सामाजिक सुधार आंदोलन - दयानन्द सरस्वती
सामाजिक -धार्मिक सुधार आंदोलन
आर्य समाज
दयानंद सरस्वती
जन्म - 12 फरवरी 1824 ( काठियावाड़)
मृत्यु - 30 अक्टूबर 1883 ( अजमेर )
* बचपन का नाम - मूल शंकर , (पूर्णानंद ने दयानंद सरस्वती का नाम दिया था)
* गुरु स्वामी विरजानंद ने हिंदू धर्म एवं संस्कृति को प्रतिष्ठित करने की प्रतिज्ञा दिलायी ।
* 1863 ई0 में प्रचार के लिए आगरा में पाखंड खांडवी पताका फहराया गई ।
* 10 अप्रैल 1875 में मुंबई में आर्य समाज की स्थापना की ।
* 1877 में अपना मुख्यालय लाहौर में बनाया ।
* आर्य समाज पंजाब, पश्चिम बंगाल और यूपी में सर्वाधिक लोकप्रिय हुआ ।
* "वेदो की ओर लौट चलो " का नारा दयानंद सरस्वती जी ने दिया ।
* छुआछूत जाति व्यवस्था पर कड़ा प्रहार किया और वर्ण व्यवस्था का समर्थन ।
* 1875 में सत्यार्थ प्रकाश प्रकाशित हुआ ।
* धर्म परिवर्तन से बचाने के लिए "शुद्धि आंदोलन" चलाया ।
* उन्होने सबसे पहले हिंदी को राष्ट्रभाषा स्वीकारा ।
* गौरक्षा समिति का गठन किया ।
* 1 जून 1886 DAV की स्थापना लाल हंसराज ने किया ।
* " भारत भारतीयों के लिए है " का नारा दयानन्द सरस्वती ने दिया ।
* दयानन्द सरस्वती ने अपनी पुस्तक " सत्यार्थ प्रकाश " में लिखा है " विदेशी शासन से , चाहे वह कितना ही अच्छा क्यों न हो , स्वदेशी शाशन , चाहे उसमें हजार त्रुटियां क्यों न हो , अच्छा है " ।
* आर्यसमाज को "सैनिक हिंदूवाद " की भी संज्ञा दी जाती है ।
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