Friday 15 January 2021

Mahatma gandhi and National Movement (4)-history class 12

 Mahatma Gandhi and National Movement 

परिचय
* भारतीय राष्ट्रवाद के उदय के कारण :
* महात्मा गांधी
* चंपारण सत्याग्रह
* खिलाफत और असहयोग आन्दोलन
* सविनय अवज्ञा आन्दोलन
* भारत छोड़ो आन्दोलन

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1935 ई. का  भारत सरकार अधिनियम :  विशेषताएं 

1. 1935 ई. के अधिनियम के अनुसार केन्द्रीय या प्रांतीय विधानसभा किसी तरह का परिवर्तन नहीं कर सकती थी | ये संशोधन का प्रस्ताव ला सकती थी लेकिन संशोधन का अधिकार पार्लियामेंट को ही था |

2. इस अधिनियम के अनुसार इंडिया काउन्सिल (भारतीय परिषद) का अंत कर दिया गया |

3. इस अधिनियम के अनुसार भारत में ब्रिटिश प्रान्तों तथा देशी राज्यों के लिए संघ शासन स्थापित करने की व्यवस्था की गई |

4. भारतीय संघ में संघ  तथा प्रान्तों के विषय बाँट दिए गए | इस  विभाजन में  तीन सूचियाँ बनाई गई थी - संघ सूची (59 विषय ) , राज्य सूची(54 विषय ) तथा संवारती सूची (23विषय )| 

5. केंद्र में दो सदन की व्यवस्था की गई - केन्द्रीय विधानसभा और राज्य परिषद 

6. इस अधिनियम के अनुसार एक संघीय न्यायालय की स्थापना की व्यवस्था थी |

7. इस अधिनियम के अनुसार चार प्रकार के प्रान्त थे - 1. ब्रिटिश प्रांत  2. देशी राज्य  3. केन्द्रीय सरकार द्वारा शासित प्रदेश  4. अंडमान और निकोबार द्वीप  

8. प्रत्येक राज्य में विधानसभा होती थी | कुछ राज्यों में दो सदन होते थे - विधानसभा और विधान परिषद् |

प्रांतीय चुनाव और मंत्रिमंडल का गठन (1937):

* 1935 के अधिनियम के अंतर्गत 1937 में प्रांतीय चुनाव हुए |

* कांगेस जिसका चुनाव चिन्ह पीला बक्सा था को पांच प्रान्तों में पूर्ण  बहुमत मिला -बिहार , उड़ीसा , मद्रास , मध्य प्रांत और संयुक्त प्रांत |

* कांग्रेस बंबई , असम और उत्तर पश्चिमी सीमा प्रांत में सबसे बड़े दल के रूप में आयी |

* केवल पंजाब , सिंध और बंगाल में कांग्रेस को बहुमत नहीं मिल पाया |

* 28माह के शासन के बाद अक्टूबर 1939 को द्वितीय विश्व युद्व के कारण कांग्रेस मंत्रिमंडलों द्वारा त्यागपत्र दे दिया गया | 

* कांग्रेस मंत्रिमंडलों के त्यागपत्र के बाद मुस्लिम लीग ने 22 दिसम्बर 1939 को मुक्ति दिवस मनाया |

अगस्त प्रस्ताव (1940)

* भारती राष्ट्रीय कांग्रेस ने 1940 के रामगढ़ अधिवेशन में प्रस्ताव पारित किया कि यदि भारत सरकार एक अंतरिम राष्ट्रीय सरकार का गठन करे तो कांग्रेस द्वितीय विश्व युद्व में ब्रिटिश को सहयोग करेगी |

* इस प्रस्ताव के जबाब में तत्कालीन वायसराय लार्ड लिनलिथगो ने 8 अगस्त 1940 को अगस्त प्रस्ताव प्रस्तुत किया जिसमें भारत को डोमिनियन स्टेट का दर्जा  देने की बात कही  गयी |

मुस्लिम लीग की पाकिस्तान की मांग :

* पृथक पाकिस्तान राज्य की परिकल्पना कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के एक मुस्लिम  छात्र चौधरी रहमत अली ने 28 जनवरी 1933 को  " नाऊ आर नेवर (Now or Never)" नामक  पत्रिका के में किया था |

* मुस्लिम लीग ने लाहौर अधिवेशन में मार्च 1940 में पहली बार अलग पाकिस्तान के निर्माण का प्रस्ताव पारित किया |इस सम्मलेन की अध्यक्षता मुहम्मद अली जिन्ना ने किया था |

व्यक्तिगत सत्याग्रह :

* व्यक्तिगत सत्याग्रह 17 अक्टूबर 1940 को महाराष्ट्र के पवनार आश्रम से शुरू हुआ | 

* गांधीजी ने विनोबा भावे को पहला सत्याग्रही के रूप में मनोनीत किया | 

* जवाहर लाल नेहरू दूसरे सत्याग्रही थे |

*  इस सत्याग्रह का उद्वेश्य ब्रिटिश शासन पर दबाब डालना था | 

* यह सत्याग्रह अक्टूबर , 1940 से जनवरी , 1942 तक चलता रहा |

क्रिप्स मिशन : 

* दूसरे विश्व युद्व की स्थिति भयावह होती जा रही थी | ब्रिटेन के अमरीका और चीन जैसे मित्र राष्ट्र उस पर भारतीयों की स्वाधीनता की मांग स्वीकार कर लेने का दबाब डाल रहे थे |

* तत्कालीन ब्रिटेन के प्रधानमंत्री विस्टन चर्चील भारत को आजाद करना नही चाहता था | विस्टन चर्चिल कहा करता था " मैं ब्रिटेन का प्रधानमंत्री इसलिए नहीं बना हूँ की ब्रिटिश साम्राज्य के टुकड़े-टुकड़े  कर दें "|

* फिर भी मित्र राष्ट्रों के दबाब में भारतीयों का सहयोग प्राप्त करने के लिए मार्च ,1942 में हाउस आफ कामन्स के नेता सर स्टेफोर्ड  क्रिप्स के नेतृत्व में एक मिशन भारत भेजा |

प्रमुख बिंदु :

* भारत को डोमिनियन सटेट्स का दर्जा दिया जाएगा तथा भारतीय संघ की स्थापना की स्थापना की जाएगी जो की राष्ट्रमंडल के साथ सम्बन्धों को तय करने के लिए स्वतंत्र होगा |

* युद्व समाप्ति के बाद संविधान निर्माण के लिए संविधान सभा की बैठक बुलाई जाएगी |

* जो भी  प्रान्त संघ में शामिल नहीं होना चाहता वह अपना अलग संघ और अलग संविधान बना सकता है|

* गर्वनर जनरल का पद यथावत रहेगा तथा भारत की रक्षा का दायित्व ब्रिटिश हाथों में बना रहेगा | 

* कांग्रेस ने क्रिप्स के साथ वार्ता में इस बात पर बल दिया कि यदि ब्रिटिश शासन धुरी शक्तियों से भारत की रक्षा के लिए कांग्रेस का समर्थन चाहता है, तो वायसराय को सबसे पहले अपनी कार्यकारी परिषद में रक्षा सदस्य के रोप में किसी भारतीय को नियुक्त करना चाहिए |

                            कांग्रेस के इस मांग पर वार्ता विफल हो गई | गांधी जी ने क्रिप्स प्रस्तावों को " असफल हो रहे बैंक का एक उत्तर तिथि चेक " कहा |

भारत छोडो आन्दोलन :(QUIT INDIA MOVEMENT-1942)

द्वितीय विश्व युद्व की भयावह स्थिति , भारत पर जापानी आक्रमण और क्रिप्स मिशन प्रस्ताव की असफलता ने कांग्रेस को फिर से एक बड़ा आन्दोलन करने को विवश किया | अंग्रेजों को भगाने के लिए अंतिम प्रयास था - भारत छोडो आन्दोलन |

कारण: 

* क्रिप्स मिशन प्रस्तावों (मार्च , 1942) की असफलता 

* द्वितीय विश्व युद्व  की भयावह स्थिति  (1939-1945)

* भारत पर जापानी आक्रमण 

* गांधीजी का अंग्रेजों का व्यवस्थित रूप से भारत छोड़ देने का अनुरोध को ठुकराना 

भारत छोड़ों आन्दोलन का सूत्रपात :

* 14 जूलाई 1942 को अबुल कलाम आजाद की अध्यक्षता में कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में भारत छोड़ो आन्दोलन पर एक प्रस्ताव पारित किया |

* 8 अगस्त 1942 को बंबई के ग्वालिया टैंक मैदान में अबुल कलाम आजाद की अध्यक्षता में कांग्रेस कमेटी की वार्षिक बैठक हुई जिसमें नेहरू द्वारा प्रस्तुत वर्धा प्रस्ताव की पुष्टि की गई |

* इस आन्दोलन के विषय पर महात्मा गांधी ने 70 मिनट तक भाषण दिया तथा "करो या मरो " का नारा दिया |

नेताओं की गिरफ्तारी : 

* यह आन्दोलन 8-9 अगस्त, 1942 से आरम्भ होना था , लेकिन 9 अगस्त को सूर्योदय के पहले ही गांधीजी , नेहरू,पटेल,मौलाना आजाद , सरोजनी नायडू आदि नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया |  

* गांधीजी को कस्तूरबा गांधी और सरोजनी नायडू के साथ आगा खां पैलेस में रखा गया|

* जवाहरलाल नेहरू को अल्मोड़ा जेल , राजेन्द्र प्रसाद को बांकीपुर जेल और जयप्रकाश नारायण को हजारीबाग जेल में रखा गया |

घटना :

* नेताओं को गिरफ्तार कर आन्दोलन नेतृत्व विहीन बनाने की कोशिश की गई |

* सरकार -विरोधी प्रदर्शन हुए , हड़तालें हुई, सभाएं हुई और जुलूस निकाले गए |

* रेल की पटरियां उखाड़ दी गई और अग्निकांड , हत्या , तोड़फोड़ होने लगी |

*टेलीग्राम और टेलीग्राफ की लाइनें काट दी गई , स्कूल ,कालेज बंद हो गए 

* बंगाल के मिदनापुर जिले के तामलुक में , बलिया में चितु पांडे ने , सतारा (महाराष्ट्र ) में वाई . बी. चव्हान और नाना पाटिल ने समानान्तर सरकार की स्थापना की |

दमन :  ब्रिटिश सरकार ने क्रांती  के दमन के दमन के लिए पाशविक नीति अपनाई |

* लोगों को गोली मारना , नंगा कर पेड़ों से उलटा टांग देना , कोड़े मारना , औरतों के साथ अमानुषिक व्यवहार किया गया |

* पटना सचिवालय पर राष्ट्रीय झंडा फहराते समय सात छात्र गोली के शिकार हुए |

भारत छोड़ों आन्दोलन के धीमा पड़ जाने के कारण :

* क्रांतिकारियों के बीच समन्वय का अभाव 

* संगठन का अभाव 

* योग्य नेतृत्व का अभाव 

समृद्व व्यक्तियों और पूजीपतियों का असहयोग 

* सरकार की तीव्र दमनकारी नीति 

भारत छोड़ों आन्दोलन के परिणाम : यह क्रान्ति असफल रही | परन्तु , 1942 की क्रान्ति ने भारतीय स्वतंत्रता के लिए समुचित पृष्ठभूमि तैयार कर दी | यह स्पष्ट हो गया कि राष्ट्रीयता की भावना अपनी पराकाष्ठा पर है और अब लम्बे समय तक उपनिवेश बनाकर रखना असंभव था |

महात्मा गांधी का अनशन : ब्रिटिश सरकार के अमानुषिक व्यवहार तथा जनता के हिंसात्मक कार्यों से आहत गांधी जी ने 10 फरवरी 1943 को 21 दिनों का अनशन शुरू किया | 2 मार्च 1943 को गांधीजी का अनशन सकुशल समाप्त हुआ | 6 मई 1944 को गान्धीजी को जेल से छोड़ दिया गया |

वेवल  योजना  तथा शिमला सम्मलेन : 

14 जून 1945 को गवर्नर लार्ड वेवल (जो अक्टूबर 1943 में भारत आए ) ने भारत के संवैधानिक गतिरोध को दूर करने के लिए एक योजना प्रस्तुत की, जिसे "वेवल योजना " के नाम से जाना जाता है | इस योजना के प्रमुख सुझाव थे -

* वायसराय की कार्यकारिणी परिषद का पुनर्निर्माण  किया जाएगा, जिसमें वायसराय और प्रधान सेनापति के अतिरिक्त सभी सदस्य भारतीय होंगे|

* विदेशी विषयों का विभाग (रक्षा विभाग के अतिरिक्त परिषद के एक भारतीय सदस्य को सौंपदिया जाएगा |

* युद्व की समाप्ति पर भारतीय अपने  संविधान का निर्माण स्वयं करेंगे |

शिमला सम्मलेन -29 जून 1945

वेवल योजना (14 जून 1945) की घोषणा के उपरान्त लार्ड वेवल ने 29 जून 1945 को शिमला सम्मलेन का आयोजन किया, जिसमें कांग्रेस,मुस्लिम लीग और अन्य दलों के कुल 21 प्रतिनिधियों ने भाग लिया | इस सम्मलेन का उद्वेश्य देश के सभी दलों की सहमती से वायसराय की कार्यकारिणी परिषद के सदस्यों की सूची तैयार करना था| किन्तु मुहम्मद अली जिन्ना की अड़ियल नीति के कारण शिमला सम्मलेन असफल हो गया |

कैबिनेट मिशन योजना -24 मार्च, 1946

ब्रिटिश प्रधानमंत्री एटली ने भारतीय गतिरोध को हल करने के लिए 24 मार्च, 1946 को भारत आया | इस मिशन में सर स्टेफर्ड क्रिप्स, अलेक्जेंडर  और पेथिक लॉरेंस इसके सदस्य थे |मिशन ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और मुस्लिम लीग को एक ऐसी संघीय व्यवस्था पर सहमत करने का प्रयास किया, जिसमें भारत के भीतर विभिन्न प्रान्तों को सीमित स्वायत्तता दी जा सकती थी | गांधी जी ने कैबिनेट मिशन योजना का समर्थन किया था| परन्तु यह अपने प्रयास में सफल नही रही |

प्रत्यक्ष कार्यवाही दिवस - 27 जूलाई 1946

27 जूलाई , 1946 को मुस्लिम लीग की काउन्सिल ने  बंबई बैठक में पाकिस्तान की प्राप्ति के लिए प्रत्यक्ष संघर्ष का रास्ता अपनाने का निश्चय किया| 16, अगस्त 1946 को लीग ने "प्रत्यक्ष कार्यवाही " दिवस मनाया जिसके परिणामस्वरूप बंगाल , बिहार , पंजाब , उत्तर प्रदेश , सिंध व् उत्तर-पश्चिम सीमा प्रान्त में भयंकर हिन्दू-मुस्लिम दंगे हो गए| 

अंतरिम सरकार की स्थापना - 2,सितम्बर 1946

कैबिनेट मिशन योजना के अनुसार 2, सितम्बर 1946 को पंडित जवाहर लाल नेहरू के नेतृत्व में अंतरिम सरकार का गठन किया | सरकार में सम्मिलित होकर भी लीग ने कांग्रेस के प्रति असहयोग का दृष्टिकोण अपनाया | उसने नेहरू का नेतृत्व को स्वीकार नहीं किया और प्राय: मंत्रिमंडल की नीतियों का विरोध करती  रही |

लार्ड एटली की घोषणा - 20,फरवरी 1947

मुस्लिम लीग के साम्प्रदायिक दृष्टीकोण के भारत की राजनैतिक स्थिति बिगड़ने लगी | पूरे देश में गृह युद्व जैसा वातावरण  बन गया था | अत: ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने 20, फरवरी 1947 को एक महत्वपूर्ण घोषणा की जिसमें कहा कि ब्रिटिश सरकार जून, 1948 तक सत्ता भारतीयों को सौंप देगी |

लार्ड माउंटबेटन योजना :3 जून 1947

24 मार्च , 1947 को लार्ड वेवल के स्थान पर लार्ड माउंटबेटन भारत का वायसराय बनकर आया | विभिन्न राजनैतिक दलों के नेताओं से विचार-विमर्श करने के पश्चात् वायसराय इस निष्कर्ष पर पहुँचा कि लीग तथा कांग्रेस के मध्य समझौता असंभव था और देश का विभाजन ही समस्या का एकमात्र हल था | हालांकि गांधी जी स्पष्ट शब्दों में यह घोषणा कर चुके थे कि देश का विभाजन उनके मृत शरीर पर होगा |

3 जून 1947 वायसराय ने भारत-विभाजन की योजना की घोषणा कर दी, जिसे भारत के सभी दलों ने स्वीकार कर लिया| माउंटबेटन ने 15 अगस्त, 1947 को भारतीयों को सत्ता सौंपने का दिन निर्धारित किया और देश का विभाजन भारत और पाकिस्तान इन दो भागों में कर दिया जाएगा |

भारत स्वतंत्रता अधिनियम -1947

* ब्रिटिश संसद ने 18 जूलाई 1947 को भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम -1947 पारित किया |

* 14 अगस्त 1947 को पाकिस्तान और 15 अगस्त 1947 को भारत अस्तित्व में आया |

* पाकिस्तान के पहले गवर्नर जनरल मुहम्मद अली जिन्ना बने तथा लियाकत अली पहले प्रधानमंत्री |

* माउंटबेटन स्वतंत्र भारत के पहले गवर्नर जनरल बना और जवाहरलाल नेहरू प्रथम प्रधानमंत्री बने 

* स्वतंत्र भारत  के पहले भारतीय और अंतिम गवर्नर जनरल सी. राजगोपालचारी बने |  

महात्मा गांधी और उनका बलिदान :

* 15 अगस्त 1947 को देश की स्वतंत्रता का जश्न मनाया जा रहा था , किन्तु महात्मा गांधी राजधानी में उपस्थित नहीं थे |

* गांधी जी उस समय कलकता में 24 घंटे के उपवास पर थे | उन्होंने वहां भी न तो किसी कार्यक्रम में भाग लिया और न ही कहीं झंडा फहराया |

* बंगाल , बिहार और पंजाब में भयंकर हिन्दू - मुस्लिम दंगे हो रहे थे | बंगाल और बिहार के दंगों को शांत कराने के लिए गाँव -गाँव की यात्रा की और दंगे को शांत कराया |

* सितम्बर 1947 में गांधी जी दिल्ली आये |दिल्ली से गांधीजी पंजाब के दंगाग्रस्त क्षेत्रों में जाना चाहते थे परन्तु राजधानी में ही शरणार्थियों के विरोध के कारण उनकी सभाएं अस्त-व्यस्त होने लगी थी |

* गांधी जी का पाकिस्तान के प्रति विचार कुछ भारतीयों को पसंद नही आया | गांधी जी के नीतियों से क्षुब्ध एक ब्राह्मण युवक नाथूराम गोडसे ने 30 जनवरी 1948 की संध्या को  दिल्ली के बिरला मंदिर में ह्त्या कर दी |

* गांधीजी को देशभर में और विश्व के अनेक भागों में भी भावभीनी श्रद्वांजलि दे गई |

* अमरीका की टाइम पत्रिका ने गांधी जी के बलिदान की तुलना अब्राहम लिंकन के बलिदान से की |







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M. PRASAD
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