पाषाण काल : मध्यपाषाण काल का इतिहास
* भारत में मध्यपाषाण काल का समय - 9000 BC से
4000 BC तक मानी जाती है ।
* जलवायु में परिवर्तन होने से जीव - जंतुओं और वनस्पतियों में भी परिवर्तन हुआ । बर्फ की जगह घास से भरे मैदान और जंगल उगने आरंभ हुए । ठंड में रहने वाले विशालकाय जानवरों जैसे मैं मैमथ, रेनडियर आदि नष्ट हो गए और उसके स्थान पर छोटे-छोटे जानवर खरगोश, हिरण, बकरी, आदि पैदा हुए ।
* उपकरण : इस युग का विशिष्ट औजार लघु अस्त्र (Microliths) था । इसके अलावा तीर-धनुष, इकधार फलक(Backed Blade), वेदनी(Points) आदि ।
* प्रमुख स्थल : वीरभानपुर ( प0 बंगाल) , लंघनाज(गुजरात), टेरी समूह ( तमिलनाडु), आदमगढ़(मध्यप्रदेश), बागोर(राजस्थान) , मोरहना पहाड़, सरायनाहर राय, महादहा(उत्तरप्रदेश)
* इस काल की प्रमुख उपलब्धि पशुपालन था ।
* सबसे प्राचीन मध्यपाषाण कालीन स्थल सरायनाहर राय (उत्तर प्रदेश ) से प्राप्त हुई है ।
* बागोर ( राजस्थान) से शवों के सुनियोजित ढंग से दफनाने की विधि का पता चला है ।
No comments:
Post a Comment
M. PRASAD
Contact No. 7004813669
VISIT: https://www.historyonline.co.in
मैं इस ब्लॉग का संस्थापक और एक पेशेवर ब्लॉगर हूं। यहाँ पर मैं नियमित रूप से अपने पाठकों के लिए उपयोगी और मददगार जानकारी शेयर करती हूं। Please Subscribe & Share