महाकाव्य
रामायण एवं महाभारत भारत के 2 सर्वाधिक प्राचीन महाकाव्य है ।
उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर दोनों महाकाव्य की रचना कॉल चौथी सदी ईस्वी पूर्व से चौथी शती ईस्वी के मध्य माना जाता है ।
"रामायण"
रामायण की रचना महर्षि बाल्मीकि के द्वारा संस्कृत भाषा में किया गया है ।
इसमें मात्र 12000 अश्लोक थे परंतु वर्तमान में 24000 श्लोक हैं ।
वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण सात खंडों में विभक्त है।
1. बालकांड 2. अयोध्या कांड 3. अरण्य कांड 3. किष्किंधा कांड
4. सुंदरकांड 5. युद्ध कांड
7. उत्तराखंड
महाकाव्य रामायण में तत्कालीन समय के राजनीतिक सामाजिक और धार्मिक स्थिति का ज्ञान तब पता चलता है ।
भुसुंडि रामायण को आदि रामायण कहा जाता है ।
" महाभारत"
महाभारत महाकाव्य की रचना महर्षि व्यास ने किया है ।
आरंभ में 8880 लोग थे इसलिए इसका नाम जय संहिता था ।
जब इसमें श्लोक की संख्या बढ़कर 24000 हो गई तब इसे भारत कहा गया ।
कालांतर में इसमें 100000 श्लोक हो गए और इसे महाभारत कहा जाने लगा ।
इस महाकाव्य में मूल कथा कौरवों पांडवों के युद्ध पर आधारित है ।
महाभारत में 18 पर्व है ।
आदि पर्व , सभा पर्व , वन पर्व , विराट पर्व , उद्योग पर्व ,. भीष्म पर्व , द्रोण पर्व , कर्ण पर्व शल्य पर्व , स्वास्तिक पर्व , स्त्री पर्व , शांति पर्व, अनुशासन पर्व , अश्वमेघ पर्व , आश्रम वासी पर्व , मौसम पर्व , महाप्रस्थानिका पर्व , स्वर्गारोहण पर्व
महाभारत का प्रारंभिक उल्लेख आश्वलायन गृह्य सूत्र में मिलता है ।
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