Monday, 24 February 2020

पाषाण काल : मध्यपाषाण काल का इतिहास

पाषाण काल : मध्यपाषाण काल का इतिहास 


*  भारत में मध्यपाषाण काल का समय  - 9000 BC से 
4000 BC तक मानी जाती है ।

*  जलवायु में परिवर्तन होने से जीव - जंतुओं और वनस्पतियों में भी परिवर्तन हुआ ।  बर्फ की जगह घास से भरे मैदान और जंगल उगने आरंभ हुए ।  ठंड में रहने वाले विशालकाय जानवरों जैसे मैं मैमथ, रेनडियर आदि नष्ट हो गए और उसके स्थान पर छोटे-छोटे जानवर खरगोश, हिरण,  बकरी,  आदि पैदा हुए ।

*  उपकरण : इस युग का विशिष्ट औजार लघु अस्त्र (Microliths) था । इसके अलावा तीर-धनुष, इकधार फलक(Backed Blade), वेदनी(Points) आदि ।

*  प्रमुख स्थल : वीरभानपुर ( प0 बंगाल) , लंघनाज(गुजरात), टेरी समूह ( तमिलनाडु), आदमगढ़(मध्यप्रदेश), बागोर(राजस्थान) , मोरहना पहाड़, सरायनाहर राय, महादहा(उत्तरप्रदेश)

*  इस काल की प्रमुख उपलब्धि पशुपालन था ।

*  सबसे प्राचीन मध्यपाषाण कालीन स्थल सरायनाहर राय (उत्तर प्रदेश ) से प्राप्त हुई है ।

*  बागोर ( राजस्थान) से शवों के सुनियोजित ढंग से दफनाने की विधि का पता चला है ।




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