Tuesday 11 August 2020

यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय - प्रश्न उत्तर

यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय

वर्ग -10 इतिहास पाठ -1

प्रश्न उत्तर :

प्रश्न 1. "अनसर्ट रेनान " के अनुसार राष्ट्र क्या है ?
उत्तर:
 अर्न्स्ट रेनान के अनुसार राष्ट्र :

* एक राष्ट्र लम्बे प्रयासों , त्याग और निष्ठा का चरम बिंदु होता है |

* शौर्य वीरता से युक्त अतीत , महान पुरूषों के नाम और गौरव - यह वह सामाजिक पूंजी है जिस पर एक राष्ट्रीय विचार आधारित किया जाता है |

* अत: राष्ट्र एक बड़ी और व्यापक एकता है जिसका अस्तित्व रोज होने वाला जनमत संग्रह है |




प्रश्न 2. उदारवादी राष्ट्रवाद से क्या तात्पर्य थे ?
उत्तर: 
* उदारवाद शब्द की उत्पति लैटिन भाषा के मूल शब्द liber पर आधारित है जिसका अर्थ है " आजाद "|

* नए मध्यमवर्ग के लिए उदारवाद का मतलब था "व्यक्ति के लिए आजादी" और क़ानून के समक्ष सबकी बराबरी 

* फ्रांसीसी क्रान्ति के बाद उदारवाद निरंकुश शासक और पादरीवर्ग के विशेषाधिकारों की समाप्ति, संविधान तथा संसदीय प्रतिनिधि सरकार के पक्षधर थे |

* निजी सम्म्पति की सुरक्षा के अधिकार की भी मांग करते थे |

* सैद्वान्तिक रूप से उदारवादियों ने समानता पर बल दिया परन्तु व्यवहार में लागू नही किया गया | व्यस्क मताधिकार के लिए 19वीं -20वीं सदी में महिलाओं सहित वयस्कों को आन्दोलन करना पडा था |

* आर्थिक क्षेत्र में, उदारवादी, बाजारों की मुक्ति और चीजों और पूंजी के आवागमन पर राज्य द्वारा लगाए गए नियंत्रणों को खत्म करने के पक्ष में थे |

* वाणिज्यिकवर्ग ऐसे एकीकृत क्षेत्र की मांग कर रहा था जहां अबाध गति से व्यापारिक गतिविधियाँ चलाई जा सके|




प्रश्न 3. फ़्रांस और यूरोप में नेपोलियन के योगदान पर प्रकाश डाले |
उत्तर :
* नेपोलियन बोनापार्ट 1799 में डायरेक्टरी का शासन समाप्त कर प्रथम कांसल के रूप में फ्रांस की सता पर अधिकार कर लिया | 1804 में फ्रांस का सम्राट बन गया |

* सम्राट के रूप में ब्रिटेन को छोड़कर समस्त यूरोप पर अपना आधिपत्य स्थापित कर लिया था | इन क्षेत्रों में उन सुधारों की शुरूआत की जिन्हें फ्रांस में आरम्भ किया जा चुका था |

* नेपोलियन संहिता लागू किया, जन्म पर आधारित विशेषाधिकार समाप्त कर दिये, क़ानून के समक्ष बराबरी और सम्पति के अधिकार को सुरक्षित बनाया |

* डच गणतन्त्र, स्विट्जरलैंड, इटली और जर्मनी में नेपोलियन ने प्रशासनिक विभाजनों को सरल बनाया, सामंती व्यवस्था को समाप्त किया और किसानों को भू-दासत्व और जागीरदारी शुल्कों से मुक्ति दिलाई |

* शहरों में श्रेणी-संघों के नियंत्रणों को हटाया, यातायात और संचार -व्यवस्थाओं को सुधारा गया |

फ्रांसीसी सेनाओं के शुरुआती स्वागत के बाद धीरे-धीरे डच गणतन्त्र, स्विट्जरलैंड , इटली और जर्मनी के लोग में स्वयं राष्ट्रवाद की भावना बढने लगी और इटली और जर्मनी में राष्ट्रीय एकीकारण का रास्ता तैयार कर दिया |




प्रश्न 4. फ्रांसीसी क्रांतिकारियों के द्वारा राष्ट्रीय और सामूहिक पहचान के लिए क्या कदम उठाए गए?
उत्तर :
 * पितृभूमि और नागरिक जैसे विचारों ने एक संयुक्त समुदाय पर बल दिया जिसे एक संविधान के अंतर्गत सामान अधिकार प्राप्त थे |

*. एक नया फ्रांसीसी झंडा -तिरंगा चुना गया |

*. एस्टेट जनरल का चुनाव सक्रीय नागरिकों के समूह के द्वारा किया जाने लगा और उसका नाम बदल कर नेशनल एसेम्बली रख दिया गया |

*. नए संविधान बनाकर सभी नागरिको को समान अधिकार देकर समानता के स्थापना पर बल दिया गया |

*. शहीदों का गुणगान किया गया |

*. आन्तरिक आयात-निर्यात व्यवस्था समाप्त कर भार तथा नापने की एकसमान व्यवस्था लागू किया गया|

*. फ्रेंच भाषा को प्रोत्साहन दिया गया


प्रश्न 5. फ्रांसीसी क्रांति का यूरोपीय राष्ट्रों पर क्या प्रभाव हुए?
उत्तर :


* क्रांतिकारियों ने यह भी घोषणा की फ्रांसीसी राष्ट्र का यह भाग्य और लक्ष्य था की वह यूरोप के लोगों को निरंकुश शासकों से मुक्त कराये |

* फ्रांसीसी क्रान्ति ने यूरोप के निरंकुशवाद के विरूद्व राष्ट्रीयता की भावना जागृत कर दिया |

* फ्रांस की घटना से यूरोप के विभिन्न शहरों में छात्र तथा शिक्षित मध्य-वर्गों के अन्य सदस्य जैकोबिन कल्बों की स्थापना करने लगे |

* इनकी गतिविधियों और अभियानों ने उन फ्रेंच सेनाओं के लिए रास्ता तैयार किया जो 1790 के दशक में हालैंड, बेल्जियम, स्विट्जरलैंड और इटली के बड़े इलाके में घुसी |

* फ़्रांसीसी सेनाएं राष्ट्रवाद के विचार को विदेशों में ले जाने लगी |


प्रश्न 6. फ्रेडरिक सारयू की पेंटिंग किस प्रकार के सपनों का संसार बनाने की बात कह रहा है?
उत्तर
* 1848 ई० में फ्रांसीसी कलाकार फ्रेडरीक सार्यू ने चार चित्रों की एक श्रंखला बनाई, जो उसके "जनतांत्रिक और सामाजिक गणतंत्रों" की कल्पना पर आधारित था |

* इन चित्रों में अमेरिका एवं यूरोप के विभिन्न राष्ट्र (फ्रांस, जर्मनी, इंग्लैण्ड, रूस, आयरलैंड, आस्ट्रिया) की पहचान कपड़ों और प्रतीकों के द्वारा की गयी है |

* इस चित्र में ईसा मसीह, संत और फरिश्ते इस दृश्य पर अपनी नजरें जमाए हुए है|

* चित्रकार ने उनका इस्तेमाल दुनिया के राष्टों के बीच भाईचारे के प्रतीक के रूप में किया है|


प्रश्न 7. यूरोप में राष्ट्रवाद के विकास में सहायक तत्वों का वर्णन करें |

उत्तर: 
* 18वी सदी में यूरोप में कुलीन वर्ग सामाजिक और राजनीतिक रूप से प्रभावशाली समूह था| ग्रामीण इलाकों में जायदाद और शहरों में हवेलियों के मालिक थे | जमीन के अधिकाँश भाग इनके नियन्त्रण में थे |

* जनसंख्या के अधिकांश लोग कृषक थे परन्तु कृषि जमीन पर अधिकार नगण्य था |

* 18-19 वीं सदी में औद्योगिक उत्पादन से व्यापार वाणिज्य का विकास होने से एक नया मध्यम वर्ग तैयार हुआ|

* मध्यमवर्ग में उद्योगपति, पूंजीपति, व्यापारी, नौकरीपेशा लोग और अन्य व्यवसायी वर्ग शामिल थे| शिक्षित होने के कारण इस वर्ग में राष्ट्रवादी भावना का विकास अधिक हुआ |

18वी सदी में यूरोप में कुलीन वर्ग सामाजिक और राजनीतिक रूप से प्रभावशाली समूह था| ग्रामीण इलाकों में जायदाद और शहरों में हवेलियों के मालिक थे | जमीन के अधिकाँश भाग इनके नियन्त्रण में थे |

* जनसंख्या के अधिकांश लोग कृषक थे परन्तु कृषि जमीन पर अधिकार नगण्य था |

* 18-19 वीं सदी में औद्योगिक उत्पादन से व्यापार वाणिज्य का विकास होने से एक नया मध्यम वर्ग तैयार हुआ|

* मध्यमवर्ग में उद्योगपति, पूंजीपति, व्यापारी, नौकरीपेशा लोग और अन्य व्यवसायी वर्ग शामिल थे| शिक्षित होने के कारण इस वर्ग में राष्ट्रवादी भावना का विकास अधिक हुआ |


प्रश्न 8. वियना सम्मेलन/ वियना संधि (1815) की प्रमुख बातों प्रकाश डाले|

उत्तर:
* 1815 ई० में ब्रिटेन, रूस, प्रशा, और आस्ट्रिया जैसी यूरोपीय शक्तियों जिन्होंने मिलकर नेपोलियन को हराया था - के प्रतिनिधि एक समझौता तैयार करने के लिए वियना में मिले |

* इस सम्मेलन की मेजबानी आस्ट्रिया के चांसलर "मैटारनिख " ने किया |

* वियना संधि में फ्रांस में फ्रांसीसी क्रान्ति के दौरान हटाये गए बूर्बो वंश को फिर से बहाल कर दिया |
* फ्रांस ने उन इलाकों को खो दिया जिसपर नेपोलियन ने जीता था |

* फ्रांस के सीमाओं पर कई राज्य स्थापित कर दिए ताकि भविष्य में फ्रांस विस्तार न कर सके |

* ज्यादातर सरकारे सेंसरशिप के नियम बनाए जिनका उद्वेश्य अखबारों , किताबों ,नाटकों और गीतों में व्यक्त उन बातों पर नियन्त्रण लगाना था जिसने फ्रांसिसी क्रान्ति से जुड़े स्वतन्त्रता और मुक्ति के विचार झलकते थे |


प्रश्न 9. जोसफ मेत्सिनी के योगदान पर प्रकाश डालें |
उत्तर : ज्युसेपी मेजिनी :


* गुप्त संगठन तैयार करने में पहला नाम ज्युसेपी मेजिनी का नाम आता है |

* यह इटली का रहने वाला था | इसका जन्म 1807 ई० में जेनेवा में हुआ था |

* उसने राष्ट्रवादी संगठन "कार्बोनारी " का सदस्य बन गया जिसका संस्थापक "गिवार्टी" था जिसने क्रान्ति का सदेश फैला रहा था|

* 24 साल की युवावस्था में लिगुरिया में क्रान्ति करने के लिए उसे बहिष्कृत कर दिया |

* उसके बाद उसने दो गुप्त संगठन "मार्सेई में यंग इटली (1831) " और दूसरा "बर्न में यंग यूरोप " बनाया जिसमें पोलैंड , फ्रांस , इटली और जर्मन राज्यों के समान विचार रखने वाले युवा सदस्य थे |

* 1830 के दशक के बाद यूरोप के अनेक भागों में विद्रोह होने लगे |

* मेजिनी इटली का एकीकृत कर गणतन्त्र की स्थापना करना चाहता था |

* मैटारनिख ने ज्युसेपी मेजीनी को "हमारी सामाजिक व्यवस्था का सबसे
खतरनाक दुश्मन " बताया |


प्रश्न : 10. यूनान की स्वतन्त्रता संग्राम का चर्चा करें |
उत्तर :
 * यूनान 15वीं सदी से आटोमान साम्राज्य का हिस्सा था |

* यूरोप में क्रांतिकारी राष्ट्रवाद की प्रगति से यूनानियों का आजादी के लिए संघर्ष 1821 में आरंभ हुआ |

* यूरोपीय देशों के राष्ट्रवादियों का प्राचीन यूनानी सभ्यता संस्कृति के प्रति सहानुभूति रखते थे |

* कवियों और कलाकारों ने मुस्लिम साम्राज्य के विरूद जनमत जुटाया और अंतत: 1832 में कुस्तुन्तुनिया की संधि ने यूनान को एक स्वतंत्र राष्ट्र की मान्यता दी |


प्रश्न: 11. जर्मनी के एकीकरण पर प्रकाश डालें |
उत्तर : * जर्मनी का एकीकरण:


* 1806 ई० के पहले जर्मनी 300 छोटे-छोटे राज्यों में विभाजित था तथा सभी राज्य पवित्र रोमन साम्राज्य के प्रति समान श्रद्वा रखते थे |

* 1806 ई. में नेपोलियन के आक्रमण ने जर्मनी एकीकरण की नीव रखी| उसने छोटे-छोटे राज्यों को मिलाकर 39 राज्यों का " राइन संघ " बनाया |

* नेपोलियन के आक्रमण ने जर्मन राष्ट्रवाद को बढावा दिया | साथ ही स्टीन, गाटफ्रिड, कान्ट, हीगेल आदि चिन्तक एवं बुद्विजीवियों ने राष्ट्रवादी भावना को प्रसार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी |

*1848 ई. में जर्मन महासंघ के विभिन्न इलाके को जोड़कर प्रशा के राजा फ्रेडरिक विलियम चतुर्थ को निर्वाचित संसद द्वारा शासित राष्ट्र - राज्य का नेतृत्व करने का प्रस्ताव दिया तो उसने अस्वीकार कर दिया |

* फ्रेडरिक विलियम चतुर्थ की मृत्यु के बाद उसका पुत्र विलियम प्रथम राजा बना और जर्मनी का एकीकरण चाहता था | यह तभी सम्भव था जब आस्ट्रिया , फ्रांस को पराजित किया जाए |

* उसने प्रशा को सैनिक रूप से सशक्त बनाने और राजनीतिक गतिरोध दूर करने के लिए 1862 में बिस्मार्क को अपना चांसलर (प्रधानमंत्री ) बनाया |

* जर्मनी के एकीकरण के लिए तीन युद्व किये गए|

* 1864 में प्रशा ने डेनमार्क को पराजित किया |

* 1866 में प्रशा ने सेडोवा के युद्व में आस्ट्रिया को पराजित किया |

* 1870 में प्रशा ने सीडान के युद्व में फ्रांस को पराजित किया |

* 1871 में फ्रैंकफर्ट की संधि द्वारा दक्षिणी जर्मन राज्य को उत्तरी जर्मन महासंघ में मिला लिया गया और इस तरह जर्मनी का एकीकरण पूरा हुआ |

* 18जनवरी 1871 ई. में वर्साय के शीशमहल में विलियम प्रथम को जर्मनी का सम्राट घोषित किया |

* नए जर्मन राष्ट्र ने मुद्रा, बैकिंग, और कानूनी तथा न्यायिक व्यवस्थाओं के आधुनिकीकरण पर जोर दिया |



प्रश्न 12. इत्त्ली के एकीकरण में काउंट कावूर और गैरीबाल्डी के योगदान का वर्णन करें |
उत्तर:


काउंट कावूर :
* काउंट कावूर इटली का एकीकरण सार्डिनीया के नेतृत्व में चाहता था और इसके लिए सैनिक शक्ति और आर्थिक उन्नति तथा विदेशी सहायता जरुरी था |

* 1831 और 1848 ई. के क्रांतिकारी विद्रोह की असफलता ने इटली के एकीकरण को झटका दिया |

*1852 में राजा विक्टर इमैनुएल ने काउंट कावूर को प्रधानमंत्री बनाया |

* उसने सार्डिनिया को आर्थिक एवं सैनिक रूप से सुदृढ़ करने का प्रयास किया |


गैरीबाल्डी :
* गैरीबाल्डी इटली का एकीकरण तलवार के बल पर करना चाहता था |

* उसने इटली को एकीकृत करने के लिए स्वयंसेवक सैनिक बनाये और युद्व में हिस्सा लिया |


प्रश्न 13. इटली के एकीकरण पर प्रकाश डालें |
उत्तर:


एकीकरण के चरण :

* 1859 में सार्डिनिया ने फ्रांस को अपने पक्ष में मिलाकर आस्ट्रिया को युद्व में पराजित किया और लोम्बार्डी प्रदेश पर अधिकार कर लिया |

* द्वीतीय चरण में नियमित सैनिको के अलावा गैरीबाल्डी के नेतृत्व में सशस्त्र स्वयंसेवकों ने इस युद्व में हिस्सा लिया

* 1860 में वे दक्षिण इटली और दो सिसिलियों के राज्य में प्रवेश कर गए और स्पेनी शासकों को को हटाने के लिए स्थानीय किसानों का समर्थन पाने में कामयाब हो गए |

* 1861 में एकीकृत इटली का सम्राट विक्टर इमैनुएल को घोषित किया गया |

* तृतीय चरण में प्रशा और फ्रांस के बीच सिडान का युद्व (1870) हुआ, इसमें फ्रांस को रोम के सुरक्षा में लगे अपने सैनिको को बुला लिया | इसका लाभ उठाकर विक्टर इमैनुएल ने रोम पर अधिकार कर लिया परन्तु बाद में पोप के राजमहल को छोड़ दिया |

इस तरह इटली का एकीकरण सम्भव हो सका |


प्रश्न 14. ब्रिटेन में राष्ट्र-राज्य का निर्माण किस प्रकार हुआ ?
उत्तर:
*  ब्रिटेन की कहानी :* इससे पहले ब्रितानी द्वीपसमूह में रहने वाले लोगों-अंग्रेज, स्काट या आयरिश की मुख्य पहचान नृजातीय (एक साझा नस्ली, जनजातीय या संस्कृतिक उद्गम अथवा पृष्ठभूमि जिसे कोई समुदाय अपनी पहचान मानता है) थी| इनकी अपनी संस्कृतिक एवं राजनीतिक परम्पराएं थी |

* 1688 में हुए गौरवपूर्ण क्रान्ति ने ब्रिटेन को एक लम्बे संघर्ष के बाद राजतांत्रिक संसदीय व्यवस्था को अपनाना पड़ा |

* 1707 ई. में इंग्लैण्ड और स्काटलैंड के बीच एक्ट ऑफ यूनियन से "युनाइटेड किंगडम ऑफ ग्रेट ब्रिटेन" का गठन हुआ और इंग्लैण्ड स्काटलैंड पर अपना प्रभुत्व स्थापित कर पाया |

* इंग्लैण्ड ने अपनी सांस्कृतिक परम्पराएं स्काटलैंड पर थोपने लगा| उनकी गेलिक (स्काटलैंड की भाषा) भाषा बोलने या अपनी राष्ट्रीय पोशाक पहनने की मनाही थी |

* आयरलैंड पर भी ब्रिटेन अपना प्रभूत्व 1801 में जमा पाया और प्रोटेस्टेंट धर्म मानने वालों का बहुसंख्यक कैथोलिक देश पर प्रभुत्व बढाने में मदद की |

* स्काटलैंड, आयरलैंड में ब्रिटेन के प्रतीक-चिन्हों, झंडा (यूनियन जैक) और राष्ट्रीय गान (God save our nobel king) को बढ़ावा दिया


प्रश्न 15. यूरोप में राष्ट्र के विचार के निर्माण में वहां की संस्कृति ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई | कैसे ?
उत्तर:

* राष्ट्रवाद की भावनाओं को गढ़ने एवं व्यक्त करने के लिए कला , काव्य , कहानियों -किस्सों और संगीत का भी सहयोग लिया गया |

* रूमानी कलाकार और कवियों ने तर्क -वितर्क और विज्ञान के महिमामंडन की आलोचना की और उसकी जगह भावनाओं , अंतदृष्टि और रहस्यवादी भावनाओं पर जोर दिया |

* जर्मन दार्शनिक योहान गाटफ्रीड के अनुसार जर्मन राष्ट्र की आत्मा लोकगीतों , जन-काव्य और लोकनृत्यों से प्रकट होती है | स्थानीय बोलियों और लोक साहित्य के माध्यम से राष्ट्रीय संदेश देना है |

* राष्ट्रीय भावनाओं के विकास ने भाषा एक महत्वपूर्ण हथियार था जिसने एक भाषा के लोगो को एकता को बनाये रखने एवं संघर्ष करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी |


प्रश्न 16. बाल्कन समस्या क्या थी ? यह समस्या प्रथम विश्व युद्व का कारण बनी| कैसे?
उत्तर :


19वी सदी उत्तरार्द्व में राष्ट्रवाद एक संकीर्ण सिद्वांत बन गया| राष्ट्रवाद साम्राज्यवाद का रूप लेने लगा और यह संघर्ष के रूप में अपना आकार लेने लगा |

बाल्कन क्षेत्र :

* बाल्कन क्षेत्र के अंतर्गत आधुनिक रोमानिया, बल्गेरिया, अल्बेनिया, यूनान, मेसिडोनिया, क्रोएशिया, बोस्निया-हर्जेगोविना, स्लोवोनिया, सर्बिया और मांटीनीग्रों शामिल थे |

* बाल्कन क्षेत्र के निवासियों को "स्लाव" नाम से पुकारा जाता था|

* इसके बड़े क्षेत्र पर आटोमान साम्राज्य का अधिकार था

* 19वीं सदी में राष्ट्रवाद के विचार बाल्कन क्षेत्र में भी स्वतन्त्रता के बीच बोया और अपनी स्वतन्त्रता की घोषणा करने लगे |

* परन्तु यूरोप की बड़ी शक्तियां रूस, जर्मनी, इंग्लैण्ड, आस्ट्रो-हंगरी देशों ने बाल्कन क्षेत्र में अपना प्रभूत्व बढाने की होड़ लग गयी | इसके लिए सैनिक शक्तियाँ बढाने पर जोर दिया जिसका परिणाम अंतत: प्रथम विश्व युद्व (1914-1918) हुआ |

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M. PRASAD
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