PRACTICE SAMPLE QUESTION PAPER 2021-22 TERM II- CLASS XII HISTORY-CODE 027 WITH SOLUTIONS
PRACTICE SAMPLE QUESTION PAPER
2021-22
TERM II- CLASS XII
HISTORY-CODE 027
SET-1
TIME:
2HRS MM: 40
Based on Cbse Sample Paper Term II 2021-22
General
Instructions :
i. This Question
paper is divided into four sections-Section A, B, C and D
ii. All
questions are compulsory.
iii. Section-A:
Question no. 1 to 4 are Short Answer type questions of 3 marks
each. Answer to
each question should not exceed 80 words.
iv. Section-B:
Question no. 5 to 7 are Long Answer type questions, carrying 6
marks. Answer to
this question should not exceed 150-200 words.
v. Section-C:
Question no. 8 and 9 are Case Based questions, carrying 4 marks
each with
subparts.
vii. Section-D:
Question no. 10 is map based, carrying 2 marks
viii. There is
no overall choice in the question paper. However, an internal choice has
been provided in
a few questions. Only one of the choices in such questions have to
be attempted.
ix. In addition
to this, separate instructions are given with each section and
question,
wherever necessary.
S.NO |
SECTION A Short Answer Type Questions |
3*4= 12 M |
1. |
भारत की संविधान निर्माण में डा. भीम राव आंबेडकर की भूमिका की चर्चा करे | उत्तर: भारत की संविधान सभा में डॉ बीआर अम्बेडकर की भूमिका। (i) उन्होंने संविधान की मसौदा समिति के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। (ii) उन्होंने अस्पृश्यता के उन्मूलन की मांग की (iii) वह "एक मजबूत और एकजुट केंद्र" चाहते थे (iv) उन्होंने समान अधिकार मांगे। (v) वे संसदीय लोकतंत्र के पक्ष में थे |
3 |
2. |
दामिन-इ-कोह से आप क्या समझते है ? 18वीं सदी के दौरान संथालों ने अंग्रेजों का प्रतिरोध क्यों किया ? तीन कारण दें | उत्तर: दामिन-इ-कोह भागलपुर से राजमहल तक का वन क्षेत्र था। ब्रिटिश सरकार द्वारा दामिन इ-कोह का निर्माण सन्थाल समुदाय को बसाने के लिए किया गया था। ... ब्रिटिश भारत में संथाल जनजाति ( तत्कालीन बिहार) को अंग्रेजों द्वारा जमीन दे कर बसाया गया था ,, जिस क्षेत्र में उनको बसाया गया वह क्षेत्र ही दामिन इ कोह के नाम से जाना गया । संथाल विद्रोह (Santhaal Revolt): कारण : 1. संथाली औपनिवेशिक शासन तथा राजस्व के बढने से तंग आ चुके थे| 2. संथालियों को जमींदारों और साहूकारों द्वारा शोषण किया जा रहा था| 3. कर्ज के लिए उनसे 50 से 500 प्रतिशत तक सूद लिया जाता था| 4. हाट और बाजार में उनका सामान कम तौला जाता था| 5. धनाढ्य लोग अपने जानवरों को इन लोगों के खेतों में चरने के लिए छोड़ दिया जाता था| अथवा 18वीं सदी के दौरान पहाड़िया समुदाय के प्रति अंग्रेजों ने किस प्रकार की नीति अपनाई ? अठारहवीं शताब्दी के दौरान अंग्रेजों द्वारा पहाडिया समुदाय के प्रति अपनाई गई नीतियां (i) अंग्रेजों ने विनाश की नीति अपनाई। (ii) अंग्रेजों ने उचित आचरण सुनिश्चित करने के लिए पहाड़िया प्रमुखों के साथ शांति की नीति प्रस्तावित की। (iii) पहाड़िया पहाड़ों और गहरे जंगलों में चले गए और बाहरी लोगों के खिलाफ अपना युद्ध जारी रखा (iv) कई पहाड़िया प्रमुख जिन्होंने भत्ते स्वीकार किए थे, उन्हें अधीनस्थ कर्मचारी या वजीफा प्रमुख के रूप में माना जाने लगा, इसलिए उन्होंने समुदाय के भीतर अपना अधिकार खो दिया। |
3 |
3. |
1857 के विद्रोह में अवध के ताल्ल्कुदारों की सहभागिता की जांच कीजिए |उत्तर: 1. 1856 में अवध के ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कम्पनी के साम्राज्य में विलय से नबाब को अपनी गद्दी से वंचित होना पड़ा था | 2. अवध के नबाब के साथ-साथ इस क्षेत्र के ताल्लुकदारों को भी उनकी शक्ति , सम्पदा एवं प्रभाव से वंचित होना पडा था | 3. अवध के सम्पूर्ण देहाती क्षेत्रों में ताल्लुक्दारों की जागीरें एवं कीलें थे जिसपर ब्रिटिश शासन का अधिकार हो गया था | 4. अवध के नबाब तथा ताल्लुक्दारों के शासन खत्म होने से उनलोगों के पास स्थित सेना भी भंग हो गयी | ये सेना बेरोजगार हो गये |
5. ताल्लुक्दारो के जमीन पर से मालिकाना हक़ को भी समाप्त कर दिया गया | ताल्ल्कुदारों के पास पहले 67% गाँवों पर अधिकार था जो अब घटाकर 38% हो गया था जिससे उनलोगों में असंतोष था | 6. उल्लेखनीय है कि जब 1857 में अवध में जहां भी विद्रोह हुआ वहां नबाब और ताल्लुक्दारों का समर्थन रहा | |
3 |
4. |
भारत की संविधान सभा में भाषा के मुद्दे पर काफी बहस हुई | सभा के सदस्यों द्वारा इस विषय पर दी गई दलीलों की परख करें | उत्तर: भारत की संविधान सभा में भाषा के मुद्दे पर काफी बहस हुई | सभा के सदस्यों ने इस विषय पर अपनी दलीले पेश की जो निम्न है | 1. संविधान सभा से परे महात्मा गांधी अपनी मृत्यु के कुछ माह पूर्व अपनी राय रखी कि हिन्दुस्तानी भाषा ही हमारी राष्ट्रभाषा हो जो पूरे भारत को एक जुट रख सकता है | उनको लगता था कि बहुसांस्कृतिक भाषा विविध समुदायों के बीच संचार की आदर्श भाषा हो सकती है | 2. संयुक्त प्रांत के आर.वी. धुलेकर ने संविधान सभा में हिन्दी हो राष्ट्रभाषा का दर्जा देने के लिए आवाज उठाई | 3. मद्रास की जी. दुर्गाबाई ने कहा कि दक्षिण भारत में हिन्दी का काफी विरोध है | फिर भी दक्षिण भारत में हिन्दी का प्रचार - प्रसार हो रहा है परन्तु हिन्दी गैर -हिन्दी भाषी लोगों पर थोपा नहीं जाना चाहिए | 4. मद्रास के टी.ए.रामलिंगम चेतियार ने कहा कि जो भी किया जाय एहतियात के साथ की जाय | यदि आक्रामक हो कर काम किया गया तो हिन्दी का कोई भला नही होगा | 5. संविधान सभा की भाषा समिति ने एक निष्कर्ष पर पहुँची की हिन्दी को राजभाषा घोषित की जाए | 6. प्रत्येक प्रांत को अपने कामों के लिए एक क्षेत्रीय भाषा चुनने का अधिकार दी जाय | पहले 15 वर्षों तक सरकारी कामों में अंगरेजी का इस्तेमाल जारी रहेगा | |
3 |
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SECTION B Long Answer Type Questions |
3*6= 18 M |
5. |
1857 के विद्रोह में उत्तर भारत के 6 प्रमुख नेताओं की भूमिका का वर्णन करें | उत्तर: 1857 के विद्रोह के प्रमुख नेताओं की भूमिका। (i) कानपुर में पेशवा बाजीराव द्वितीय के उत्तराधिकारी नाना साहिब विद्रोह के नेता बने। (ii) झांसी में रानी लक्ष्मीबाई ने विद्रोह का नेतृत्व संभाला। (iii) बिहार के आरा में, कुंवर सिंह, एक स्थानीय जमींदार लोकप्रिय दबाव में नेता बन गया (iv) लखनऊ में, नवाब वाजिद अली शाह के युवा पुत्र बिरजिस क़द्र, राज्य के विलय के खिलाफ विद्रोह के नेता बने (v) छोटानागपुर में सिंहभूम के एक आदिवासी किसान गोनू क्षेत्र के कोल आदिवासियों के विद्रोही नेता बन गए। (vi) शाह मल ने बड़ौत परगना के ग्रामीणों को संगठित किया |
6 |
6. |
भारत छोड़ों आन्दोलन सही मायने में एक जन आन्दोलन था | इस कथन का सत्यापन करें ? उत्तर: भारत छोड़ो आंदोलन (i) कार्यकर्ताओं ने हड़ताल और विरोध का आयोजन किया (ii) छात्रों ने जेल जाने के लिए अपने कॉलेज छोड़े। (iii) समाजवादियों ने भी अंग्रेजों का विरोध किया (iv) देश भर की महिलाओं ने भाग लिया (v) हजारों भारतीय जन आंदोलन में शामिल हुए (vi) हड़ताल, बहिष्कार और धरना प्रदर्शन हुए
(vii) सरकारी भवनों या औपनिवेशिक सत्ता के किसी अन्य दृश्यमान प्रतीक पर हमले। अथवा महात्मा गांधी ने स्वयं को सामान्य लोगों जैसा दिखाने के लिए क्या किया ? प्रकाश डालें | उत्तर: 1. महात्मा गांधी देश की जनता को जानने के लिए देश का भ्रमण किया तथा वस्तुस्थिति को समझा | 2.गांधी जी अपने सार्वजनिक भाषणों में किसानों और गरीबों की बात करते थे | 3. गांधी जी जनसामान्य की दिखने के लिए उनके जैसे वस्त्रों का प्रयोग करते थे तथा उनकी तरह ही भाषा का प्रयोग करते थे | 4. जनसामान्य से जुड़ने के लिए स्वयं चरखे का प्रयोग कर खादी वस्त्र बुनते थे तथा उसका प्रयोग करते थे | 5. गांधी जी छुआ-छूत की समाप्ति , बाल-विवाह खत्म करने , आर्थिक सत्र पर स्वावलंबन की प्रेरणा , खाड़ी पहनने पर जोर देना, समाज में उच्च-नीच का भेदभाव खत्म करना , सादा जीवन व्यतीत करना अदि उनके प्रयास जन-नेता के रूप में स्थापित करते है | |
6 |
7. |
भारत में मुग़ल शासकों द्वारा अभिजात वर्ग में विभिन्न जातियों और धार्मिक समूहों के लोगों की भर्ती क्यों की जाती थी ? व्याख्या करें | उत्तर: 1. मुग़ल साम्राज्य में अभिजात वर्ग - मिश्रित वर्ग का था | -उसमें ईरानी , तूरानी , अफगानी , राजपूट दक्खनी शामिल थे | 2. इससे यह सुनिश्चित हो जाता था कि कोई भी दल इतना बड़ा न हो कि वह राज्य की सत्ता को चुनौती दे सके | 3. इन अभिजात वर्ग के लोगों को बादशाह द्वारा मनसब प्रदान किया जाता था , मनसब व्यक्ति के ओहदे एवं महत्व को निरुपित करता था | 4. मुग़ल शासक धार्मिक समूहों के लोगों की भी भर्ती किया गया था जो धर्म के मसलों पर बहस करती थी | 5. धार्मिक समूह को सुलह-ए-कुल का अंग बना दिया जिसमें सभी को धर्म और मतों की स्वतन्त्रता थी परन्तु एक शर्त थी कि वे राज्य-सत्ता को क्षति नहीं पहुंचाएंगे | अथवा मुग़ल शासकों ने बड़े प्रभावशाली तरीके से विजातीय जनसाधारण को शाही संरचना के अंतर्गत सम्मिलित किया | इस कथन की पुष्टि करें | उत्तर: 1. मुग़ल साम्राज्य में अभिजात वर्ग - मिश्रित वर्ग का था | -उसमें ईरानी , तूरानी , अफगानी , राजपूट दक्खनी शामिल थे | 2. इससे यह सुनिश्चित हो जाता था कि कोई भी दल इतना बड़ा न हो कि वह राज्य की सत्ता को चुनौती दे सके |
3. इन अभिजात वर्ग के लोगों को बादशाह द्वारा मनसब प्रदान किया जाता था , मनसब व्यक्ति के ओहदे एवं महत्व को निरुपित करता था | 4. अकबर ने 1560 से राज्पूरों और भारतीय मुसलमानों को शाही सेवा में नियुक्त किया | शिक्षा और लेखाशास्त्र की ओर झुकाव वाले हन्दू जातियों के सदस्यों को भी पदोन्नत किया जाता था | 5. जहांगीर के शासन काल में ईरानियों को उंचा पद दिया 6. औरंगजेब ने राजपूतों एवं मराठों को को ऊँचे पदों पर नियुक्त किया था | 7. शाहजहाँ के शासन काल में अलग -अलग वर्गों को शाही सेवा में नियुक्त किया था | |
6 |
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SECTION C Case Based Questions |
2*4= 8 M |
8. |
नीचे दिए अनुच्छेद को पढ़ें और उस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दें " लिखित शब्द की उड़ान" अबुल फजल के शब्दों में : लिखित शब्द विगत युगों की बुद्विमत्ता को मूर्त रूप दे सकता है और इस तरह वह बौद्विक प्रगति का साधन बन सकता है | उच्चारित शब्द उनके दिलो-दिमाग में जाता है जो उसे सुनने के लिए उपस्थित होता है | लिखित शब्द न केवल पास रहने वाले लोगों बल्कि दूर स्थित लोगों को भी समझदारी सिखाता है | अगर लिखित शब्द न हो तो उच्चारित शब्द तो बहुत जल्दी ही मर जाएगा और हमारे पास उन लोगों की कोई निशानी नहीं रह जाएगी जो दिवंगत हो चुके है | सामान्य समझ के लोग तो अक्षरों को एक गहरी आकृति मात्र मानते है पर गहराई से देखने वाले लोगों को इनमें एक प्रज्ञा दीप (चिराग-ए-शिनासाई ) नजर आता है | अपने में हजारों किरणों को लिए होने के बावजूद लिखित शब्द काला दिखता है अथवा इस ढंग से कहा सकता है की यह एक ऐसा प्रकाश है जिस पर एक तिल है जो इस बुरी नजर से बचाता है | खत या पत्र समझदारी की तस्वीर है; विचारों की दुनिया से निकाला हुआ खाका है ; दिन को लाने वाली गहरी रोशनी है; ज्ञान से भरा हुआ घना बादल है | पात्र मौन होते है फिर भी वे बोलते है ; स्थिर होते है फिर भी वे सफ़र करते है ; पन्ने पर फैले हुए , फिर भी ऊपर की ओर उड़ान भरते है | 8.1 शब्दों को ज्ञान का दीपक क्यों माना जाता है ? उत्तर: उनके अनुसार तर्कसंगत सोच की भावना शब्दों से आती है। 8.2 अबुल फजल ने शब्दों को ज्ञान से कैसे जोड़ा है? उत्तर: शब्दों में विचारों को आकार देने और व्यक्त करने की शक्ति होती है जो बदले में ज्ञान को बढ़ाने में मदद करती है। 8.3 अबुल फजल ने 'एक आम दर्शक के अवलोकन' और 'एक विद्वान व्यक्ति के अवलोकन' के बीच अंतर को कैसे संदर्भित किया? उत्तर: i) विद्वान अपने विचारों को विशिष्ट रूपों में प्रस्तुत कर सकते हैं (ii) विद्वान चीजों को सूक्ष्मता से और विशाल दृष्टि से देखते हैं और शब्दों की शक्ति से उन्हें व्यक्त कर सकते हैं। |
1+1 +2 =4M |
9. |
नीचे दिए अनुच्छेद को पढ़ें और उस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दें खंडित निष्ठा के लिए कोई जगह नहीं गोविन्द वल्लभ पन्त ने कहा की निष्ठावान नागरिक बनाने के लिए लोगों को समुदाय और खुद को बीच में रख कर सोचने की आदत छोड़ने होगी : लोकतन्त्र की सफलता के लिए व्यक्ति को आत्मानुशासन की कला का प्रशिक्षण लेना होगा | लोकतंत्र में व्यक्ति को अपने लिए कम तथा और के लिए ज्यादा फ़िक्र करनी चाहिए | यहाँ खंडित निष्ठा के लिए कोई जगह नहीं है | सारी निष्ठाएं इस राज्य पर केन्द्रित होनी चाहिए | यदि किसी लोकतंत्र में आप प्रतिस्पर्धी निष्ठाएं रख देते है आया ऐसी व्यवस्था खडी कर देते है जिसमें कोई व्यक्ति या समूह अपने अपव्यय पर अंकुश लगाने की बजाय वृहतर या अन्य हितों की जरा भी परवाह नही करता, तो ऐसे लोकतंत्र का डूबना सुनिश्चित है |
9.1 जी बी पंत ने नागरिकों को एक एकीकृत राष्ट्र बनाने के लिए कैसे प्रोत्साहित किया? उत्तर: पंत के अनुसार राष्ट्र को मजबूत और एकीकृत बनाने के लिए व्यक्ति को अपने लिए कम और राष्ट्र की अधिक परवाह करनी चाहिए 9.2 उन्होंने नागरिकों से राष्ट्र के प्रति वफादारी का आग्रह क्यों किया? उत्तर: उनके अनुसार, राष्ट्र को सफल बनाने के लिए, व्यक्ति को व्यक्तिगत लाभ की कम परवाह करनी चाहिए और सामूहिक लाभ पर अधिक ध्यान देना चाहिए और सभी दृष्टिकोणों से राष्ट्र के विकास पर ध्यान देना चाहिए। 9.3 वफादारी को सामाजिक पिरामिड का आधार कैसे माना गया? उत्तर: (i) उन्होंने सुझाव दिया कि व्यक्तिगत लाभ के लिए कुछ भी नहीं किया जाना चाहिए जो अन्य व्यक्ति या लोगों के बड़े वर्ग के हित को नुकसान पहुंचा सकता है (ii) यह दर्शन व्यक्तिगत केंद्रित के बजाय जन केंद्रित लाभों को बढ़ावा देता है। |
1+1 +2 =4M |
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Section-D Map Skill Base Question |
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दिए गए भारत के मानचित्र पर निम्नलिखित स्थलों को दर्शाए | A. I. स्थान जहां महात्मा गांधी ने असहयोग आन्दोलन वापस लिया अथवा
II. वह स्थान जहां गांधी जी ने नील किसानों के लिए सत्याग्रह आरम्भ किया था B. भारत के मानचित्र पर चिन्हित A ,1857 के विद्रोह संबंधी केंद्र को दिखाया गया, स्थान चिन्हित करें | |
1+1 =2m |
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M. PRASAD
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