Monday 6 April 2020

शिशुनाग वंश और नन्द वंश

शिशुनाग वंश और नन्द वंश 

* हर्यक वंश के अंतिम शासक नागदशक को शिशुनाग नामक अमात्य ने पदच्यूत कर मगध पर अधिकार कर लिया और शिशुनाग वंश की स्थापना 412 ई0 पू0 किया ।
*  शिशुनाग के समय में मगध साम्राज्य के अंतर्गत बंगाल से मालवा तक का क्षेत्र शामिल था ।
शिशुनाग ने पाटलीपुत्रा के स्थान पर  वैशाली को राजधानी बनाया ।
* शिशुनाग का उत्तराधिकारी कालशोक हुआ । यह मगध साम्राज्य का सम्राट 394 ई0 पू0 से 366 ई0 पू0 तक रहा ।
पुराण में कालशोक और दिव्यादान में काकवर्ण नाम मिलता है ।
कालशोक ने वैशाली के स्थान पर अपनी राजधानी  पाटलीपुत्रा बनाया ।
* कालशोक के शासनकाल में ही बौद्व धर्म का द्वीतीय बौद्व संगीति 383 ई0 पू0 वैशाली में सवाकामी की अध्यक्षता में आयोजित की गई थी ।
शिशुनाग वंश का अंतिम शासक नन्दिवर्धन था जिसने 344 ई0 पू0 तक मगध पर शासन किया ।
महापद्मनन्द ने शिशुनाग वंश का अंत कर नन्द वंश की स्थापना 344 ई0पू0 किया तथा 28 वर्षों तक मगध पर शासन किया ।
पुराणों में महापद्मनन्द को सर्वक्षत्रान्तक (क्षत्रियों का नाश करनेवाला ) तथा भार्गव ( द्वीतीय परशुराम) कहा गया  है । उसने  एकरात और एकछत्र की उपाधि धारण की थी ।
महापद्मनन्द का पुत्र घनानन्द सिकन्दर ( एलेक्जेंडर) का समकालीन था ।
यूनानी इतिहासकारों ने घनानन्द को अग्रमीज़ लिखा है ।
* घनानन्द के शासनकाल में सिकन्दर ने 325-326 ई0 पू0   भारत पश्चिमी -उत्तर भाग पर आक्रमण किया था।
* 322 ई0पू0 चन्द्रगुप्त मौर्य ने  घनानन्द को पराजित कर मगध पर अधिकार कर लिया और मौर्य वंश की स्थापना की।




स्रोत  : विकिपीडिया (मानचित्र)

No comments:

Post a Comment

M. PRASAD
Contact No. 7004813669
VISIT: https://www.historyonline.co.in
मैं इस ब्लॉग का संस्थापक और एक पेशेवर ब्लॉगर हूं। यहाँ पर मैं नियमित रूप से अपने पाठकों के लिए उपयोगी और मददगार जानकारी शेयर करती हूं। Please Subscribe & Share

Also Read

Navoday Vidyalaya Class VI result 2024 out

NAVODAYA VIDYALAYA SELECTION TEST CLASS VI -2024 RESULT OUT Navodaya Vidyalaya Samiti Delhi published result of Jawahar Navodaya Vidyal...