राजनीतिक दल नोट्स
विश्व के संघीय व्यवस्था वाले लोकतंत्र में दो तरह के राजनीतिक दल होते हैं-
1. संघीय इकाइयों में से सिर्फ एक इकाई में अस्तित्व रखने वाले दल और
2. अनेक या संघ की सभी इकाइयों में अस्तित्व रखने वाले दल |
भारत में सभी इकाइयों में अस्तित्व रखने वाले दल पाए जाते हैं । कुछ पार्टियां पूरे देश में फैली हुई है, इसे राष्ट्रीय पार्टी कहा जाता है और कुछ दल अपने राज्य में ही फैसले होते हैं वह राज्य स्तरीय पार्टी कहलाते हैं| राष्ट्रीय स्तर की पार्टियां में कार्यक्रमों और नीतियों में समानता रहते है |
देश की हर पार्टी को चुनाव आयोग में अपना पंजीकरण कराना पड़ता है | चुनाव आयोग सभी दलों को चुनाव चिन्ह आवंटित करता है| कुछ पार्टियों को विशेषाधिकार प्राप्त होते हैं जिसे "मान्यता प्राप्त " दल कहते हैं |इसके लिए चुनाव आयोग द्वारा निर्धारित कुछ मापदंडों को पूरा करना होता है|
राष्ट्रीय राजनीतिक दल होने के मापदंड या शर्त :
1. अगर कोई दल लोकसभा चुनाव में पड़े कुल वोट का अथवा चार राज्यों के विधानसभा चुनाव में पड़े कुल वोटों का 6% हासिल करता है और
2. लोकसभा के चुनाव में कम से कम 4 सीटों पर जीत दर्ज करता है उसे राष्ट्रीय दल की मान्यता मिलती है।
राज्य के राजनीतिक दल की मान्यता के शर्त :
1. जब कोई पार्टी राज विधानसभा के चुनाव में पड़े कुल मतों का 6 फ़ीसदी या उससे अधिक हासिल करती है और
2. उस राज्य के विधानसभा चुनाव में कम से कम 2 सीटों पर जीत दर्ज करती है तो उसे अपने राज्य के राजनीतिक दल के रूप में मान्यता मिल जाती है।
राष्ट्रीय राजनीतिक दल :
2006 के अनुसार देश में 6 राजनीतिक दल राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त थे।
1. कांगेस :
1. भारत के सबसे पुराने राजनीतिक दल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस जिसकी स्थापना 1885 ईस्वी में हुई थी।
2. कांग्रेस पूरे देश और समाज के सभी वर्गों में अपना आधार बनाए हुए हैं
3. इस दल ने धर्मनिरपेक्षता और कमजोर वर्ग तथा अल्पसंख्यक समुदायों के हितों को अपना मुख्य एजेंडा बनाया है ।
4. यह दल नई आर्थिक नीतियों का समर्थक है।
2. भारतीय जनता पार्टी - स्थापना 1980
चुनाव चिन्ह :
सिद्वान्त
1. भारत की प्राचीन संस्कृति और मूल्यों से प्रेरणा लेकर मजबूत और आधुनिक भारत बनाने का लक्ष्य ,
2. भारतीय राष्ट्रवाद और राजनीति की इसकी अवधारणा में सांस्कृतिक राष्ट्रवाद का बढ़ावा देना ,
3. जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा समाप्त करना ,
4. देश के सभी धर्म के लोगों के लिए समान नागरिक संहिता बनाने पर जोर,
5. धर्मांतरण पर रोक लगाना
3. बहुजन समाज पार्टी- स्थापना 1984
चुनाव चिन्ह :
सिद्धांत :
1. बहुजन समाज जिसमें दलित, आदिवासी, पिछड़ी जातियां और धार्मिक अल्पसंख्यक शामिल हैं, के लिए राजनीतिक सत्ता पाने का प्रयास
2. शाहू महाराज ,महात्मा फुले, परियार स्वामी और बाबा साहब अंबेडकर के विचारों और शिक्षाओं को बढ़ावा देना
3. दलितों और कमजोर वर्ग के लोगों के कल्याण और उनके हितों की रक्षा करना
4. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी -मार्क्सवादी (सीपीआई-एम)- स्थापना 1964
चुनाव चिन्ह :
सिद्धांत
1. मार्क्सवाद और लेलिनवाद में आस्था ,
2. समाजवाद, धर्मनिरपेक्षता और लोकतंत्र की समर्थक ,
3. साम्राज्यवाद और संप्रदायिकता की विरोधी
4. सामाजिक ,आर्थिक ,न्याय का लक्ष्य हासिल करना ,
5. गरीबों , कारखाना मजदूरों खेतिहर मजदूरों को उत्थान करना
5. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी -सीपीआई - स्थापना 1925
चुनाव चिन्ह :
सिद्धांत
1. मार्क्सवाद-लेनिनवाद में विश्वास,
2. धर्मनिरपेक्षता और लोकतंत्र में आस्था .
3.अलगाववादी और संप्रदायिक ताकतों की विरोधी,
4. मजदूर वर्ग किसानों और गरीबों के हितैषी
6. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी -स्थापना -1999
चुनाव चिन्ह :
सिद्धांत
1. लोकतंत्र, गांधीवादी धर्मनिरपेक्षता में विश्वास ,
2. समता , सामाजिक न्याय और संघवाद में आस्था ,
3. भारत में जन्मे नागरिकों के लिए सरकार के प्रमुख पदों पर नियुक्ति
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