Monday 21 September 2020

राजनीतिक दल नोट्स वर्ग 10 पाठ 6 भाग 1

 राजनीतिक दल 

परिचय -

* परिभाषा 

* राजनीतिक दलों की प्रकृति और कामकाज 

* राष्ट्रीय राजनीतिक दलों की जानकारी 

* राजनीतिक दलों की चुनौतियां 

* राजनीतिक दलों को कैसे सुधारा जा सकता है ?

राजनीतिक दल की परिभाषा : राजनीतिक दल लोगों का एक ऐसा संगठित समूह है चुनाव लड़ने और सरकार में राजनीतिक सत्ता हासिल करने उद्वेश्य से काम करता है | समाज के सामूहिक हित को ध्यान में रखकर कुछ नीतियाँ और कार्यक्रम तय करता है |

* सामूहिक हित एक विवादास्पद विचार है जिसको लेकर सबकी राय अलग-अलग होती है |इसी आधार पर दल लोगों को यह समझाने का प्रयास करते है कि उसकी नीतियाँ औरों से बेहतर है | वे लोगों का सर्मथन पाकर चुनाव जितने के बाद उन नीतियों को लागू करने का प्रयास करते है | किसी राजनीतिक दल की पहचान उसकी नीतियाँ और उसके सामाजिक आधार से तय होती है |

राजनीतिक दल के हिस्से : राजनीतिक दल के तीन हिस्से है |

* नेता 

* सक्रिय सदस्य;   और 

* अनुयायी या समर्थक 


राजनीतिक दल के कार्य :

1. चुनाव लड़ती है |

2. राजनेतिक दल अलग-अलग नीतियाँ और कार्यक्रमों को मतदाताओं के सामने रखते है और मतदाता अपनी पसंद की नीतियों और कार्यक्रमों को चुनती है |

3. देश के क़ानून का निर्माण करती है |

4. राजनीतिक दल सरकार बनाती और चलाती है |

5.चुनाव हारने वाला दल विरोधी पक्ष की भूमिका निभाती है और सरकार की गलत नीतियों और असफलताओं  की आलोचना करती है |

6. राजनीतिक दल जनमत का निर्माण करती है |

7.  दल सरकार के कल्याणकारी कार्यक्रमों को जनता तक पहुंचाती है |

8. सरकार देश का प्रतिनिधित्व करती है |


राजनीतिक दलों की आवश्यकता क्यों ?

अगर एक लोकतांत्रिक  देश  में राजनीतिक दल का अस्तित्व नहीं हो तो -

* अगर  राजनीतिक दल न हो  तो सारे  उम्मीदवार स्वतंत्र और निर्दलीय होंगे |

*  इनमें कोई भी बड़े नीतिगत बदलाव करने की स्थिति में नहीं होंगे |

* निर्वाचित प्रतिनिध अपने निर्वाचन क्षेत्र में किए गए कामों के लिए उत्तरदायी होंगे |

* देश के प्रति उत्तरदायी नहीं होंगे |

* जनमत का निर्माण नही हो सकेगा |


लोकतांत्रिक देश के लिए राजनीतिक दल की जरुरत :

* बड़े समाज और देश के लिए विभिन्न मुद्दों पर अलग-अलग विचारों को समेटने के लिए |

* विभिन्न स्थानों से चुन कर आए प्रतिनिधियों को साथ करने  के लिए 

* सरकार का निर्माण करने अथवा उस पर नियंत्रण रखने के लिए 

* सरकार द्वारा नीतियाँ बनाने अथवा उस पर विरोध करने के लिए 


कितने राजनीतिक दल :

* एकदलीय शासन व्यवस्था : जिस देश में सिर्फ एक ही दल को सरकार बनाने और चलाने की अनुमति हो , उस देश की शासन व्यवस्था एकदलीय शासन व्यवस्था कहा जाता है | जैसे - चीन 

* द्विदलीय शासन व्यवस्था : जिसे देश में दो प्रमुख दलों के बीच सत्ता  बदलती रहती है, वहां  अन्य दूसरी पार्टियां  भी चुनाव लड़ती और जीतती है परन्तु दो ही दल सरकार  बनाने का प्रबल दावेदार होती है | जैसे अमेरिका , ब्रिटेन 

* बहुदलीय व्यवस्था : जब अनके दल सत्ता के लिए होड़ में हो और दो दलों से ज्यादा के लिए अपने दम पर या दूसरों से गठबंधन करके सत्ता में आने का ठीक -ठाक हो तो इसे बहुदलीय व्यवस्था कहते है | जैसे - भारत 

गठबंधन व्यवस्था : जब किसी बहुदलीय व्यवस्था में अनेक पार्टियां चुनाव लड़ने और सत्ता में आने के लिए आपस में हाथ मिला लेती है तो इसे गठबंधन या मोर्चा कहा जाता है | भारत  में दो गठबंधन - संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन , राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन , वाम मोर्चा |  अक्सर बहुदलीय व्यवस्था देश को राजनीतिक अस्थिरता की ओर ले जाती है |

भारत में बहुदलीय व्यवस्था है | भारत एक विशाल और विविधता वाला  देश है | सिर्फ दो-तीन पार्टियां इतने बड़े मुल्क की सारी सामाजिक और भौगोलिक विविधताओं  को  समेटन पाने में अक्षम है |इसलिए  भारत में बहुदलीय व्यवस्था  अपनाई गई है |


                                                                        शेष अगले अंक में ......




No comments:

Post a Comment

M. PRASAD
Contact No. 7004813669
VISIT: https://www.historyonline.co.in
मैं इस ब्लॉग का संस्थापक और एक पेशेवर ब्लॉगर हूं। यहाँ पर मैं नियमित रूप से अपने पाठकों के लिए उपयोगी और मददगार जानकारी शेयर करती हूं। Please Subscribe & Share

Also Read

Navoday Vidyalaya Class VI result 2024 out

NAVODAYA VIDYALAYA SELECTION TEST CLASS VI -2024 RESULT OUT Navodaya Vidyalaya Samiti Delhi published result of Jawahar Navodaya Vidyal...