Thursday 11 February 2021

हर्यक वंश (544 ई0 पू0 -412 ई0 पू0)

 हर्यक वंश (544 ई0 पू0 -412 ई0 पू0)


* मगध साम्राज्य पर शासन करने वाला प्राचीनतम ज्ञात राजवंश वृहद्रथ वंश है ।

*  वृहद्रथ को मगध साम्राज्य का संस्थापक माना जाता है ।

*  जरासन्ध के पिता का नाम वृहद्रथ था ।

* मगध साम्राज्य का वास्तविक उत्कर्ष 544 ई0 पू0 से माना गया जब बिम्बिसार  सम्राट बना और हर्यक वंश की स्थापना की ।

*  बिम्बिसार ने अपने साम्राज्य विस्तार हेतु वैवाहिक सम्बन्ध स्थापित किये ।प्रथम कोशल नरेश प्रसेनजित की बहन कोशल देवी से विवाह किया ।दूसरा विवाह लिच्छवी नरेश चेटक की पुत्री चेलना से और तीसरा विवाह विदेह के राजा की पुत्री वासवी से और चौथा विवाह  मद्र राजा की पुत्री खेमा से ।

*  "महावग्ग" और " दीघनिकाय" के अनुसार बिम्बिसार ने अंग के राजा ब्रह्मदत्त को पराजित कर मगध में शामिल किया ।

*  "धम्मपट्ठकथा" के अनुसार बिम्बिसार का राज्य तीन सौ योजन तक विस्तृत था ।

*  "महावग्ग" के अनुसार बिम्बिसार के राज्य में गांवों की संख्या  80009 थी ।

*  बिम्बिसार महात्मा बुद्व का समकालीन था । उसने अपने प्रसिद्व  राजवैद्य जीवक को महात्मा बुद्व की सेवा में भेजा था ।

*  बिम्बिसार का प्रसिद्व वास्तुकार महागोविंद था ।

*  बिम्बिसार की हत्या उसके पुत्र अजातशत्रु ने 493 ई0 पू0 कर दिया ।

*  बिम्बिसार बौद्व धर्म का अनुयायी था ।

*  अजातशत्रु मगध का सम्राट 493 ई0 पू0 बना। उसका अन्य नाम  " कुनिक" भी था। उसने 32 वर्षों तक शासन किया ।

*  अजातशत्रु ने वैशाली को जीतने के लिए युद्व में दो नवीन युद्व शस्त्र " रथमूसल और महाशिलाकण्टक" का प्रयोग किया था ।

*  अजातशत्रु जैन धर्म का अनुयायी था।

* अजातशत्रु का सुयोग्य मंत्री वर्षकार था । इसी के सहयोग से वैशाली पर विजय प्राप्त किया था ।
*  महात्मा बुद्व के मृत्यु के समय मगध का साम्राट अजातशत्रु था। बुद्व के मृत्यु उपरांत अजातशत्रु ने उनके भस्म पर राजगृह में एक स्तूप बनवाया।

अजातशत्रु के शासनकाल में ही 483 ई0 पू0 राजगृह की सप्तपर्णी गुफा में प्रथम बौद्व संगीति का आयोजन किया गया था, जिसमें बुद्व की शिक्षाओं को सुत्तपिटक और विनयपिटक के रूप में लिपिबद्व किया गया था ।

*  अजातशत्रु की हत्या 461 ई0 पू0 उसका पुत्र उदयन ने कर दिया और मगध का सम्राट बना ।

*  उदयन ने पाटलीपुत्रा  (वर्तमान पटना)की स्थापना की और उसे राजधानी बनाया ।

*  उदयन  जैन धर्म का अनुयायी था ।

* उदयन 440 ई0 पू0 तक शासन किया ।

* उदयन के बाद उसका पुत्र अनुरुद्ध शासक बना । उदयन के दुसरे पुत्र मुंड ने अनुरूद्व की हत्या कर स्वयं गद्वी पर बैठ गया। दोनों ने मिलकर 8 वर्षों थ शासन किया ।

432 ई0 पू0 नागदशक ने मुंड की हत्या कर मगध का सम्राट बना।

412 ई0 पू0 नागदशक का अमात्य शिशुनाग ने उसकी हत्या कर शिशुनाग वंश की स्थापना की ।


स्रोत: विकिपीडिया(मानचित्र)

           
हर्यक वंश (544 ई0 पू0 -412 ई0 पू0)          

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