खत्म होने वाले के बाद उत्पादन गिर गया और बेकारी बढ़ गयी |

* 1921 में हर पांच में से एक ब्रिटिश मजदूर के पास काम नही था |

* युद्व के लम्बा खीचने से कृषि उत्पाद (गेंहू ) का केंद्र पूर्वी यूरोप से हटकर कनाडा , अमेरिका और आस्ट्रेलिया हो गया |

* युद्व के समाप्ति उपरांत पूर्वी यूरोप में पुन: गेंहू का उत्पादन बढ़ गया , परिणामत: गेहूं का मूल्य गिर गया और किसान कर्जदार बन गए |

प्रथम विश्व युद्व के बाद आर्थिक अर्थव्यवस्था ( युद्वोत्तर सुधार )

* इस युद्व में ब्रिटेन की आर्थिक व्यवस्था चरमरा गयी | भारतीय बाजार में ब्रिटेन का एकाधिकार समाप्त हो गया |

* युद्व के दौरान उत्पादन और रोजगार में वृद्वि हुई परन्तु युद्व के खत्म होने वाले के बाद उत्पादन गिर गया और बेकारी बढ़ गयी |

* 1921 में हर पांच में से एक ब्रिटिश मजदूर के पास काम नही था |

* युद्व के लम्बा खीचने से कृषि उत्पाद (गेंहू ) का केंद्र पूर्वी यूरोप से हटकर कनाडा , अमेरिका और आस्ट्रेलिया हो गया |

* युद्व के समाप्ति उपरांत पूर्वी यूरोप में पुन: गेंहू का उत्पादन बढ़ गया , परिणामत: गेहूं का मूल्य गिर गया और किसान कर्जदार बन गए |

प्रथम विश्व युद्व के बाद अमेरिकी अर्थव्यवस्था :( बड़े पैमाने पर उत्पादन और उपभोग )

* प्रथम विश्व युद्व से सबसे अधिक अमेरिकी अर्थव्यवस्था को लाभ हुआ |

* 1920 के दशक की अमेरीकी अर्थव्यवस्था की एक बड़ी खासियत थी - वृहत उत्पादन |यूरोपीय देशों को कर्ज देने से अमेरीकी अथव्यवस्था में उत्पादन बढाने के लिए नई तकनीको का प्रयोग होने लगा |

* वृहत उत्पादन की नीति कार निर्माता हेनरी फोर्ड ने अपनाया |

* हेनरी फोर्ड ने शिकागो के बुचडखाने की असेम्बली लाइन तकनीक को उन्होंने " डेट्रायट" स्थित कारखाने में प्रयोग किया |

* असेम्बली लाइन से हर तीन मिनट में एक तैयार मोटरकार का निर्माण होने लगा |

* इस पद्वती से बनी कार का नाम "टी - माडल" था |




वृहत उत्पादन व्यवस्था से लाभ :

* इंजीनियरिंग आधारित चीजों के लागत और कीमत में कमी आई |

* मजदूरों के वेतन बढने से उनकी आर्थिक स्थति में सुधार हुआ |

* साधारण वर्ग में उपभोक्ता वस्तुओं की मांग बढने लगी |

* रेडियों , ग्रामोफोन प्लेयर्स , रेफ्रीजरेटर , वाशिंग मशीन आदि का उत्पादन होने लगा |

* 1919 में अमेरीका में कार उत्पादन 20 लाख से बढकर 1929 में 50 लाख तक हो गयी |

* उत्पादकों ने अपना सामान बेचने के लिए " हायर -परचेज " (क़िस्त) की व्यवस्था की

* 1920 के दशक में अमेरिका में भवन निर्माण और उपभोक्ता सामानों के उत्पादन से पूंजी निवेश हुआ |

* अमेरका के आयात और पूंजी निर्यात से यूरोप के अनेक राष्ट आर्थिक संकट से निकलने में सफल रही |

आर्थिक महामंदी :(1929)

1929-1930 के दौरान औद्योगिक उत्पादन की तुलना में कृषि उत्पादों की की कीमतों में आशातीत गिरावट लम्बे समय तक रहने से विश्व आर्थिक महामंदी के गिरफ्त में फंस गया |

आर्थिक महामंदी के कारण :

* कृषि क्षेत्र में अति उत्पादन की समस्या |

* कृषि उत्पाद के कीमतों में गिरावट

* किसानों ने अपनी आय का स्तर बनाये रखने के लिए और अधिक माल पैदा की जिससे कीमत और कम हो गयी |

* खरीदारों के अभाव में अनाजे सड़ने लगी |

* न्यूयार्क स्टाक एक्सचेंज में शेयरों में भारी गिरावट आयी |

* 1920 के दशक में यूरोपीय देश अमेरका से कर्ज लेकर अर्थव्यवस्था को खड़ा किया |परन्तु लोगों की क्रय शक्ति घटने से अमेरीकी उद्यमियों को झटका लगा |

आर्थिक महामंदी का प्रभाव :

* अमेरकी बैंक कर्ज न लौटने से दीवालिया हो गयी |

* गरीबी और बेरोजगारी बढ़ गयी |

* ब्रिटिश मुद्रा (पाउंड) के मूल्य में गिरावट आयी |

* किस्सनों के आमदनी गिर जाने के कारण बैंको को कर्ज नही लौटा पाए , परिणामत: उनकी चल अचल सम्पति नीलाम क्र दी गयी |


* जर्मनी की मुद्रा का अवमूल्यन हो गया , बेरोजगारी बढ़ गयी जिसका लाभ हिटलर ने उठाया |

* ब्रिटेन भी महामंदी का शिकार हुआ , उसने बाजार संरक्षणवाद की नीति अपनाई जिससे विश्व बाजार काफी प्रभावित हुआ |

भारत और महामंदी :

1929-1930 ई० के महामंदी से भारतवर्ष भी अछूता नही रहा और भारतीय अर्थव्यवस्था को भी प्रभावित किया |

*1928-1934 के बीच देश का आयात -निर्यात घटकर लगभग आधे रह गए |

* 1928-1934 के बीच भारत में गेहूं की कीमत 50% तक गिर गयी |

* पटसन की कीमत 60% से भी ज्यादा गिरावट दर्ज की गयी |

* भारतीय काश्तकार जो वैश्विक बाजार के लिए अनाजों का उत्पादन करते थे , मूल्य में कमी होने के कारण आर्थिक स्थिति दयनीय हो गयी |

* सरकार को लगान चुकाने में असमर्थ थे |

* किसान कर्ज और गरीबी में जीवन बिताने को मजबूर हो गए |

* किसानों को कर्ज चुकाने और घर-बार चलाने के लिए अपनी जमीन महाजनों के पास गिरवी रखनी पडी , उनके आभूषण बिक गए |

* अर्थशास्त्री कीन्स का मानना था की भारतीय सोने के निर्यात से वैश्विक अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने में महत्वूर्ण योगदान था |

* शहरी क्षेत्रों में रहनेवाले सम्पन्न वर्ग , जमींदार, मध्यम वर्ग , वेतन भोगी कर्मचारी वर्गों का आय के साधन निश्चित होने से मंदी का प्रभाव कम पडा |

* राष्ट्रवादी नेताओं के दबाव में सरकार ने घरेलू उद्योगों को संरक्षण देने से निवेश बढ़ा जिसका लाभ शहरी लोगों को मिला |

विश्व अर्थव्यवस्था का पुनर्निमार्ण : युद्वोतर काल

प्रथम विश्व युद्व समाप्त होने के 20 वर्ष बाद ही दूसरा विश्व युद्व आरम्भ हुआ | यह युद्व 1939-1945 ई० के मध्य हुआ |

* विश्व दो गुटों में विभाजित हो गया प्रथम गुट ( मित्र राष्ट्र )- ब्रिटेन , फ़्रांस , सोवियत रूस और अमेरिका , दूसरा गुट ( धुरी राष्ट्र ) - जर्मनी , इटली , जापान |

द्वितीय विश्व युद्व का प्रभाव :

* यह युद्व जमीन , हवा , जल में असंख्य मोर्चे पर लड़ा गया |

* इस जंग में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से करीब 6 करोड़ लोग मारे गए , करोड़ों घायल हुए |
* एशिया और यूरोप के बड़े -बड़े शहर तबाह हो गए

* इस युद्व के बाद विश्व में दो शक्तिशाली देशों का उदय हुआ - अमेरिका और सोवियत रूस |

युद्वोत्तर बन्दोबस्त और ब्रेटन - वुड्स संस्थान :

* दो विश्व युद्वों के बीच आर्थिक अनुभवों से सिख लेकर विश्व के अर्थशास्त्रियों एवं राजनेताओं ने दो उपायों के निष्कर्ष पर पहुँचा |

1. वृहत उत्पादन , व्यापक उपभोग , स्थिर आय एवं रोजगार कायम रखने के लिए सरकारी हस्तक्षेप एवं नियन्त्रण आवश्यक है |

2. आर्थिक स्थिरता एवं अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक सम्बन्धों को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक था कि सरकार वस्तुओं , पूंजी और श्रम के प्रवाह को नियंत्रित करे |

उपर्युक्त मसलों पर विचार-विमर्श के लिए अमेरका के न्यू हैम्पशायर के ब्रेटन बुड्स नामक स्थान पर जूलाई 1944 को एक सम्मेलन आयोजन किया गया | इस सम्मेलन में दो अंतर्राष्ट्रीय संस्थान का गठन का निर्णय लिया गया |

1. अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ( IMF- International Money Fund)- सदस्य देशों के विदेश व्यापार में लाभ और घाटे से निपटने के लिए IMF की स्थापना |

2. अंतर्राष्ट्रीय पुनर्निर्माण एवं विकास बैंक ( The International Bank for Reconstruction and Development)(world Bank) - इस संस्था का उद्वेश्य युद्वोत्तर पुनर्निर्माण के लिए पैसे का इंतजाम करना |

* विश्व बैंक एवं आई . एम. एफ को "ब्रेटन बुड्स संस्थान की जुड़वाँ बहन" भी कहा जाता है | इस आर्थिक व्यवस्था को ब्रेटन बुड्स व्यवस्था भी कहा जाता है |

*यह संस्था 1947 से काम करना शुरू किया | अमेरिका विश्व बैंक और आई . एम. एफ के किसी भी फैसले को वीटो कर सकता है |

* वीटो (निषेधाधिकार ): इस अधिकार के सहारे एक ही सदस्य की असहमति किसी भी प्रस्ताव को खारिज करने का आधार बन जाती है |


अनौपनिवेशीकरण और स्वतन्त्रता :

* दूसरा विश्व युद्व के बाद एशिया और अफ्रीका के ज्यादातर उपनिवेश स्वतंत्र , स्वाधीन राष्ट्र बन चुके थे , परन्तु सभी देश अतिशोषण के कारण गरीबी और संसाधनों के कमी से जूझ रहे थे |

* अविकसित और विकासशील देश विश्व बैंक और आई. एम.एफ. से ही कर्ज लेने को मजबूर थे जिसपर भूतपूर्व औपनिवेशिक शक्तियों का ही वर्चस्व था |

* विकासशील देश औद्योगिक देशों के बहुराष्ट्रीय कम्पनियों के शोषण से बचने एवं अपने संसाधनों पर पूर्ण नियंत्रण हेतु एक नयी अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक प्रणाली ( New International Economic Order - NIEO) और ग्रुप -77 (1964 में स्थापित ) के रूप में संगठित हुए |

* ग्रुप -77 का उद्वेश्य :

- अपने देश के संसाधनों पर सही मायने में नियंत्रण

- विकास के आर्थिक सहायता

- कच्चे माल के लिए सही कीमत

- तैयार मालों के लिए विकसित देशों के बाजारों में पहुँच

ब्रेटन बुड्स का समापन और वैश्वीकरण की शुरुआत
:

* अंतर्राष्ट्रीय मौद्रिक व्यवस्था राष्ट्रीय मुद्राओं और मौद्रिक व्यवस्था को एक-दूसरे स जोड़ने वाली व्यवस्था है |

* इस व्यवस्था में राष्ट्रीय मुद्राएं , जैसे भारतीय रूपया - डालर के साथ एक निश्चित विनिमय दर से बंधा हुआ था |

* एक डालर के बदले कितने रूपये देने होंगे , यह स्थिर था |

* डालर का मूल्य सोने से बंधा था | एक डालर का मूल्य 35 औंस सोने के मूल्य के बराबर निर्धारित थी |
* 1970 के दशक के दौरान अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों में भारी बदलाव आ चुके थे |

* बेरोजगारी और गरीबी खासतौर से अफ्रीका और लैटिन अमेरिका में बढने लगी |

* 1990 के दशक में बहुराष्ट्रीय कम्पनियां ऐसे देशों का रुख करने लगी जहाँ उपभोग , बाजार की क्षमता ज्यादा मिले और लागत मूल्य कम हो | ऐसे में वैश्विक व्यापार और पूंजी प्रवाहों पर भी असर पड़ा|

* भारत , चीन और ब्राजील आदि देशों की अर्थव्यवस्थाओं में आए बदलावों के कारण दुनिया का आर्थिक भूगोल पूरी तरह बदल गया |


विनिमय दर :
इस व्यवस्था के जरिये अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के सुविधा के लिए देशों की राष्ट्रीय मुद्राओं को एक-दूसरे से जोड़ा जाता है |

विनिमय दर के प्रकार
1. स्थिर विनिमय दर : जब विनिमय दर स्थिर होती है और उनमें आने वाले उतार-चढावो को नियंत्रित करने के लिए सरकारों को हस्तक्षेप करना पड़ता है

2. अस्थिर विनिमय दर / परिवर्तन विनियम दर : इस तरह की विनिमय दर विदेशी मुद्रा बाजार में विभिन्न मुद्राओं की मांग या आपूर्ति के आधार पर और सरकारों के हस्तक्षेप के बिना घटती - बढ़ती रहती है |

वस्तुनिष्ठ प्रश्न 

1. झटपट झटपट तैयार होने वाले कुछ खाद्य पदार्थों के उदाहरण दीजिए ।
1. स्पैघेत्ती, नूड्ल्स, पास्ता
2. मक्का,शकरकंद, सोया
3. मटर, आलू, मूँगफली
4. उपर्यक्त सभी

2. प्राचीन काल में यात्री व्यापारी पुजारी और तीर्थयात्री किन उद्देश्यों से दूर-दूर की यात्राएं करते थे ?
1. धर्म का प्रचार करने के लिए
2. व्यापार और ज्ञान के लिए
3. ज्ञान , अवसरों, आध्यात्मिक शांति तथा यातना पूर्ण जीवन से बचने के लिए
4. घूमने फिरने के लिए

3. रेशम मार्ग किन किन क्षेत्रों को जोड़ते थे ?
1. एशिया के विशाल क्षेत्र को यूरोप और उत्तरी अफ्रीका से
2. चीन को सऊदी अरब से
3. वियतनाम, चीन और यूरोप को
4. दक्षिण पूर्व एशिया को यूरोप से

4. व्यापार अधिशेष से क्या समझते है ?
1. वस्तुओ. के आयात-निर्यात के मूल्य का अंतर
2. व्यापारियों की वस्तुओ की कीमतों में अंतर
3. व्यापार में घाटा होना ।
4. व्यापार में निवेश करना

5. लचीली या परिवर्तनशील विनिमय दर प्रणाली से क्या तात्पर्य है ?
1. मुद्रा का बार-बार बदलना
2. मुद्रा के माध्यम से विनिमय करना
3. विदेशी मुद्रा बाजार में करेंसी की कीमत मांग और पूर्ति के आधार पर होती है
4. वस्तुओं से वस्तुओं की खरीद बिक्री करना

6. अर्थशास्त्रियों ने अंतरराष्ट्रीय आर्थिक विनिमय में कितने तरह की गतियों या प्रवाहों का उल्लेख किया है ?
1. एक तरह की गति या प्रवाह का उल्लेख किया है
2. दो तरह की गति या प्रवाह का उल्लेख किया है
3. तीन तरह की गति या प्रवाह का उल्लेख किया है
4. चार तरह की गति या प्रवाह का उल्लेख किया है

7. समूह 77 या NIEO का गठन क्यों किया गया ?
1. विश्व में शांति व्यवस्था बनाने के लिए
2. विश्व व्यापार को बढ़ाने के लिए
3. एक ऐसी व्यवस्था जिसमें विकासशील देशों को अपने संसाधनों पर सही मायनों में नियंत्रण प्राप्त हो सके , जिसमें उन्हें अपने विकास के लिए अधिक सहायता मिले, कच्चे माल का सही दाम मिले तथा वे अपना उत्पादित माल विकसित देशों में बेच सकें ।
4. पर्यावरण संरक्षण के लिए

8. भूमण्डलीकरण या वैश्वीकरण क्या है ?
1. सम्पूर्ण विश्व का एक होना
2. संयक्त राष्ट्र की स्थापना
3. विश्व व्यापार को बढ़ाना
4. एक देश की अर्थव्यवस्था को दूसरे देश की अर्थव्यवस्था से सम्पूर्ण विश्व के विभिन्न देशों की अर्थव्यवस्था का एक दूसरे से विभिन क्षेत्रों के माध्यम से जुड़ा हुआ ही भूमण्डलीकरण या वैश्वीकरण कहलाता है ।

9. ब्रेटन वूडस व्यवस्था का आधार क्या था ?
1. एक शांतिपूर्ण समझौता
2. विश्व में शांति व्यवस्था बनाई जाए
3. विश्व के देशों का तेजी से आर्थिक विकास करना
4. निश्चित विनिमय दर

10. विनिमय दर क्या है ?
1. वस्तुओं और सेवाओं की खरीद बिक्री
2. एक देश की तुलना में दूसरे देश की मुद्रा की दर
3. खरीद-बिक्री का एक माध्यम
4. भविष्य में व्यापार के लिए निश्चित डर

11. युद्व के बाद अंतरराष्ट्रीय आर्थिक व्यवस्था का मुख्य उद्देश्य क्या था ?
1. औद्योगिक विश्व में आर्थिक स्थिरता एवं पूर्ण रोजगार
2. अर्थव्यवस्था को मजबूत करना
3. कृषि को विकसित करना
4. यातायात और संचार के साधनों को विकसित करना

12. "कार्न ला " क्या है ?
1. कृषि के विकास से संबंधित कानून
2. मजदूरो के कल्याण के लिए बनाया गया कानून
3. औधोगिक विकास के लिए बनाया गया कानून
4. ब्रिटेन में मक्का के आयात पर पाबंदी लगाने वाले कानून

13. भारत में ज्यादातर अनुबंधित श्रमिक किन इलाकों से विदेशों में जाते थे ?
1. पंजाब , हरियाणा और राजस्थान
2. पूर्वी उत्तरप्रदेश, बिहार, मध्य भारत, तामिलनाडु
3. बंगाल, उड़िसा, आंध्रप्रदेश से
4. गुजरात महाराष्ट्र, राजस्थान से

14. ब्रेटन वूडस की जूड़वा संतान किसे कहा जाता है ?
1. विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष
2. संयुक्त राष्ट्र संघ और यूरोपीय संघ
3. गुट निरपेक्ष आंदोलन और सार्क
4. ओपेक और आसियान

15. चेचक किस प्रकार से अमेरिका पहुंचा?
1. स्पेनिश व्यापारियों के माध्यम से
2. स्पेनिश मछुआरों के माध्यम से
3. स्पेनिश सैनिकों और अफसरों के माध्यम से
4. स्पेनिश कलाकारों के माध्यम से

16." केनाल कालोनी" किसे कहते है ?
1. नहर के किनारे बसने वाले लोगों की कॉलोनी
2. करनाल नगर का प्रारंभिक नाम
3. कृषक ,जो सिचांई व्यवस्था के लिए किसी भी स्थान पर जाकर बस्ते थे
4. किसी नगर के एक विशेष क्षेत्र

17. ब्रिटेन व्यापार में हमेशा भारत के साथ "व्यापार अधिशेष"की अवस्था में रहता था । क्यों?
1. दोनों देशों के वस्तुओं की कीमतों में अंतर होना
2. ब्रिटेन ने भारतीय वस्तुओ पर अधिक कर लगाया
3. ब्रिटिश सरकार की आर्थिक नीति सही नही थी
4. ब्रिटेन भारत को अधिक निर्यात करता था

18. साम्राज्यवादी देशों ने अफ्रीका का किस समझौते के तहत बंटबारा किया ?
1. 1885 का पेरिस समझौता
2. 1885 का बर्लिन समझौता
3. 1875 का वियना समझौता
4. 1890 का लन्दन समझौता

19. रिंदरपेस्ट बीमारी ने किस देश के लोंगो की आजीविका और अर्थव्यवस्था पर बुरा प्रभाव पड़ा ?
1. अफ्रीका
2. यूरोप
3. अमेरिका
4. एशिया

20. 17वीं शताब्दी के मध्य में स्पेन के विजेताओं द्वारा अमरीका को अपना उपनिवेश बनाने के लिए निम्नलिखित में से कौन से शक्तिशाली हथियारों का प्रयोग किया ?
1. परम्परागत हथियार
2. आधुनिक सैनिक हथियार
3. चेचक के कीटाणुओं वाले जैविक हथियार
4. नाभिकीय हथियार

21. 1928 से 1934 के बीच , भारत में गेहूं की कीमत50% तक क्यों गिर गई ?
1. कम उत्पादन के कारण
2. बाद के कारण
3. महामन्दी के कारण
4. सूखा के कारण

22. भारत में ज्यादातर अनुबंधित श्रमिक निम्न में से किस क्षेत्र से आते थे ?
1. पूर्वी उत्तरप्रदेश
2. पूर्वोत्तर राज्य
3. जम्मू काश्मीर
4. इनमें कोई नही

23. निम्न में से कौन से देशों का समूह "मित्र राष्ट्र ' के नाम से जाना जाता था ?
1. जर्मनी , जापान और इटली
2. ब्रिटेन , फ्रांस और रूस
3. भारत , फ्रांस और इटली
4. इनमें कोई नही

24. महामन्दी किस वर्ष में प्रारंभ हुई ?
1. 1928
2. 1929
3. 1930
4. 1931

25. निम्न में से कौन सा पहला यूरोपीय देश था जिसने अमेरिका पर विजय प्राप्त की थी ?
1. फ्रांस
2. ब्रिटेन
3. स्पेन
4. जर्मनी

26. अमेरिका की खोज किसने की?
1. वास्कोडिगामा
2. केपलर
3. कोलम्बस
4. मैगेलन

 1. 1       2. 3      3. 1          4. 1     5. 3
 6. 3       7. 3      8. 4         9. 4      10. 2
11.1      12. 4     13. 1      14.1      15. 3
16.1      17. 1     18. 2      19. 1      20.3
21.3      22. 1     23. 1       24. 2     25.3
26. 3


समाप्त


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