इतिहास: विदेशी वृतान्त साहित्य
* हेरोडोटस ( इतिहास का जनक) ने अपनी पुस्तक "हिस्टोरीका " में भारत और फारस के संबंधों पर प्रकाश डालती हैं
* मेगास्थनीज ने अपनी पुस्तक "इंडिका" में मौर्य युगीन समाज एवं संस्कृति की जानकारी देता है ।
* टॉलमी की रचना "ज्योग्राफी" से तत्कालीन भारत की विस्तृत जानकारी मिलती है ।
* "पेरिप्लस ऑफ द एरिथ्रीयन सी " में भारतीय बंदरगाहों एवं व्यापारिक वस्तुओं का उल्लेख है ।
* प्लिनी कृत " नेचुरल हिस्टोरीका " से भारतीय पशुओं , पौधों , खनिज पदार्थों की जानकारी मिलती है । इससे भारत व इटली के मध्य होने वाले व्यापार पर भी प्रकाश पड़ता है ।
* " फाह्यान" के " यात्रा वृत्तांत" से गुप्तकालीन भारत की सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक स्थिति की जानकारी मिलती है ।
* ह्वेनसांग की पुस्तक " सी-यू-की" में हर्षकालीन भारत की जानकारी मिलती है । इस पुस्तक में 138 देशों का विवरण मिलता है ।
* इत्सिंग 7वीं सदी में भारत आया और उसने नालन्दा एवं विक्रमशिला का वर्णन किया ।
* अलबरूनी कृत " तहकीक -ए -हिंद" ( किताब- उल- हिंद) में राजपूत कालीन भारत की सामाजिक धार्मिक आर्थिक सांस्कृतिक जीवन की विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराती है ।
* अरब यात्री " सुलेमान " ने अपने यात्रा विवरण में प्रतिहार शासकों का उल्लेख करते हुए तत्कालीन सामाजिक आर्थिक जानकारी का विस्तृत उल्लेख किया है ।
* बगदाद यात्री " अल मसूदी " राष्ट्रकूट एवं प्रतिहार शासकों के विषय में महत्वपूर्ण जानकारी अपने यात्रा विवरण में देता है ।
* मेगास्थनीज ने अपनी पुस्तक "इंडिका" में मौर्य युगीन समाज एवं संस्कृति की जानकारी देता है ।
* टॉलमी की रचना "ज्योग्राफी" से तत्कालीन भारत की विस्तृत जानकारी मिलती है ।
* "पेरिप्लस ऑफ द एरिथ्रीयन सी " में भारतीय बंदरगाहों एवं व्यापारिक वस्तुओं का उल्लेख है ।
* प्लिनी कृत " नेचुरल हिस्टोरीका " से भारतीय पशुओं , पौधों , खनिज पदार्थों की जानकारी मिलती है । इससे भारत व इटली के मध्य होने वाले व्यापार पर भी प्रकाश पड़ता है ।
* " फाह्यान" के " यात्रा वृत्तांत" से गुप्तकालीन भारत की सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक स्थिति की जानकारी मिलती है ।
* ह्वेनसांग की पुस्तक " सी-यू-की" में हर्षकालीन भारत की जानकारी मिलती है । इस पुस्तक में 138 देशों का विवरण मिलता है ।
* इत्सिंग 7वीं सदी में भारत आया और उसने नालन्दा एवं विक्रमशिला का वर्णन किया ।
* अलबरूनी कृत " तहकीक -ए -हिंद" ( किताब- उल- हिंद) में राजपूत कालीन भारत की सामाजिक धार्मिक आर्थिक सांस्कृतिक जीवन की विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराती है ।
* अरब यात्री " सुलेमान " ने अपने यात्रा विवरण में प्रतिहार शासकों का उल्लेख करते हुए तत्कालीन सामाजिक आर्थिक जानकारी का विस्तृत उल्लेख किया है ।
* बगदाद यात्री " अल मसूदी " राष्ट्रकूट एवं प्रतिहार शासकों के विषय में महत्वपूर्ण जानकारी अपने यात्रा विवरण में देता है ।
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M. PRASAD
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