Friday 28 January 2022

CBSE SOCIAL SCIENCE CLASS 10- CODE- 087 TERM -II IMPORTANT QUESTIONS -ANSWERS

Social Science Class 10 Term –II 2021-22 Important Questions -Answers Based on CBSE Sample Paper 2022



CBSE द्वारा जारी CLASS 10 TERM-2 Social Science का Sample Paper -2022 के आधार पर VERY SHORT , SHORT & LONG ANSWER TYPE QUESTIONS , CASE BASED QUESTIONS AND MAP WORK पर आधरित प्रश्न दिए गए है | इस Article में CBSE द्वारा पूर्व में पूछे गए प्रश्नों को संग्रह तथा संभावित  प्रश्नों को उपलब्ध कराया गया है | आशा करता हूँ की आपलोगों को पसंद आएगा 


1. LINK: SOCIAL SCIENCE CLASS 10 CBSE SAMPLE QUESTIONS -2022 IN HINDI


2. LINK : SOCIAL SCIENCE CLASS 10 CBSE SAMPLE QUESTIONS- 2022 -SOLUTIONS IN HINDI

3. LINK: CLASS 10 SOCIAL SCIENCE NOTES 
 


VERY SHORT & LONG ANSWER TYPE QUESTIONS

HISTORY CH-3 NATIONALISM IN INDIA


प्रश्न 1.- असहयोग आंदोलन के किन्ही तीन प्रभावों का वर्णन कीजिए?   NCERT

उत्तर-

1. खिलाफत तथा असहयोग आंदोलन एक साथ चलाया जाय।/ इसको अलग-अलग चरणों में चलाना।

2. विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार स्वदेशी वस्तु अपनाना/ अंग्रेजों द्वारा दी गयी उपाधि को वापस करना।

3. सरकारी कार्यालय स्कूल आदि को छोड़ना।



प्रश्न 2. असम में बागान मजदूरों के लिए स्वराज की अवधारणा क्या थी?          CBSE 2019

उत्तर-

1. अनुबंध के नियमों का उल्लंघन।/ चाय बगानों से बाहर निकलना।

2. असहयोग आंदोलन में सम्मिलित होना।

3. कृषि भूमि तथा सुख-साधनों को प्राप्त करना।



प्रश्न 3. भारतीयों ने साइमन कमीशन का विरोध क्यों किया?

उत्तर-

1. समय से पहले गठन करना।

2. शासन में सुधार जैसी कोई बात नही।

3. एक भी भारतीय को इसमें सम्मिलित नही किया गया।



प्रश्न 4. भारत के लोग रॉलट एक्ट के विरोध में क्यों थे?          CBSE 2013,14,15,16

उत्तर-

1. यह एक काला कानून था।

2. इस कानून के अंतर्गत किसी को बिना मुकदमा चलाए और कारणों को बताये लम्बे समय तक जेल में डाला जा सकता था।

3. यह प्रथम विश्व युद्ध के दौरान ही भारतीय जनता को नियन्त्रण में करने के लिए लाया गया था।

विश्व युद्ध के बाद इसे खत्म करना था परन्तु सरकार ने इसे बनाये रखा। इसका विरोध भारत की आम जनता ने किया।



प्रश्न 5. गांधी जी ने असहयोग आंदोलन को वापस लेने का फैसला क्यों लिया?

उत्तर-

1. असहयोग आंदोलन अंहिसा पर आधारित था।

2. आंदोलनकारियों में निरसता आ गई थी।

3. चौरा-चौरी में आंदोलनकारियों द्वारा 22 पुलिस वालों को चौकी में जिंदा जलाया जाना।





प्रश्न 6. सविनय अवज्ञा आंदोलन पर टिप्पणी लिखो?      CBSE 2018,19

उत्तर-

1. गाँधी जी ने सन् 1930 को दांडी नामक स्थान पर नमक कानून तोड़कर शुरू किया।

2. 1934 तक आंदोलन का चलना।

3. गाँधी जी ने विद्यार्थियों को स्कूल एवं कॉलेजों, विद्यायकों विधान पालिका विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार आरंभ करना।

4. स्वदेशी वस्तुओं को अपनाना।/ मुस्लिम एकता पर बल देना।



प्रश्न 7. 1916 ई॰ के लखनऊ समझौते का क्या महत्व था?

उत्तर-

1. कांग्रेस के नरम दल और गरम दल का एक मंच पर आना।

2. कांग्रेस और मुस्लिम लीग के बीच समझौता

3. दोनो ने संयुक्त होकर अंग्रेजो से अपनी मांगों को लेकर सामना करना।

4. बाल गंगाधर तिलक का इसमें बड़ा योगदान था।



प्रश्न 8. असहयोग आंदोलन आरंभ किए जाने के क्या कारण थे ? इस आांदोलन में समाज के विभिन्न वर्गों की हिस्सेदारी पर प्रकाश डालिए। इसके कार्यक्रम कार्य पद्धति, प्रगति एवं अंतत: समाप्ति को समझाइए।          CBSE 2018

उत्तर- आदोलन क कारण :-

1. प्रथम महायुद्र की समाप्ति पर अंग्रेजों द्वारा भारतीय जनता का शोषण।/ अंग्रेजों द्वारा स्वराज प्रदान करन से मुकर जाना।

2. रॉलेट एक्ट का पारित होना

3. जलियाँवाला बाग हत्याकांड

4. कलकत्ता अधिवेशन में 1920 में कांग्रेस द्वारा असहयोग आदोलन का प्रस्ताव बहुमत से पारित।

विभिन्न वगाँ की हिस्सेदारी :-

1. शहरों में आन्दोलन

2. ग्रामीण इलाकों में विद्रोह

3. आदिवासी क्षेत्रों में विद्रोह

4. बागानों में स्वराज

कार्यपद्धति, प्रगति -

चरणबद्ध योजना प्रक्रिया।

प्रथम चरण - सरकारी पदवियों, नौकरियों, सेना, पुलिस, स्कूलों, विद्यार्थी परिषदों व विदेशी वस्तुओं का त्याग।

दूसरा चरण – व्यापक स्तर पर सविनय अवज्ञा आंदोलन प्रारंभ होना शामिल था।

समाप्ति - गाँधी जी द्वारा चौरी-चौरा में हुई हिंसक घटना के फलस्वरूप आंदोलन वापस ले लिया गया।



प्रश्न 9. सक्रिय राजनीति में भाग लेने से पूर्व गाँधीजी ने किन-किन स्थानों पर सत्याग्रह आंदोलन किए ? इनके प्रारंभ होने के क्या कारण थे ?

उत्तर-

1. 1917 में चांपारन सत्याग्रह - नील की खेती करने वाले किसानों के पक्ष में।

2. खेड़ा सत्याग्रह (1917) - किसानों को लगान में छूट दिलवाने के लिए।

3. अहमदाबाद में मिल मजदूर हड़ताल (1918)



प्रश्न 10. गाँधीजी की नमक यात्रा कई कारणों से उल्लेखनीय थी। समीक्षा कीजिए। सविनय अवज्ञा आंदोलन की सीमाएँ क्या थीं ? इसके महत्व का वर्णन कीजिए।              CBSE 2019

उत्तर-

1. नमक कर ब्रिटिश सरकार का सबसे दमनात्मक पहलू बताया गया।/ गाँधीजी द्वारा विश्वस्त वालंटियरों के साथ नमक यात्रा शुरू।

2. राष्ट्रीय आंदोलन से आम आदमी के मुद्दे को जोड़ना।/ कानून का उल्लंघन। प्रदर्शन व विदेशी चीजों का बहिष्कार

3. शराब की दुकानों पर पिकेटिंग।/ सभी लोग स्वराज की अमूर्त अवधारणा से प्रभावित नहीं थे।

4. समाज के सभी वर्गों ने बढ़चढ़ कर हिस्सा नहीं लिया।/ समाज के वर्ग एक दूसरे की तरफ संशकित थे।



11. प्रथम विश्व युद्व के दौरान भारत की आर्थिक और राजनीतिक स्थिति की चर्चा करें

उत्तर:

* रक्षा व्यय में भारी इजाफा

* इस युद्व के खर्च की भरपाई के लिए युद्व के नाम पर कर्जे लिए गए

* सीमा शुल्क में वृदि और आयकर शुरू किया गया

* मंहगाई में वृद्वि

* लगान में वृद्वि की गयी

* ग्रामीण युवकों को जबरन सिपाही में भर्ती किया जाने लगा

* 1918-19 और 1920-21के दौरान अकाल से खाद्य पदार्थों की कमी

* 1920-21 में फ़्लू की महामारी से 120-130 लाख लोग मारे गए



12. महात्मा गांधी के विचारों में सत्याग्रह तात्पर्य क्या है ? :

उत्तर: सत्याग्रह :

* सत्याग्रह के विचार में सत्य की शक्ति पर आग्रह और सत्य की खोज पर जोर देना |

* सत्याग्रह शुद्व आत्मबल है | सत्य ही आत्मा का आधार होता है| आत्मा ज्ञान से हमेशा लैस होती है | सत्याग्रह अहिंसक प्रतिकार है | अहिंसा सर्वोच्य धर्म है |

* प्रतिशोध की भावना का सहारा लिए बिना सत्याग्रही केवल अहिंसा के सहारे अपने संघर्ष में सफल हो सकता है |

* गांधी जी का विचार था की अहिंसा का यह धर्म सभी भारतीयों को एकता के सूत्र में बाँध सकता है |

 

13. चम्पारण सत्याग्रह की घटना क्या थी ?

उत्तर:

* 19वीं सदी जे प्रारम्भ में गोरे बगान मालिकों ने चंपारण जिले के किसानों से एक अनुबंध किया जिसके अनुसार किसानों को अपनी जमीन के 3/20वें भाग पर नील की खेती करना अनिवार्य था| इसे "तिनकठिया पद्वति " कहा जाता था| किसान इस अनुबंध से मुक्त होना चाहते थे |

* 1916 ई. में राजकुमार शुक्ल के आग्रह पर गांधीजी चम्पारण पहुंचे |

* चंपारण पहुंचकर गांधीजी ने समस्याओं को सूना व् सही पाया|

* गांधीजी के प्रयासों से सरकार ने चंपारण के किसानों की जांच हेतु एक आयोग नियुक्त हुआ |

* आयोग के सिफारिस पर तिनकठिया पद्वति समाप्त कर दिया और अंग्रेजों को अवैध वसूली का 25% वापस करना पडा |

गांधी जी का भारत में पहला सत्याग्रह आन्दोलन था जो सफल रहा |



14. खेड़ा सत्याग्रह के बारे में आप क्या जानते है ? प्रकाश डाले |

उत्तर:

* खेड़ा (गुजरात) में वर्षा न होने से किसानों की फसल बर्बाद हो गयी

* प्लेग और हैजा ने जनता को बेकार कर दिया

* खेड़ा की जनता अंगरेजी हुकूमत से लगान में ढील देने की मांग कर रही थी

* 1917 ई. में महात्मा गांधी , सरदार बल्लभ भाई पटेल के साथ गाँव का दौरा किया और खेड़ा के किसानों की मांग का समर्थन किया

* गांधी जी के सत्याग्रह से अंग्रेजों ने लगान माफ कर दिया





15. रालेट एक्ट (1919) क्या था ? भारतीयों ने इसका विरोध क्यों किया ? CBSE 2013, 14, 15, 16

उत्तर:


* 1917 की रूसी क्रांति और भारतीय क्रांतिकारियों की राजनीतिक गतिविधियों से आशंकित अंगरेजी सरकार ने न्यायाधीश सिडनी रालेट की अध्यक्षता में एक राजद्रोह समिति (सेडीशन समिति) का गठन किया |

* सेडीशन समिति के अनुशंसा पर 2 मार्च 1919 को रालेट कानून (क्रान्तिकारी एवं अराजकता अधिनियम ) बना |

* इसके अनुसार, संदेह के आधार पर किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार किया जा सकता था, और उसपर बिना मुकदमा चलाए दो वर्षों तक जेल में बंद किया जा सकता था |



रालेट एक्ट का विरोध :

* भारतीयों ने इस क़ानून को "काला क़ानून" कहा |

* इस क़ानून को "न वकील, न अपील और न दलील" का क़ानून कहा गया |

* गांधीजी ने इस क़ानून के विरोध में 6अप्रैल से सत्याग्रह करने का आह्वान किया |

* विभिन्न शहरों में रैली निकाली गयी, रेलवे वर्कशाप के मजदूरों ने हड़ताल की, दूकाने बंद रखी गयी, संचार सेवाएं बाधित की गयी |

* अंगरेजी सरकार ने भी आन्दोलन को दमन करने हेतु अमृतसर के स्थानीय नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया, गांधी जी को दिल्ली प्रवेश पर पाबंदी लगा दी

* अमृतसर में 10 अप्रैल को पुलिस ने शातिपूर्ण जुलूस पर गोलियां चलायी और शहर में मार्शल लाँ लागू कर दिया |



16. जालियावाला बाग़ हत्याकांड (1919) के कारण, घटना और इसके प्रभाव का वर्णन करें |

उत्तर:


कारण :

* रालेट एक्ट के विरूद्व लोगों में असंतोष

* गांधीजी तथा कुछ अन्य नेताओं के पंजाब प्रवेश पर प्रतिबन्ध

* पंजाब के दो लोकप्रिय नेता डा.सतपाल और डा.सैफुदीन किचलू को गिरफ्तार कर जिलाबदर कर दिया गया |

* अमृतसर में 10अप्रैल 1919 को शांतिपूर्ण जुलूस पर पुलिस द्वारा गोलियां बरसाई गयी , परिणामत: स्थिति बिगड़ गयी और मार्शल लाँ लगा दिया गया |

घटना :

*13अप्रैल 1919 को वैशाखी के दिन अमृतसर में लगभग शाम 4 बजे जलियावाला बागा में एक सभा का आयोजन किया गया और उस सभा में लगभग 20000 व्यक्ति एकत्रीत हुए |

* उस सभा में प्रवेश के लिए एकमात्र संकीर्ण रास्ता था, चारो तरफ, मकान बने हुए थे और बीच में एक कुआं व् कुछ पेड़ थे |

* जिस समय सभा चल रही थी, उसी वक्त संध्याकाल जनरल डायर सैनिकों और बख्तरबंद गाडी के साथ सभास्थल पर पहुंचा और बिना चेतावनी के उसने गोलियां चलवा दी |

* इस घटना में लगभग (सरकारी आंकड़ा) 379 लोग मारे गए और सैकड़ों घायल हुए |

घटना का प्रभाव :

* इस घटना की जाँच के लिए "हंटर कमीशन" का गठन किया गया जिसमें 5 अंग्रेज और 3 भारतीय सदस्य थे |

* रवीन्द्रनाथ टैगोर ने "सर" और गांधीजी ने "केशर-ए-हिन्द " की उपाधि लौटा दी |

* शंकरन नायर ने वायसराय की कार्यकारिणी परिषद् से इस्तीफा दे दिया |



17. खिलाफत आन्दोलन(1920 ) क्या था ? महात्मा गांधी ने इस आन्दोलन का समर्थन क्यों किये थे ? CBSE 2020

उत्तर:


* प्रथम विश्व युद्व के बाद ब्रिटेन और तुर्की के बीच "सेवर्स की संधि" हुई जिसमें तुर्की का सुलतान (जो मुसलमानों का धर्मगुरु भी था ) खलीफा का

पद छीन लिया |

* भारतीय मुसलमानों में खलीफा का पद छिनने से नाराजगी थी |

* खलीफा का पद बरक़रार रखने के लिए अली बंधुओं (शौकत अली और महम्मद अली) के नेतृत्व में मार्च 1919 में बंबई में खिलाफत समिति का गठन किया गया |

* गांधीजी ने इसे हिन्दू-मुस्लिम एकता के रूप में देखा और खिलाफत आन्दोलन का समर्थन किया

* सितम्बर 1920 में क्रांग्रेस के कलकाता अधिवेशन में महात्मा गांधी ने भी दूसरे नेताओं को इस बात पर राजी कर लिया कि खिलाफत आन्दोलन के समर्थन और स्वराज के लिए एक असहयोग आन्दोलन शुरू किया जाना चाहिए |



20. असहयोग आन्दोलन (1920-21) के दौरान अपनाए गए कार्यक्रमों का चर्चा करें |

उत्तर:


असहयोग आन्दोलन के कार्यक्रम :

* सरकार द्वारा दी गई पदवियां लौटा देनी चाहिए |

* सरकारी नौकरियों से त्यागपत्र और बहिष्कार करना

* सेना,पुलिस और अदालतों का बहिष्कार

* स्कूलों और कालेजों का बहिष्कार

* विधायी परिषदों का बहिष्कार

* विदेशी वस्तुओं का त्याग

* शराब की पिकेटिंग

दिसम्बर 1920 में कांग्रेस के नागपुर अधिवेशन में एक समझौता हुआ और असहयोग कार्यक्रम पर स्वीकृति की मोहर लग गयी| असहयोग-खिलाफत आन्दोलन जनवरी 1921में शुरू हुआ| इस आन्दोलन में विभिन्न सामाजिक समूहों ने हिस्सा लिया लेकिन हरेक की अपनी-अपनी आकांक्षाएं थी| सभी के लिए स्वराज के मायने अलग-अलग थे |



21. असहयोग आन्दोलन को शहरों में रहें वाले लोगों ने कैसे लिया ? CBSE 2018

उत्तर:


* आन्दोलन की शुरुआत शहरी मध्यम वर्ग की हिस्सेदारी के साथ हुई |

* हजारों विद्यार्थियों ने स्कूल-कॉलेज छोड़ दिए |

* हेडमास्टरों और शिक्षकों ने इस्तीफे सौंप दिए |

* वकीलों ने मुकदमें लड़ना बंद कर दिया |

* मद्रास के अलावा ज्यादातर प्रान्तों में परिषद् चुनावों का बहिष्कार किया |

* विदेशी सामानों का बहिष्कार किया गया

* शराब की दुकानों की पिकेटिंग की गई |

* विदेशी कपड़ों की होली जलाई गयी |

* व्यापारियों ने विदेशी सामानों का व्यापार करने और निवेश करने से इनकार कर दिया |

* लोग भारतीय कपडे पहनने लगे , भारतीय कपड़ा और हथकरघों का उत्पादन भी बढ़ने लगा|



22. असहयोग आन्दोलन ग्रामीण इलाकों को कैस प्रभावित किया ?चर्चा करें

उत्तर:

असहयोग आन्दोलन देश के ग्रामीण इलाकों में भी फैल गए |

* अवध में सन्यासी बाबा रामचन्द्र किसानों का नेतृत्व कर रहे थे | उनका आन्दोलन तालुक्क्दारों और जमींदारों के खिलाफ था जो किसानों से भारी- भरकम लगान और तरह-तरह के कर वसूल रहे थे |

* किसानों को बेगार करनी पड़ती थी| पट्टेदार के तौर पर उनके पट्टे निश्चित नहीं थे | उन्हें बार-बार पट्टे की समीन से हटा दिया जाता था ताकि जमीन पर उनका अधिकार स्थापित न हो सके |

* किसानों की मांग थी कि लगान कम किया जाय, बेगार खत्म हो और दमनकारी जमींदारों का सामाजिक बहिष्कार किया जाय|

* 1920 में जवाहर लाल नेहरु , बाबा रामचंद्र और कुछ अन्य लोगों के नेतृत्व में "अवध किसान सभा" का गठन कर लिया गया | असहयोग आन्दोलन आरम्भ होने पर तालुक्क्दारों , जमींदारों के मकानों पर हमला होने लगे,बाजारों में लूटपाट होने लगी, आनाज के गोदामों पर कब्जा कर लिया गया , लगान देना बंद कर दिया गया |



23. असहयोग आन्दोलन मे आदिवासियों की भूमिका की चर्चा करें | CBSE 2019

उत्तर: :


*आदिवासी किसानों ने गांधीजी की संदेश का और ही मतलब निकाला |

* आंध्रप्रदेश की गूडेम पहाड़ियों में 1920 के दशक की शुरुआत में उग्र गुरिल्ला आन्दोलन फैल गया |

* अंगरेजी सरकार का आदिवासियों के जीवन में हस्तक्षेप से उनमें असंतोष पहले से भरा था | गांधीजी के आह्वान पर लोगों ने बगावत कर दिया| उनका नेतृत्व अल्लूरी सीताराम राजू ने किया |

* अल्लूरी ने खुद में विशेष शक्तियों का दावा किया| लोगों को खादी पहनने और शराब छोड़ने के लिए प्रेरित किया|

* गूडेम विद्रोहियों ने पुलिस थानों पर हमले किये, ब्रिटिश अधिकारियों को मारने की कोशिश की |

* अल्लूरी को 1924 में फांसी दे दी गई |





24. असहयोग आन्दोलन का अंत क्यों हुआ ?        sample paper 2022

उत्तर:


5 फरवरी 1922 को गोरखपुर स्थित चौरी-चौरा में बाजार से गुजर रहा एक शांतिपूर्ण जुलूस पुलिस के साथ हिंसक टकराव में बदल गया| जुलूस ने आक्रोशित होकर थाने में आग लगा दी जिसमें 22 पुलिसकर्मी ज़िंदा जल गए | जब यह घटना गांधी जी को पता चला तो उन्होंने 12 फरवरी 1922 को असहयोग आन्दोलन बंद करने का ऐलान कर दिया |



25. असहयोग आन्दोलन का महत्व एवं प्रभाव की चर्चा करें |

उत्तर: 
 

असहयोग आन्दोलन का महत्व और प्रभाव :

* गांधीजी ने देश में पहली बार एक जन-आन्दोलन खड़ा किया और राष्ट्रवाद का उत्साह का संचार किया |

* इस आन्दोलन का प्रभाव उत्तर से दक्षिण और पूरब से पश्चिम तक रहा |

* स्वदेशी आन्दोलन ने जनता में आत्म-विश्वास की भावना का विकास किया

* ब्रिटिश सरकार का भय अब जनता के मन से निकल चुका था |

* पहली बार महिलाओं ने भी आन्दोलन में भाग लिया |

* राष्ट्रीय संस्थाओं की स्थापना हुई |




26. स्वराज दल की स्थापना का कारण और उसके उद्वेश्य पर प्रकाश डाले |

उत्तर:


महात्मा गांधी द्वारा अचानक असहयोग आन्दोलन स्थगित कर देने के कारण एक राजनीतिक शून्यता आ गयी | निराशा के ऐसे वातावरण में मोती लाल नेहरू और चितरंजन दास ने स्वराज दल की स्थापना की |

* संस्थापक - मोतीलाल नेहरू, चितरंजन दास

* स्थापना वर्ष - 1जनवरी 1923

* स्थान : इलाहाबाद

* पार्टी अध्यक्ष : चितरंजन दास

* उद्देश्य : स्वराज प्राप्त करना, प्रांतीय परिषदों के चुनाव में भाग लेकर ब्रिटिश नीतियों का विरोध करना, सुधारों की वकालत करना, अंगरेजी सरकार के कामों में अड़ंगा डालना |

स्वराज दल के कार्य :

* मान्तेग्यु-चेम्सफोर्ड अधिनियम(1919) के सुधारों की पुन: व्याख्या करना

* नवीन संविधान बनाने के लिए भारतीय प्रतिनिधियों का सम्मेलन बुलाना |

* राजनीतिक बंदियों की रिहाई की मांग की गई

* सरकारी समारोह व उत्सवों का बहिष्कार करना





26. साइमन कमीशन का विरोध भारतीयों द्वारा क्यों किया गया था ?

उत्तर:


* 1919 ई. के भारत सरकार अधिनियम में यह व्यवस्था थी कि 10 वर्ष के बाद एक आयोग का गठन किया जाएगा जो यह देखेगा कि इस अधिनियम में क्या सुधार किया जा सकता है |

* ब्रिटिश सरकार ने 2 वर्ष पूर्व 1927में ही सर जान साइमन की अध्यक्षता में एक आयोग का गठन किया जिसमें सभी सदस्य अंग्रेज थे | इसे "गोरे कमीशन " भी कहा जाता है |

* 3 फरवरी 1928 को कमीशन बंबई पहुँचा | साइमन कमीशन जहाँ भी गया उसका विरोध किया गया | "साइमन गो बैक " का नारा दिया गया |





27. नेहरू रिपोर्ट (1928) की प्रमुख सिफारिशें क्या थी ?

उत्तर:


साइमन कमीशन के विरोध करने से क्षुब्ध भारत मंत्री लार्ड बरकेन हेड ने भारतीयों को चुनौती दी कि उनमें आपसी मतभेद इतने है कि एक सर्वमान्य संविधान का निर्माण नहीं कर सकते | भारतीय राजनीतिज्ञों ने इस चुनौती को स्वीकार किया और मोतीलाल नेहरु के नेतृत्व में रिपोर्ट तैयार किया गया |



प्रमुख सिफारिशों :

* भारत को औपनिवेशिक स्वराज्य प्रदान किया जाय |

* प्रान्तों में पूर्ण उत्तरदायी शासन की स्थापना की जाए

* केन्द्रीय सरकार पूर्णरूप से उत्तरदायी हो, गर्वनर जनरल वैधानिक प्रमुख हो और संसदीय प्रणाली हो |

* संविधान की व्याख्या के लिए एक उच्चतम न्यायालय स्थापित हो |

ब्रिटिश सरकार ने इस रिपोर्ट को अस्वीकार कर दिया |




28. सविनय अवज्ञा आन्दोलन का कार्यक्रम और घटनाओं का वर्णन करें        CBSE 2019

उत्तर:


1. हर स्थान पर नमक क़ानून तोड़ना |

2. शराब की पिकेटिंग करना |

3. सरकारी संस्थाओं का त्याग करना

4. सरकार को कर नही देना

5. विदेशी वस्त्रों की होली जलाई जाये|



घटनाएं :

* लोगों को औपनिवेशिक कानूनों का उल्लंघन करने का आह्वान किया जाने लगा|

* देश के विभिन्न भागों में लोगों ने नमक क़ानून तोड़ा

* सरकारी नमक कारखानों के सामने प्रदर्शन किए|

* विदेशी कपड़ों का बहिष्कार किया जाने लगा|

* शराब की दुकानों की पिकेटिंग होने लगी|

* गावों में तैनात कर्मचारी इस्तीफे देने लगे|

* जंगलों में रहनेवाले वन कानूनों का उल्लंघन करने लगे , वे लकड़ी बीनने और मवेशियों को चराने के लिए आरक्षित वनों में घुसने लगे|






29. गांधी-इरविन समझौता क्या था ? इस समझौते में शामिल प्रमुख बिन्दुओं का वर्णन करें

उत्तर:


वायसराय ने देश में सार्थक माहौल बनाने के लिए कांग्रेस पर से प्रतिबंध हटा दिया, गांधीजी तथा अन्य नेताओं को छोड़ दिया| अंतत: 5मार्च 1931को गान्धीजी और इरविन में समझौता हो गया| प्रमुख बिंदु :- गांधीजी के निम्न मांगों को स्वीकार किया गया|


1. हिंसा के आरोपियों को छोड़कर राजनीतिक कैदियों को रिहा किया जाए


2. भारतीयों को समुद्र से नमक बनाने का अधिकार दिया गया |


3.आन्दोलन के दौरान त्यागपत्र देने वालों को बहाल किया जाए |


4. भारतीय अब शराब और विदेशी कपड़ों की दुकानों के सामने धरना देने के लिए स्वतंत्र थे|


गांधीजी द्वारा मानी गयी बातें : सविनय अवज्ञा आन्दोलन को स्थगित कर दिया गया और कांग्रेस दूसरे गोलमेज सम्मेलन में भाग लेना स्वीकार किया कर लिया |



30. किसानों ने सविनय अवज्ञा आन्दोलन को कैसे लिया?      CBSE 2020

ऊतर:



किसान वर्ग :



* गाँव के संपन्न किसानों प्रमुख रूप से भाग लिया| व्यावसायिक फसलों की खेती करने के कारण व्यापार में मंदी और गिरती कीमतों से वे बहुत परेशान थे|

* जब उनकी नकद आय खत्म होने लगी तो उनके लिए सरकारी लगान चुकाना नामुमकिन हो गया| उनके लिए स्वराज की लड़ाई भारी लगान के खिलाफ लड़ाई था|


* जब 1931 लगानों के घटे बिना आन्दोलन वापस ले लिया गया तो निराशा हुई | जब 1932 आन्दोलन दुबारा शुरू हुआ तो बहुतों ने हिस्सा लेने से इनकार कर दिया |


* गरीब किसान जमींदारों से पट्टे पर जमीन लेकर खेती कर रहे थे| महामंदी लम्बी खींची और नकद आमदनी गिराने लगी तो छोटे पट्टेदारों के लिए जमीन का किराया चुकाना भी मुश्किल हो गया| उन्होंने रेडिकल आन्दोलनों में हिस्सा लिया जिनका नेतृत्व अकसर समाजवादियों और कम्युनिष्टों के हाथों में होता था|

* अमीर किसानों और जमींदारों की नाराजगी के भय से कांग्रेस "भाड़ा विरोधी" आंदोलनों को समर्थन देने में हिचकिचाती थी | इसी कारण गरीब किसानों और कांग्रेस के बीच सम्बन्ध अनिश्चित बने रहे |




31. सविनय अवज्ञा आन्दोलान में व्यावसायी वर्ग की भूमिका की चर्चा करें |
उत्तर:


व्यवसायी वर्ग की स्थिति :

* पहले विश्वयुद्व के दौरान भारतीय व्यापारियों और उद्योगपतियों ने भारी मुनाफ़ा कमाया| अपने कारोबार को फैलाने के लिए उन्होंने ऐसी औपनिवेशिक नीतियों का विरोध किया जिनके कारण उनकी व्यावसायिक गतिविधियों में रुकावट आती थी|

* वे विदेशी वस्तुओं के आयात से सुरक्षा चाहते थे और रुपया-स्टर्लिंग विदेशी विनिमय अनुपात में बदलाव चाहते थे| व्यावसायिक हितों को संगठित करने के लिए 1920 में भारतीय औद्योगिक एवं व्यावसायिक कांग्रेस (Indian Industrial and commercial congress) और 1927 में भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग परिसंघ (Federation of Indian Chamber of Commerce and Industry-FICCI) का गठन किया|

* उद्योगपतियों ने भारतीय अर्थव्यवस्था पर औपनिवेशिक नियंत्रण का विरोध किया और सिविल नाफ़रमानी आन्दोलन का समर्थन किया|


* उन्होंने आन्दोलन को आर्थिक सहायता दी और आयतित वस्तुओं को खरीदने या बेचने से इंकार कर दिया| ज्यादातर व्यवसायिकों का लगता था कि औपनिवेशिक शासन समाप्त होने से कारोबार निर्बाध रूप से ढंग से फल-फूल सकेंगें|




32. सविनय अवज्ञा आन्दोलन में महिलाओं की भूमिका की चर्चा करें |

उत्तर:


* महिलाओं ने भी सविनय अवज्ञा आन्दोलन में बड़े पैमाने पर हिस्सा लिया|

* महिलाएं जुलूसों में हिस्सा लिया, नमक बनाया, विदेशी कपड़ों व शराब की दुकानों की पिकेटिंग की| बहुत सारी महिलाएं जेल भी गई|


* शहरी इलाकों में ज्यादातर ऊँची जातियों की महिलाएं सक्रीय थी जबकि ग्रामीण इलाकों में संपन्न किसान परिवारों की महिलाएं आन्दोलन में हिस्सा ले रही थी|


33. सविनय अवज्ञा आन्दोलन की सीमाएं क्या थी ?      CBSE 2019
उत्तर:



* कांग्रेस रूढ़िवादी सवर्ण हिन्दू सनातनापंथियों के डर से दलितों पर ध्यान नहीं दिया| लेकिन गांधीजी ने ऐलान किया कि अस्पृश्यता (छुआछूत) को खत्म किए बिना सौ साल तक भी स्वराज की स्थापना नहीं की जा सकती|

* अछूतों को हरिजन यानि ईश्वर की सन्तान बताया| उन्होंने मंदिरों, सार्वजनिक तालाबों, सड़कों, और कुओं पर समान अधिकार दिलाने के लिए सत्याग्रह किया|


* कई दलित नेता अपने समुदाय की समस्याओं का अलग राजनीतिक हल ढूंढना चाहते थे| उन्होंने शिक्षा संस्थानों में आरक्षण के लिए आवाज उठाई और अलग निर्वाचन क्षेत्रों की बात कही ताकि वहां से विधायी परिषदों के लिए केवल दलितों को ही चुनकर भेजा जा सके| क्योकि इनकी भागदारी काफी सीमित थी|


34. पूना पैक्ट (1932) समझौता क्या था ? प्रकाश डाले |

उत्तर:


मदन मोहन मालवीय , राजगोपालचारी और राजेन्द्र प्रसाद के प्रयासों से गांधीजी और आंबेडकर के बीच दलितों के निर्वाचन व्यवस्था पर 26सितम्बर 1932 पूना में समझौता हुआ|


इस समझौते के अनुसार :

1. दलित वर्गों के लिए पृथक निर्व्वाचं वयवस्था समाप्त कर दिया गया |
2. यह निश्चित हुआ कि दलितों के लिए स्थान तो सुरक्षित किये जाएंगे , किन्तु उनका निर्वाचन संयुक्त प्रणाली के आधार पर किया जाएगा |
3. दलों में दलितों के लिए 71 की जगह 147 सीटें आरक्षित की गई और केन्द्रीय विधानमंडल में दलित वर्ग के लिए 18% सीटें आरक्षित की गई |
4. हरिजनों के लिए शिक्षा के लिए आर्थिक सहायता देने के लिए शर्ते रखी गई|



35. सविनय अवज्ञा आन्दोलन का महत्व की चर्चा करें |

उत्तर:


1. 14 जूलाई 1933 ई. को जन आन्दोलन रोक दिया परन्तु व्यक्तिगत आन्दोलन चलता रहा |

2. 7 अप्रैल 1934 ई. को गांधी जी ने सविनय अवज्ञा आन्दोलन को बिलकुल बंद कर दिया |

3. यह आन्दोलन अपने वास्तविक उद्वेश्य को पाने में असफल हुआ तथापि जनमानस में राष्ट्रीय भावना की चेतना को उत्पन्न करने में सफल रहा |

4. भारतीयों में यह साहस पैदा कर दिया कि ब्रिटिश शासन को समाप्त किया जा सकता है |

5. ब्रिटिश सामाज्य को अहिंसक साधनों से उखाड़ फेंका जा सकता है |



36. असहयोग आंदोलन भारत के शहरों और कस्बों में कैसे फैला?

उत्तर:


(i) शहरों आंदोलन की शुरुआत में मध्यम वर्ग की भागीदारी से हुई

(ii) हजारों छात्रों ने सरकारी नियंत्रित स्कूल और कॉलेज छोड़ दिया।

(iii) कई शिक्षकों ने इस्तीफा दे दिया।

(iv) वकीलों ने अपनी कानूनी प्रथाओं को छोड़ दिया।

(v) मद्रास को छोड़कर अधिकांश प्रांतों में परिषद चुनावों का बहिष्कार किया गया।

(vi) विदेशी सामानों का बहिष्कार किया गया, शराब की दुकानों पर धरना दिया गया और विदेशी कपड़ों को विशाल अलावों में जलाया गया।



37. "आदिवासी किसानों ने महात्मा गांधी के संदेश और स्वराज के विचार की दूसरे तरीके से व्याख्या की और असहयोग आंदोलन में अलग तरह से भाग लिया।" कथन का औचित्य सिद्ध कीजिए।     CBSE 2019

उत्तर:


(i) आंध्र प्रदेश के गुडेम पहाड़ियों में उग्रवादी गुरिल्ला आंदोलन का प्रसार।

(ii) वे औपनिवेशिक नीतियों के खिलाफ थे।

(iii) उनकी आजीविका प्रभावित हुई और उनके पारंपरिक अधिकारों से वंचित कर दिया गया।

(iv) उनके नेता अल्लूरी सीताराम राजू असहयोग आंदोलन से प्रेरित थे और उन्होंने लोगों को खादी पहनने और शराब पीने के लिए राजी किया।

(v) वह बल प्रयोग से मुक्ति चाहता था।

(vi) विद्रोहियों ने पुलिस थानों पर हमला किया और स्वराज हासिल करने के लिए गुरिल्ला युद्ध किया।



38. ‘ इतिहास और कथा, लोकगीत और गीत, लोकप्रिय प्रिंट और प्रतीक सभी ने भारत में राष्ट्रवाद के निर्माण में एक भूमिका निभाई है “ इस कथन का समर्थन करें |      CBSE 2017

उत्तर:


1. 19 वीं शताब्दी के अंतिम चरण में राष्ट्रवादियों ने लोककथाओं , लोकगीत को लिखना आरम्भ किया |

2. राष्ट्रवादी इतिहासकारों एवं लेखकों ने पाठकों से अतीत में भारत की महान उपलब्धि पर गर्व करने का आह्वान किया तथा ब्रिटिश शासन के खिलाफ संघर्ष के लिए प्रेरित किया |

3. 19वीं के उतरार्द्व में रविन्द्रनाथ टैगोर और नटेसा शास्त्री जैसे राष्ट्रवादियों ने भारतीय लोककथाओं, लोकगीतों , गाथा गीत एवं पौराणिक कथाएँ एकत्रित की और लोगों के बीच प्रसारित किया |

4. 20वीं सदी राष्ट्रवाद का विकास भारत माता की छवि से जुडा हुआ था | अविन्द्रनाथ टैगोर ने भारत माता की चित्र चित्रित किया |

5. गांधीजी ने स्वराज ध्वज (लाल, हरा , सफेद ) को डिजाईन किया ब्रिटिश शासन की अवज्ञा का प्रतीक था |



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Geography - विनिर्माण उद्योग



प्रश्न 1. विनिर्माण उद्योग को भारत के आर्थिक विकास की रीढ़ की हड्डी क्यों माना जाता है ? CBSE 2019

उत्तर-


1. जिस प्रकार शरीर को आकार रीढ़ की हड्डी से मिलता है उसी प्रकार एक देश की अर्थव्यवस्था के आर्थिक विकास का मुख्य आधार विनिर्माण उद्योग है।

2. कृषि के आधुनिकीकरण में सहायक हैं।

3. द्वितीयक तथा तृतीयक सेवाओं में रोजगार उपलब्ध करवाते हैं।/ विदेशी मुद्रा प्राप्त होती है।

4. बेरोजगारी और गरीबी को दूर करने में सहायक है।

5. राष्ट्रीय धन में वृद्धि होती है।/ दैनिक आवश्यकताओं को पूरा करते हैं।



प्रश्न 2. चीनी उद्योग के सम्मुख कौन-कौन सी चुनौतियाँ हैं ?

उत्तर-


1. यह उद्योग मौसमी प्रकृति का है, छोटी अवधि का होता है।

2. गन्ने का उत्पादन प्रति हैक्टेयर कम है।/ पुरानी मशीनों का होना।/ खोई का अधिकतम इस्तेमाल न कर पाना।

3. परिवहन के साधनों के असक्षम होने के कारण गन्ने का समय पर कारखानों में न पहुँचना।



प्रश्न 3. 'कृषि और उद्योग एक दूसरे से अलग नहीं, बल्कि एक दूसरे के पूरक हैं।’ स्पष्ट कीजिए। cbse 2019

उत्तर-


1. कृषि उद्योगों के लिए बड़ी मात्रा में कच्चा माल जैसे कपास, जूट, गन्ना आदि का उत्पादन करती है।

2. उद्योग किसानों को खेती के विकास के लिए उर्वरक, कीटनाशक, खरपतवार नाशक, मशीनें आदि उपलब्ध कराता है।

3. कृषि उत्पादन में वृद्धि सम्भव हुई है।/ उद्योगों द्वारा कृषि उत्पादों को मंडी तक पहुँचा, बेचना काफी आसान हो गया है |



प्रश्न 4. सूती वस्त्र उद्योग के सामने कौन-कौन सी समस्याएँ हैं?

उत्तर-


1. पुरानी और परंपरागत तकनीक/ लंबे रेशे वाली कपास की पैदावार का कम होना।

२. नई मशीनरी का अभाव।

3. कृत्रिम वस्त्र उद्योग से प्रतिस्पर्धा।

4. अनियमित बिजली की आपूर्ति।



प्रश्न 5. जूट उद्योग किन चुनौतियों का सामना कर रहा है। CBSE 2020

उत्तर-


1. कृत्रिम रेशों से चीजें बनने लगी हैं।/ कृत्रिम रेशे से बनी चीजे सस्ती होती हैं।

2. जूट की खेती पर व्यय बहुत हो जाता है।/ विदेशी स्पर्धा का मुकाबला बाजार में चुनौती के रूप में खड़ा है।

3. बांग्लादेश अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में चुनौती के रूप में खड़ा है।



प्रश्न 6. विनिर्माण उद्योग भारत के आर्थिक विकास की रीढ़ की हड्डी माना जाता है?  कारण बताएं 

उत्तर-


1. विनिर्माण- कच्चे माल को अधिक मात्रा में मूल्यवान वस्तुओं में बदलने की प्रक्रिया को वस्तु निर्माण कहा जाता है।

2. महत्व- किसी देश की अर्थव्यवस्था और लोगों के जीवन मे महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते है।

3. दैनिक आवश्यकताओं को पूरा करते है।

4. वस्तुएँ देश-विदेश में बेचकर विदेशी मुद्रा कमाई जा सकती है जिससे राष्ट्रीय धन में वृद्धि होती है।



प्रश्न 8. लोहा तथा इस्पात उद्योग को आधारभूत उद्योग क्यों कहते है? कारण लिखो।   Sample Paper 2022

उत्तर:


1. बहुत से छोटे और मंझले उद्योग लोहा तथा इस्पात उद्योग पर निर्भर करते है।

2. यह भारी इंजीनियरिंग मशीनों और रक्षा उपकरण, वाहन, जहाज आदि के लिए रीढ़ की हड्डी है।

3. इन उद्योगों से बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार प्राप्त होता है।



9. नीचे दी गई तालिका में दिए गए डेटा को पढ़ें और नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दें: SAMPLE PAPER 2022

भारत में तैयार इस्पात का कुल उत्पादन

वर्ष

उत्पादन (लाख टन में )

2015-2016

106.60

2016-2017

120.14

2017-2018

126.85

2018-2019

101.29

2019-2020

102.62


Source: Ministry of Steel, govt. of India (NCERT)

9.1 2015-2016 और 2019 2020 के आंकड़ों की तुलना करें और 2019-2020 में स्टील के उत्पादन में कमी का कोई एक कारण बताएं।

उत्तर:


(i) उच्च लागत

(ii) कोकिंग कोल की सीमित उपलब्धता

(iii) श्रम की कम उत्पादकता

(iv) ऊर्जा की अनियमित आपूर्ति



9.2 स्टील के उत्पादन और खपत को देश के विकास का सूचकांक क्यों माना जाता है?  

उत्तर:


(i) इस्पात उत्पादों का उपयोग विभिन्न उद्योगों में कच्चे माल के रूप में किया जाता है।

(ii) यह निर्यात के लिए आवश्यक है।

(iii) यह देश के विकास को सुनिश्चित करने के लिए मशीनरी प्रदान करता है।

 

10. स्वामित्व के आधार पर उद्योगों को स्पष्ट कीजिए | CBSE 2019

उत्तर:


1. स्वामित्व क्षेत्र के उद्योग : इस उद्योग का संचालन व् स्वामित्व सरकारी एजेंसियों द्वारा किया जाता है – सेल, भेल, गेल

2. निजी क्षेत्र के उद्योग : इस उद्योग का संचालन व् स्वामित्व किसी व्यक्ति या निजी संस्था द्वारा किया जाता है|

जैसे – टिस्को , रिलांयस , एयरटेल आदि

3. संयुक्त उद्योग : इस उद्योग का संचालन सरकार और निजी क्षेत्र मिलकर कर करते है | जैसे आयल इंडिया लिमिटेड , मारुती सुजुकी आदि

11. लौह- इस्पात उद्योग की अवस्थिति के लिए उत्तरदायी कारकों को स्पष्ट कीजिये | CBSE 2019

उत्तर:


* परिवहन की लागत को कम करने के लिए ये उद्योग उन क्षेत्रों में स्थापित किया जाता है जहां कच्चा माल उपलब्ध होता है |

* सस्ते श्रम की उपलब्धता

* जल और विधुत की नियमित आपूर्ति

* बड़ा बाजार जहां उत्पादित माल बेचा जा सके

* निर्यात की सुविधाओं के लिए समुद्रीपत्तनों के निकट



12. लौह-उद्योग के छोटानागपुर क्षेत्र में संकेंद्रित होने के प्रमुख कारण क्या है ? CBSE 2019

उत्तर:

* कच्चे माल ( लौह-अयस्क , चुना पत्थर , कोयला ) की सुगाम उपलब्धता

* सस्ते श्रम (बिहार , झारखंड और उड़ीसा से )

* यातायात की सुगम व्यवस्था ( अर्थात सडक, रेल परिवहन )

* कोलकाता और पारादीप निकट बंदरगाह



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GEOG-7- LIFE LINE OF NATIONAL ECONOMY



प्रश्न 1. पाइपलाइन परिवहन को लाभ बताइए ? CBSE 2016

उत्तर-


1. पाइपलाइन द्वारा शहरों और उद्योगों में पानी पहुँचाने के साथ गैस, खनिज तेल को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचाया जाता है।

2. समय की बचत होती है। बीच की चोरी और बबांदी को रोका जा सकता है।

3. पाइपलाइन बिछाने की लागत अधिक है परन्तु इसको चलाने की लागत कम है।

4. पाइपलाइन द्वारा परिवहन शीघ्र, सुरक्षित और आसान हो जाता है।

5. रेलों पर बढ़ते दबाव को कम किया जा सकता है।



प्रश्न 2. स्वर्णिम चतुर्भुज महा राजमार्ग की तीन विशेषताएँ लिखिए।

उत्तर-


1. यह 6 लेन वाला महामार्ग है।

2. यह भारत की मेगा सिटीज दिल्ली, मुंबई, चेन्नई व कोलकाता को जोड़ता है।

3. यह मेगा सिटीज के बीच की दूरी व समय को कम करता है।

4. यह राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के अधिकार क्षेत्र में है ।



प्रश्न 3. सड़क परिवहन, रेल परिवहन से अधिक महत्वपूर्ण है, क्यों ? CBSE 2020

उत्तर-

1. सड़क परिवहन रेल परिवहन से पहले प्रारंभ किया गया।

2. निर्माण तथा व्यवस्था सुविधाजनक है।

3. हमें घरों तक पहुँचाती है।

4. पहाड़ी क्षेत्रों, दुर्गम क्षेत्रों तथा उबड़-खाबड़ स्थानों पर भी आसानी से बनाई जा सकती है।

5. अन्य परिवहन साधनों में सड़क परिवहन एक कड़ी के रूप में काम करता है।



प्रश्न 4. सड़क परिवहन किन-किन समस्याओं से जूझ रहा है?

उत्तर-


1. लगभग आधी सड़कें कच्ची हैं जो वर्षा ऋतु में काम के योग्य नहीं रहती हैं।

2. यातायात व यात्रियों की संख्या के अनुपात में सड़के अपर्याप्त हैं।

3. बढ़ते हुए वाहनों के कारण सड़के तंग व भीड़ भरी हैं।

4. इससे सड़कों पर ट्रैफिक जाम हो जाता है।/

5. राष्ट्रीय राजमार्ग भी पर्याप्त नहीं हैं।

6. यात्रियों की संख्या और माल ढुलाई की अधिकता को देखते हुए सड़क जाल अपेक्षाकृत कम है।

7. पचास प्रतिशत सड़के कच्ची है।/ अधिक वर्षा वाले क्षेत्रों में सड़के जल्दी खराब हो जाती है।

8. सड़के संकरी है तथा यातायात अधिक होने के कारण ट्रैफिक जाम की समस्या बनी रहती है।



प्रश्न 5. रेलों के जाल के असमान वितरण के कारण लिखिए ?

उत्तर-


1. मैदानी भागों में निर्माण व लागत कम और आसान है।

2. पर्वतीय भाग में निमणि कठिन व लागत अधिक होती है।

3. मैदानी भाग में जनसंख्या घनत्व अधिक है जिसके कारण रेलों का जाल बिछा है।

4. मरूस्थलीय व पठारी भाग में औद्योगिक व कृषि कार्य विकसित न होने के कारण रेलों का घनत्व कम है।

5. प्रशासकीय कारणों व सरकारी नीतियों के कारण भी रेलवे का विकास प्रभावित होता है।



प्रश्न 6. परिवहन तथा संचार के विभिन्न साधनों को अर्थव्यवस्था की जीवन रेखाएँ क्यों कहा जाता है? CBSE 2020

उत्तर-

1. परिवहन तथा संचार के विभिन्न साधन एक दूसरे के पूरक हैं।

2. देश-विदेश के दूर स्थित इलाकों को एक दूसरे से मिलाते हैं।

3. राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन को बढ़ावा मिलता है।

4. विदेशी मुद्रा की प्राप्ति होती है।

5. जीवन आरामदायक व सुविधापूर्ण हो जाता है।

6. सारा देश आपातकाल में एकजुट हो जाता है।



7. पर्यटन को व्यापार क्यों माना जाता है?              SAMPLE PAPER 2022

उत्तर:


(i) देश में विदेशी पर्यटकों का आगमन विदेशी मुद्रा में योगदान देता है।

(ii) बहुत से लोग सीधे तौर पर पर्यटन उद्योग से जुड़े हुए हैं।

(iii) पर्यटन स्थानीय हस्तशिल्प को सहायता प्रदान करता है।

(iv) पर्यटक चिकित्सा पर्यटन, पर्यावरण पर्यटन, साहसिक पर्यटन, सांस्कृतिक पर्यटन और व्यावसायिक पर्यटन के लिए भारत आते हैं
 

8. परिवहन के साधन के रूप में रेलवे की किन्हीं पांच विशेषताओं का वर्णन कीजिये | CBSE 2019

उत्तर:


* भारत में रेल परिवहन , वस्तुओं तथा यात्रियों के परिवहन का मुख्य साधन है |

* रेल परिवहन के द्वारा व्यापार, भ्रमण, लम्बी दूरी तक सामान का परिवहन एवं तीर्थ यात्राएं आदि कार्य किये जाते है |

* भारतीय रेल देश की अर्थव्यवस्था, उद्योग एवं कृषि के तीव्र गति से विकास के लिए उत्तरदायी है |

* भारतीय रेल देश की प्रत्येक कोने तक पहुंच रखती है |

* भारतीय रेल देश का सबसे बड़ा नियोक्ता है |



9. भारत में रेल परिवहन समस्याओं से मुक्त नही है | उदाहरणों सहित इस कथन की पुष्टि करें | CBSE 2020

उत्तर:


* भारत में रेल परिवहन के वितरण को प्रभावित करने वाले कारकों में मुख्यत: भू-आकृति, आर्थिक क्षेत्र प्रशासकीय कारक है |

* असंख्य नदियों के विस्तृत जलमार्गों पर पूलों का निर्माण में बाधाएं है |

* प्रायद्वीप भारत में रेलमार्ग उबड-खाबड़ पहाडी क्षेत्रों एवं सुरंगों से होकार गुजरती है |

* हिमालय पार्टी क्षेत्र में दुर्लभ उच्चावच, विरल जनसंख्या तथा प्रतिकूल आर्थिक अवसरों की कमी रेलवे लाइन के निर्माण में समस्या बनती है |

* वर्षा ऋतू में भू-स्खलन और रेलवे ट्रैक का धंसना अक्सर होती रहती है |

* असंख्य पुल –पुलिया जर्जर स्थिति में है |



10. ‘ अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को देश का आर्थिक बैरोमीटर माना जाता है |” इस कथन का समर्थन करते हुए तर्क दीजिये | CBSE 2018, 20

उत्तर:


* सभी देश अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर निर्भर करते है, क्योंकि संसाधन पृथ्वी की साथ पर आस्मां रूप से वितरित होते है | अत: कोई भी देश सभी संसाधनों में आत्मनिर्भर नहीं हो सकता |

* विदेशी व्यापार ने भारत को विनिर्माण वस्तुओं की उत्पादकता सुधारने में मदद की है | भारत के आर्थिक विकास में भी अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का योगदान रहा है |

* हाल के वर्षों में सूचना और ज्ञान के आदान-प्रदान से राज्यों और देशों के माल के अधिक से अधिक आदान-प्रदान में लाभ हुआ है |

* अन्तराष्ट्रीय व्यापार से वस्तुओं के निर्यात से अत्यधिक विदेशी मुद्रा अर्जित किया जा सकता है |



11. क्षमता के आधार पर सडकों का वर्गीकरण प्रस्तुत कीजिये |

उत्तर:


* स्वर्णिम चतुर्भुज राजमार्ग : भारत सरकार ने दिल्ली , कोलकाता, चेन्नई और मुम्बई को जोड़ने वाली 6 लेन वाली राजमार्ग की योजना है |इस योजना का उद्वेश्य मेगासीटी के मध्य परिवहन दूरी व समय को कम करना है |

* राष्ट्रीय राजमार्ग : राष्ट्रीय राजमार्ग देश के दूरस्थ भागों को आपस में जोड़ते है | इसके रखरखाव और निर्माण की जिम्मेदारी भारत सरकार की है | इसका नियंत्रण CPWD द्वारा किया जाता है |

* राज्य महामार्ग : राज्यों की राजधानियों को जिला मुख्यालयों से जोड़ने वाली सड़कें है | इसका निर्माण और रखरखाव राज्य सरकार करती है | इसका निर्माण PWD करती है |

* जिला सड़क : ये सड़के प्रखंड मुख्यालयों से जुडती है | इन सडकों की व्यवस्था का दायित्व जिला परिषद की होती है |

* सीमान्त सड़कें : सीमान्त सड़कों का प्रबन्धन सीमा सड़क संगठन करती है | इसकी स्थापना 1960 में हुई थी |इनकी स्थापना का मुख्य उद्वेश्य उत्तर-पूर्वी राज्यों में सामरिक महत्व हेतु सड़कों का विकास करना था |



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CIVICS -4- POLITICAL PARTIES-



प्रश्न 1. राजनीतिक दलों के कार्य लिखिए। CBSE 2019, 2020

उत्तर-


1. चुनाव लड़ना

2. कानून बनाना

3. सरकार बनाना व चलाना

4. विपक्ष की भूमिका

5. जनमत का निर्माण



प्रश्न 2. राष्ट्रीय राजनीतिक दल और प्रांतीय दलों में अंतर स्पष्ट करें। CBSE 2019

उत्तर-


प्रांतीय राजनीतिक दल :-

1. जब किसी दल की किसी राज्य विधान सभा चुनाव की कुल मतों का कम से कम 6 प्रतिशत मत प्राप्त होता है

और

2. वह कम से कम दो सीटों पर विजयी होता है तो उसे प्रांतीय राजनीतिक दल कहते हैं।

राष्ट्रीय राजनीतिक दल

1. - जब किसी दल को लोकसभा चुनाव में अथवा किन्हीं चार राज्यों की विधान सभा चुनाव में कुल वैध मतों का कम से कम 6 प्रतिशत मत प्राप्त होता है

और

२. चार लोकसभा सीटें जीत ले तो उसे राष्ट्रीय राजनीतिक दल कहते है।



प्रश्न 3. विभिन्न प्रकार की दलीय व्यवस्था का उल्लेख करें।

उत्तर-


1. एक दलीय प्रणाली - देश में केवल एक दल को ही सरकार बनाने की अनुमति होती है। जैसे-चीन।

2. दो दलीय प्रणाली - देश में दो दलों को मान्यता प्राप्त होती है। जैसे ब्रिटेन तथा अमेरिका।

3. बहुदलीय प्रणाली - देश में दो से अधिक दलों की व्यवस्था होती है। जैसे - भारत और फ्रांस।



प्रश्न 4. वर्तमान में राजनीतिक दलों के समक्ष चुनौतियों की व्याख्या करें। CBSE 2016, 19

उत्तर-


1. आंतरिक लोकतंत्र का अभाव।

2. वंशवादी उत्तराधिकार।

3. धन एवं बल का प्रयोग।

4. सार्थक विकल्प का अभाव।

5. दल के सामान्य सदस्यों की उपेक्षा।



प्रश्न 5. राजनीतिक दलों एवं नेताओं को सुधारने के लिए सरकार द्वारा किये गये प्रयासों का उल्लेख कीजिए। CBSE 2012, 16, 20

उत्तर-


1. दल परिवर्तन पर नियन्त्रण (दल-बदल विरोधी कानून द्वारा)

2. दल बदल करने पर अपनी सीट खोनी पड़ती है।

3. सम्पति की घोषणा करना।

4. आपराधिक मामले से सम्बन्धित शपथ-पत्र दायर करना अनिवार्य तौर पर।

5. आयकर का रिटर्न भरना भी जरूरी बना दिया है।



प्रश्न 6. राजनीतिक पार्टियां जनमत का निर्माण कैसे करती है?

उत्तर-


1. सार्वजनिक मुद्दो को उठाना और उन पर बहस करना।

2. कार्यकर्ताओं से सम्पर्क स्थापित करना।

3. लोगों की समस्याओं को लेकर आंदोलन करना।

4. समाज के लोगों के सामने अपनी राय रखना।



प्रश्न 7. राजनीतिक दलों की दशा तय करने में चुनाव आयोग की भूमिका की व्याख्या करो?

उत्तर-


1. राजनीतिक दलों का पंजीकरण चुनाव आयोग द्वारा किया जाता है।

2. चुनाव आयोग पंजीकृत दल केा एक चुनाव चिन्ह प्रदान करता है।

3. जब किसी दल को किसी राज्य विधान सभा चुनाव की कुल मतों का कम से कम 6 प्रतिशत मत प्राप्त होता है और वह कम से कम दो सीटों पर विजयी होता है तो उसे राज्य स्तरीय राजनीतिक दल के रूप में मान्यता प्राप्त होती है।

4. जब किसी दल को लोकसभा चुनाव या किन्ही चार राज्यों की विधान सभा चुनाव में कुल वैध मतों का कम से कम 6 प्रतिशत मत प्राप्त होता है तो उसे राष्ट्रीय दल के रूप में मान्यता प्राप्त होती है।

प्रश्न 8. राजनीतिक दलों द्वारा वर्तमान में सामना की जा रही चुनौतियों की व्याख्या करो?

उत्तर-


1. आंतरिक लोकतन्त्र का अभाव

2. वंशवादी उतराधिकार

3. धन एवं बल का प्रयोग

4. सार्थक विकल्प का अभाव



प्रश्न 9. भारत में राजनीतिक दलों में आंतरिक लोकतन्त्र की कमी क्यो है?

उत्तर-


1. कुछ नेताओं के हाथ में ज्यादा ताकत का होना।

2. सामान्य कार्यकर्ता गतिविधियों से अनजान रहता है।

3. पार्टी के नाम पर फैसला कुछ शीर्ष नेता ही करते है।

4. पार्टी के शीर्ष नेताओं के प्रति निष्ठा ज्यादा महत्वपूर्ण।



प्रश्न 10. किसी भी राजनीतिक दल के गुणों का उल्लेख करो? CBSE 2019

उत्तर-


1. साथ मिलकर चुनाव लड़ना।

2. समाज के सामुहिक हितो के लिये नितियां तथा कार्यक्रम होते है।

3. वे समाज के मौलिक राजनीतिक विभाजन को परिलक्षित करते है।

4. उनकी पहचान इससे होती है कि वे समाज के किस हिस्से के लिये खड़े है वे किन नीतियों का समर्थन करते है तथा वे किन के हितों की देखभाल करते है।





11. एक दल और दो दलीय व्यवस्था में अंतर स्पष्ट कीजिए।   Sample Paper 2022

उत्तर:


एकदलीय व्यवस्था

(i) जिन देशों में सरकार को नियंत्रित करने और चलाने के लिए केवल एक पार्टी को अनुमति दी जाती है, उन्हें एकदलीय व्यवस्था कहा जाता है।

(ii) जैसे, चीन में केवल कम्युनिस्ट पार्टी को ही शासन करने की अनुमति है।



B. द्विदलीय वाव्स्था

(i) जिन देशों में केवल दो मुख्य दल चुनाव लड़ते हैं, उन्हें द्विदलीय कहा जाता है।

(ii) संयुक्त राज्य अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम इसके उदाहरण हैं |



12. एक लोकतांत्रिक देश में राजनीतिक दलों की भूमिका का परीक्षण कीजिए। CBSE 2018, 20201

उत्तर:


(i) पार्टियां सरकारें बनाती और चलाती हैं।

(ii) देश के लिए नीतियां बनाने में पार्टियां निर्णायक भूमिका निभाती हैं।

(iii) वे नेताओं की भर्ती करते हैं और उन्हें प्रशिक्षित करते हैं।

(iv) चुनाव हारने वाले दल विपक्ष का निर्माण करते हैं।

(v) दल जनमत को आकार देते हैं।

(vi) पार्टियां आम आदमी को सरकारी मशीनरी और कल्याणकारी योजनाओं तक पहुंच प्रदान करती हैं।





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CIVICS- OUTCOMES OF DEMOCRACY




1. लोकतंत्र अन्य शासन तंत्र से बेहतर है | कैसे?

उत्तर:

👉 व्यक्ति की गरिमा बढाता है

👉 नागरिकों में समानता को बढावा देता है

👉 इसमें फैसलों में बेहतरी आती है

👉 टकरावों को टालने-संभालने का मौक़ा देता है

👉 इसमें गलतियों को सुधारने की गुंजाइश होती है



2. लोकतंत्र किस तरह उत्तरदायी , जिम्मेवार और वैध सरकार का गठन करता है ?     NCERT

उत्तर:


👉 लोकतंत्र में सरकार जनता द्वारा चुनी जाती है जो शासन को वैध बनाती है |

👉 लोकतांत्रिक सरकार जनता के हित के अनुकूल कार्य करती है जो उसके जनता के प्रति उत्तरदायी और जिम्मेवारी को दर्शाती है |

👉 जो सरकार जनता के प्रति उत्तरदायी और जिम्मेवार नहीं होती है उसे जनता शासन से हटा देती है

👉 लोकतंत्र में वही राजनीतिक दल सरकार का गठन करती है जिसे जनता का बहुमत प्राप्त होता है |

👉 लोकतंत्र में जनता को अपने किये गए कार्यों का लेखा-जोखा देना होता है

👉 लोकतंत्र में ऐसी सरकार होती है , जो कायदे क़ानून को मानती है और जनता के प्रति जवाबदेह होती है





3. लोकतंत्र किन स्थितियों में सामाजिक विविधता को संभालता है और उनके बीच सामंजस्य बैठाता है ?

उत्तर:


👉 लोकतांत्रिक व्यवस्थाएं अनेक तरह के सामाजिक विभाजनों को संभालती है

👉 लोकतांत्रिक व्यवस्थाएं आमतौर पर अपने अन्दर की प्रतिद्वन्द्विताओं को संभालने की प्रक्रिया विकसित कर लेती है | इससे इन टकरावों का विस्फोटक या हिंसक रूप लेने का अंदेशा कम हो जाता है |

👉 इस व्यवस्था में सामाजिक समूहों के बीच अंतरों और विभेदों का आदर करना सीख लेता है और इनके बीच बातचीत से सामंजस्य बैठाने की कला विकसित कर लेती है |

👉 लोकतंत्र में बहुमत को सदा ही अल्पमत का ध्यान रखना होता है |

👉 लोकतंत्र में किसी-न-किसी अवसर पर बहुमत का हिस्सा बनाने का मौक़ा मिलता है

.



4. व्यक्ति की गरिमा और आजादी के मामले में लोकतांत्रिक व्यवस्था किसी भी अन्य शासन प्रणाली से आगे है | कैसे ?

उत्तर:

👉 गरिमा और आजादी की चाह ही लोकतन्त्र का आधार है |

👉 जातिगत असमानता , भाषायी विभिन्नता को भी सम्मान दी जाती है |

👉 लोकतंत्र में लैंगिक समानता पर जोर देना पहली प्राथमिकता मानी जाती है



5. लोग लोकतंत्र को अधिक पसंद करते है | क्यों ?

उत्तर:


👉 लोकतंत्र में जनता अपनी इच्छानुसार सरकार के प्रतिनिधित्व को चुनती है |

👉 सरकार जनता के हितों को ध्यान में रखकर ही निर्णय लेती है |

👉 लोकतंत्र में सभी की भावनाओं का ख्याल रखा जाता है |

👉 लोकतंत्र में सभी नागरिकों की गरिमा , सम्मान और आजादी प्रदान करता है |



6 . लोकतंत्र की अपना समर्थन उत्पन्न करने की क्षमता अपने आप में एक परिणाम है जिसे नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता है।' उदाहरण के साथ कथन का समर्थन करें। 

उत्तर:

(i) लोकतंत्र सुनिश्चित करता है कि निर्णय लेना मानदंडों और प्रक्रिया पर आधारित होगा।

(ii) प्रत्येक नागरिक को निर्णय लेने की प्रक्रिया की जांच करने का अधिकार और साधन है।

(iii) लोकतांत्रिक सरकारें जवाबदेह, वैध और पारदर्शी सरकारें हैं।

(iv) लोगों को अपना शासक चुनने का अधिकार है।

(v) लोकतंत्र अपने नागरिकों को सरकार और उसके कामकाज के बारे में जानकारी का अधिकार देता है।

(vi) एक लोकतांत्रिक सरकार लोगों की अपनी सरकार होती है और यह लोगों द्वारा चलाई जाती है।



7. 'दक्षिण एशिया में लोकतंत्र के विचार के लिए भारी समर्थन है।' उदाहरण के साथ इस कथन का समर्थन करें।

उत्तर-


(i) लोकतांत्रिक सरकार लोगों की अपनी सरकार है।

(ii) दक्षिण एशिया के देश लोगों के लिए लोकतांत्रिक अधिकार चाहते हैं।

(iii) देश अपने प्रतिनिधियों का चुनाव स्वयं करना चाहते हैं।

(iv) लोकतंत्र अपने नागरिकों को गरिमा और स्वतंत्रता प्रदान करता है।

(v) लोकतंत्र सामाजिक विविधता को समायोजित करता है।

(vi) लोकतंत्र चर्चा और बातचीत के विचार पर आधारित है।

(vi) जैसे, भारत, नेपाल, बांग्लादेश, श्रीलंका, पाकिस्तान



8. लोकतंत्र सामाजिक विविधताओं में सामंजस्य कैसे लाता है ? उदाहरण देकर बताएं |

उत्तर:

👉 लोकतांत्रिक व्यवस्थाएं अनेक तरह के सामाजिक विभाजनों को संभालती है

👉 लोकतांत्रिक व्यवस्थाएं आमतौर पर अपने अन्दर की प्रतिद्वन्द्विताओं को संभालने की प्रक्रिया विकसित कर लेती है | इससे इन टकरावों का विस्फोटक या हिंसक रूप लेने का अंदेशा कम हो जाता है |

👉 इस व्यवस्था में सामाजिक समूहों के बीच अंतरों और विभेदों का आदर करना सीख लेता है और इनके बीच बातचीत से सामंजस्य बैठाने की कला विकसित कर लेती है |

👉 लोकतंत्र में बहुमत को सदा ही अल्पमत का ध्यान रखना होता है |

👉 लोकतंत्र में किसी-न-किसी अवसर पर बहुमत का हिस्सा बनाने का मौक़ा मिलता है



9. लोकतंत्र किस प्रकार एक उत्तरदायी, जिम्मेदार तथा वैध सरकार बनाता है ?

उत्तर:


👉 लोकतंत्र में सरकार जनता द्वारा चुनी जाती है जो शासन को वैध बनाती है |

👉लोकतांत्रिक सरकार जनता के हित के अनुकूल कार्य करती है जो उसके जनता के प्रति उत्तरदायी और जिम्मेवारी को दर्शाती है |

👉जो सरकार जनता के प्रति उत्तरदायी और जिम्मेवार नहीं होती है उसे जनता शासन से हटा देती है

👉लोकतंत्र में वही राजनीतिक दल सरकार का गठन करती है जिसे जनता का बहुमत प्राप्त होता है |

👉 लोकतंत्र में जनता को अपने किये गए कार्यों का लेखा-जोखा देना होता है

👉 लोकतंत्र में ऐसी सरकार होती है , जो कायदे क़ानून को मानती है और जनता के प्रति जवाबदेह होती है



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ECO- MONEY & CREDIT



प्रश्न 1. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया, क्या-क्या कार्य करता है ?

उत्तर-


1. सरकार की ओर से मुद्रा जारी करता है।

2. बैंको व समितियों की कार्य प्रणाली पर नज़र रखता है।

3. ब्याज की दरों व ऋण की शताँ पर निगरानी रखता है।

4. बैंक कितना नकद शेष अपने पास रखे हुए हैं इसकी सूचना रखता है।

5. ऋण किस प्रकार वितरित किये जा रहे हैं इस पर नज़र रखता है।



प्रश्न 2. समर्थक ऋणाधार क्या है ? उदाहरण सहित बताओ।

उत्तर
उधार दाता, उधार प्राप्तकर्ता से समर्थक ऋणाधार के रूप में परिसम्पतियों की माँग करता है जिन्हें बेचकर वह अपनी ऋण राशी की ऐसी वसूली कर सके। ये परिसम्पत्तियाँ ही समर्थक ऋणाधार कहलाती हैं। उदाहरण:- कृषि भूमि, जेवर, मकान, पशुधन, बैंक जमा आदि।



प्रश्न 3. वस्तु विनिमय प्रणाली की कोई तीन सीमाएँ बताइये ?

उत्तर-1) वस्तु विनिमय के लिए दोहरे संयोग की शर्त का पूरा होना आवश्यक |

2) धन या मूल्य के संचयन में कठिनाई।

3) अविभाज्य वस्तुओं का विनिमय कठिन।

4) वस्तुओं को भविष्य में प्रयोग के लिए संग्रहित करना (लम्बे समय तक) कठिन।

5) सेवाओं का मूल्य निर्धारण व विनिमय में कठिनाई।



प्रश्न 4. ऋण की शर्त किसे कहा जाता है ? यह किस प्रकार भिन्न हो सकती है ?

उत्तर-
 
ब्याज दर, समर्थक ऋणाधार, आवश्यक कागजात और भुगतान के तरीकों को सम्मिलित रूप से "ऋण की शर्ते कहा जाता है। ऋण की शर्ते विभिन्न व्यक्तियों या समूहों के लिए अलग अलग हो सकती है।



प्रश्न 5. भारत में औपचारिक ऋण क्षेत्रक को विस्तृत करना क्यों आवश्यक है ?

उत्तर-


1. अनौपचारिक स्रोतों से ऋण प्राप्ति आसान होती है परन्तु शोषण अधिक होता है।

2. ब्याज की दरे अनिश्चित व उच्च होती है।

3. गरीब, अशिक्षित लोग आसानी से ऋण जाल में फंस जाते हैं।

4. ग्रामीण क्षेत्रों में साहूकारों पर निर्भरता कम करने के लिए।

5. छोटे कर्जदारों को आसानी से ऋण उपलब्ध करवाने के लिए।



प्रश्न 6. मुद्रा का अर्थ तथा कार्य का वर्णन कीजिए।

उत्तर
मुद्रा विनिमय के माध्यम के रूप में स्वीकार की जाती है जैसे - नोट, सिक्के।

कार्य-

1. मूल्य का मापन करना

2. मूल्य का संचय

3. स्थगित भुगतान का मान

4. साख का आधार

5. यह राष्ट्रीय आय का वितरण करती है।

6. यह तरलता प्रदान करती है।



प्रश्न 7. साख के औपचारिक क्षेत्र तथा अनौपचारिक क्षेत्र की विशेषताएं बताइएं?

उत्तर

साख के औपचारिक क्षेत्र : 

(1) बैंक, सहकारी समितियां

(2) ब्याज दर कम

(3) इसमें उधार लेने वाले का शोषण नही होता



साख के अनौपचारिक क्षेत्र

(1) महाजन, साहूकार, व्यापारी, नियोक्ता मित्र, रिश्तेदार

(2) ब्याज दर अधिक  

(3) इसमें उधार लेने वाले का शोषण होता है




प्रश्न 8. ग्रामीण क्षेत्र में साख के कौन से स्रोत है? उनमें से कौन-सा साख का सुविधाजनक स्रोत है?

उत्तर-
 

औपचारिक स्रोत- बैंक सहकारी समितियां

अनौपचारिक स्रोत- साहूकार, महाजन रिश्तेदार सुविधाजनक स्रोत

अनौपचारिक स्रोत इसके कारण निम्न है:-

1. अनौपचारिक स्रोत से ऋण मिलना सरल है। जरूरत के समय तत्काल मिल जाता है।

2. इसमें औपचारिक स्रोत की अपेक्षा ऋण लेते समय कम गांरटी की आवश्यकता होती है।



प्रश्न 9. हमें भारत में ऋण के औपचारिक स्रोतों को बढ़ाने की आवश्यकता क्यो है?

उत्तर-


1. अन औपचारिक स्रोत से ऋण लेने पर अधिक ब्याज लेते है।

2. औपचारिक ऋण दाता को अनौपचारिक ऋण दाता की अपेक्षा ज्यादा फायदा होता है।

3. अनौपचारिक ऋण उधारदाता से अधिक ब्याज लेते है। जिससे यह कर्ज बहुत महंगा पड़ता है।



प्रश्न 10. वस्तु विनिमय प्रणाली की कोई तीन सीमाएं बताइएँ?

उत्तर-


1. वस्तु विनिमय तभी संभव है जब आवश्यकता का दोहरा संयोग पाया जाए

2. वस्तु विनिमय प्रणाली में धन या मूल्य के संचय में कठिनाई होती है।

3. कुछ वस्तुएँ अविभाज्य होती है अतः कुछ आवश्यकताएँ पूरी नही की जा सकती।

4. वस्तुओं का भंडारण लंबे समय के लिए नही किया जा सकता।



11. भारतीय रिजर्व बैंक की भूमिका का उल्लेख कीजिए। (2)

उत्तर:


(i) भारत में, भारतीय रिजर्व बैंक केंद्र सरकार की ओर से करेंसी नोट जारी करता है।

(ii) आरबीआई ऋण के औपचारिक स्रोतों के कामकाज की निगरानी करता है।

(iii) आरबीआई वास्तव में नकदी शेष बनाए रखने में बैंकों की निगरानी करता है।

(iv) आरबीआई देखता है कि बैंक न केवल लाभ कमाने वाले व्यवसायों और व्यापारियों को बल्कि छोटे काश्तकारों को भी ऋण देते हैं।
 

12. अधिकांश ग्रामीण परिवार अभी भी ऋण के अनौपचारिक स्रोतों पर निर्भर क्यों हैं? समझाना। (3)

उत्तर:


(i) ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकों की सीमित उपलब्धता।

(ii) ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को प्रलेखन के संबंध में समस्या का सामना करना पड़ता है।

(iii) संपार्श्विक की अनुपस्थिति एक प्रमुख कारण है जो गरीबों को बैंक ऋण प्राप्त करने से रोकता है।

(iv) ग्रामीण लोगों को अमीर परिवारों से अनौपचारिक तरीकों से आसान ऋण मिलता है।





13. समर्थक ऋणाधर की कमी की समस्या को दूर करने के लिए स्वयं सहायता समूह उधारकर्ताओं की सहायता कैसे करते हैं? समझाए |

उत्तर:

(i) लोग विभिन्न उद्देश्यों के लिए समय पर ऋण प्राप्त कर सकते हैं और एक

उचित ब्याज दर।

(ii) एसएचजी अपनी बचत में नियमित हैं जिसका उपयोग मौद्रिक सहायता के रूप में किया जा सकता है।

(iii) सदस्य अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए बिना जमानत के छोटे ऋण ले सकते हैं।

(iv) समय पर पुनर्भुगतान के कारण बैंक स्वयं सहायता समूहों को ऋण भी देते हैं।



14. वस्तु विनिमय प्रणाली आवश्यकताओं का दोहरा संयोग है | कैसे ?

उत्तर:

* वस्तुओं के बदले वस्तुओं के आदान-प्रदान की प्रणाली वास्तु विनिमय प्रणाली कहते है |इस प्रणाली में लेन-देन का माध्यम मुद्रा पर केन्द्रित न होकर वस्तुओं पर केन्द्रित होता है |

* दोनों पक्षों को वस्तु के बदले वस्तु खरीदने और बेचने पर सहमती होना होता है अन्यथा विनिमय संभव नहीं |

* उदहारणस्वरूप कोई व्यक्ति पुरानी किताबें बेचकर घड़ी खरीदना चाहता है तो, उसे ऐसे व्यक्ति को तलाशना होगा जिसे घड़ी बेचकर पुरानी किताबें लेने को तैयार हो | यही है इस प्रणाली का दोहरा संयोग है |

 

15. सुमेलित करें

                सूची ‘क’                                  सूची ‘ख’

A. मुद्रा का स्वरूप                           1. रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया

B. करेंसी नोट जारीकर्ता                  2. चेक

C. मांग जमा                                     3. कागजी मुद्रा और सिक्के

D. नगदी के प्रयोग के बिना भुगतान     4. बैंकों में निक्षेप

कूट :

        A      B      C     D

a.     3      2      1      4

b.      2      1     3      4

c.      3      1      4      2

d.      4      3      2      1

उत्तर: C



16. बैंकों और सहकारी समितियों को अपनी ऋण देने की गतिविधियों को ग्रामीण क्षेत्र में बढाने के किन्ही तीन कारणों की व्याख्या कीजिए | - CBSE- 2019

उत्तर:


* अनौपचारिक क्षेत्र (जैसे जमींदार, साहूकार तथा व्यापारी ) ग्रामीण क्षेत्रों में उच्च ब्याज दर पर ऋण देते है , इसलिए उधारकर्ता के लिए लागत बहुत अधिक होती है |

* अधिक मात्रा में उधार लेने पर आय का बड़ा हिसा निवेश करने के बजाय ऋण चुकाने में चला जाता है |

* औपचारिक साख स्रोतों की भूमिका ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ने से सरकार की योजनाओं का लाभ इन्हें मिलता है |



17. ग्रामीण अर्थव्यवस्था में स्वयं सहायता समूहों की भूमिका को स्पष्ट कीजिये | CBSE- 2020

उत्तर:


* स्वयं सहायता समूह ने गरीबों और महिलाओं में संगठन शक्ति और बचत पूंजी को बढावा दिया है |

* महिलाओं का आर्थिक रूप से स्वावलंबी होना और साम्माजिक विषयों (स्वास्थ्य, पोषण, घरेलू हिंसा ) पर चर्चा करना |

* गरीबों और वंचित वर्ग में आत्मनिर्भरता का विकास करना

* स्वयं सहायता के द्वारा कम ब्याज पर ऋण की उपलब्धता, जिसके कारण छोटे-छोटे कार्यों का सम्पादन संभव हो सका |



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ECO- GLOBALISATION



प्रश्न 1. राष्ट्रीय कपनियाँ किस प्रकार उत्पादन पर नियंत्रण रखती हैं ?

उत्तर-
उत्पादन पर नियंत्रण करने की विधियाँ

1) संयुक्त उपक्रम विधि

2) स्थानीय कम्पनियों को खरीदना।

3) छोटे उत्पादकों से माल खरीदना।

4) अपने ब्रांड का इस्तेमाल करके।



प्रश्न 2. किन कारणों से भारत में आर्थिक सुधार की आवश्यकता पड़ी?

उत्तर- 

1) राजकोषीय घाटे में वृद्धि

2) प्रतिकूल भुगतान संतुलन में वृद्रि

3) विदेशी मुद्रा भंडार में कमी

4) कीमतों में वृद्धि

5) सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों का कार्य संतोषजनक न होना।

6) भारतीय कम्पनियों को प्रतिस्पर्धा के लिए तेयार करना।



प्रश्न 3. भारत सरकार ने स्वतंत्रता के पश्चात विदेश व्यापार और विदेशी विनिमय पर अवरोधक क्यों लगाए?

उत्तर-


1. विदेशी प्रतिस्पर्धा से देश के उत्पादकों की रक्षा करना।

2. स्वतंत्रता से पहले अंग्रेजी ने भारतीय उद्योग धन्धों को चौपट कर दिया था। स्वतंत्रता के बाद यहाँ भारतीय उद्योग स्थापित किए गए। उद्योगों के विकास के लिए विदेशी व्यापार पर रोक आवश्यक थी।

3. स्वतंत्रता के बाद भारत 562 टुकड़ों में बंटा हुआ था। यहाँ परिवहन तथा संचार के साधन अस्त व्यस्त थे।

4. स्वतंत्रता के शुरूआती वर्षों में भारत के वैदेशिक संबंध इतने सुदृढ़ नहीं बन पाए थे कि विश्व के अन्य देशों के साथ व्यापार विकसित हो सके।



प्रश्न 4. विश्व व्यापार संगठन क्या है ? इसके क्या कार्य हैं? क्या यह वास्तव में अपने कार्यों को पूरा कर रहा है?

उत्तर: 

* विश्व व्यापार संगठन (डब्लू टी ओ) एक ऐसा संगठनहै जिसका उद्देश्य अन्तरांगाष्ट्रीय व्यापार की उदार बनाना और मुक्त व्यापार की सुविधा देना है।

* कार्य : विश्व व्यापार संगठन अंतराष्ट्रीय व्यापार से संबंधित नियमों को निर्धारित करता है और यह देखता है कि इन नियमों का पालन हो रहा है अथवा नहीं।

* वास्तविकता – विकसित देशों ने अनुचित ढंग से व्यापार अवरोध को बरकरार रखा है। दूसरी ओर विश्व व्यापार संगठन के नियमों ने विकासशील देशों को व्यापार अवरोधों को हटाने के लिए विवश किया है।



प्रश्न 5. विदेशी व्यापार और विदेशी निवेश में अंतर स्पष्ट करें।

उत्तर:   

विदेशी व्यापार :- विदेशों से वस्तुओं को खरीदने और बेचने को विदेशी व्यापार कहते हैं।

विदेशी निवेश :- अधिक लाभ कमाने के उद्देश्य से जब बहुराष्ट्रीय कपनियाँ मेजबान देश में धन से उत्पादन इकाई की स्थापना करती है, उसे विदेशी निवेश कहते हैं।

इसके अन्तर्गत आयात और नियति की दोनों प्रक्रियाएँ शामिल होती हैं। विदेशी निवेश में बहुराष्ट्रीय कपनियों द्वारा किया गया पूँजी निवेश आता है।

प्रश्न 6. विदेशी निवेश आकर्षित करने के लिए क्या कदम उठाए गए है ?

उत्तर:


1. औद्योगिक क्षेत्रों जिन्हें विशेष आर्थिक क्षेत्र कहा जाता है की स्थापना की जा रही है।

2. विशेष आर्थिक क्षेत्रों में विश्व स्तरीय सुविधाएँ, बिजली, पानी, सड़क, परिवहन, भण्डारण, मनोरंजन और शैक्षिक सुविधाएँ उपलब्ध कराई जा रही हैं।

3. विशेष आर्थिक क्षेत्र में उत्पादन इकाइयाँ स्थापित करने वाली कंपनियों को आरंभिक पाँच वर्षों तक कोई कर नहीं देना पड़ता है |

4. विदेशी निवेश आकर्षित करने हेतु सरकार ने श्रम-कानूनों में लचीलापन लाने की अनुमति दे दी है।



प्रश्न 7. भारत सरकार ने स्वतंत्रता के पश्चात विदेश व्यापर और विदेशी विनिमय पर अवरोधक क्यों लगाए?

उत्तर-


1. विदेशी प्रतिस्पर्धा से देश के उत्पादकों की रक्षा करना।

2. स्वतंत्रता से पहले अंग्रेजो ने भारतीय उद्योग धन्धों को चौपट कर दिया था। स्वतंत्रता के बाद यहाँ भारतीय उद्योग स्थापित किए गए उद्योगों के विकास के लिए विदेशी व्यापार पर रोक आवश्यक थी।

3. स्वतंत्रता के बाद भारत 562 टुकड़ों में बँटा हुआ था। यहाँ परिवहन तथा संचार के साधन अस्त व्यस्त स्थिति में थे।

4. स्वतंत्रता के शुरूआती वर्षो में भारत के वैदेशिक संबंध इतने सुदृढ़ नहीं बन पाए थे कि विश्व के अन्य देशोकं के साथ व्यापार विकसित हो सके।



प्रश्न 8. वैश्वीकरण की प्रक्रिया को प्रोत्साहित करने मे प्रौद्योगिकी की भूमिका समझाएं?

उत्तर-


1. परिवहन तकनीक में कई सुधारों में दूर-दूर स्थानों पर कम लागत पर वस्तुओं को भेजना संभव बनाया है।

2. सूचना प्रौद्योगिकी में सुधार से विभिन्न देश आपस में जुड़कर तुरंत सूचना प्राप्त कर लेते है।

3. इंटरनेट टैक्नालोजी से व्यापार में गति आई है।



प्रश्न 9. बहुराष्ट्रीय कम्पनियां किस प्रकार उत्पादन पर नियंत्रण करती है? कोई तीन बिन्दु समझाएं।

उत्तर-

1. उत्पादन पर नियंत्रण करने की विधियाँ

2. संयुक्त उपक्रम विधि से कम्पनियां स्थापित करना/संचालन करना

3. स्थानीय कम्पनियों को क्रय करना

4. छोटे उत्पादकों से माल खरीदना



10. वैश्वीकरण की प्रक्रिया को प्रोत्साहित करने में सूचना प्रौद्योगिकी की भूमिका का परीक्षण कीजिए। (5)

उत्तर:


(i) प्रौद्योगिकी तेजी से बदल रही है।

(ii) दूरसंचार सुविधाओं (टेलीग्राफ, टेलीफोन सहित मोबाइल फोन, फैक्स) का उपयोग सूचना तक पहुंचने और संपर्क करने के लिए किया जाता है

(iii) दूरदराज के क्षेत्रों से संवाद करने में मदद करता है।

(iv) उपग्रह संचार उपकरणों का विकास।

(v) कंप्यूटर अब गतिविधि के लगभग हर क्षेत्र में प्रवेश कर चुके हैं।

(vi) कोई भी इंटरनेट के माध्यम से जानकारी प्राप्त और साझा कर सकता है।

(vii) दुनिया भर में नगण्य कीमत पर इलेक्ट्रॉनिक मेल (ई-मेल) और टॉक (वॉयस-मेल)

(viii) देशों में सेवाओं के उत्पादन को फैलाने में एक प्रमुख भूमिका निभाई है





11. भारत और उसके लोगों पर वैश्वीकरण के प्रभाव का आकलन करें। अथवा . भारत में वैश्वीकरण के प्रभावों का विश्लेष्ण करें | cbse - 2020

उत्तर:

(i) वैश्वीकरण के परिणामस्वरूप उपभोक्ताओं के लिए अधिक विकल्प हैं

(ii) इससे लोगों के जीवन स्तर में सुधार हुआ है

(iii) बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने सेल फोन, ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, शीतल पेय आदि जैसे उद्योगों में अपने निवेश में वृद्धि की है।

(iv) नए रोजगार सृजित हुए हैं।

(v) बहुराष्ट्रीय कंपनियों को कच्चे माल की आपूर्ति करने वाली कुछ स्थानीय कंपनियों को भी लाभ हुआ है।

(vi) कुछ स्थानीय कंपनियां नई तकनीक और उत्पादन विधियों में निवेश करने में सक्षम हैं।

(vii) वैश्वीकरण ने टाटा मोटर्स, इंफोसिस जैसी कुछ बड़ी कंपनियों को बहु-राष्ट्रीय कंपनियों के रूप में उभरने में सक्षम बनाया है।

(viii) सेवाएं प्रदान करने वाली कंपनियों को भी वैश्वीकरण से लाभ हुआ है।

(ix) श्रम कानूनों में लचीलापन

(x) असंगठित क्षेत्र का विस्तार

(xi) स्थानीय उत्पादकों से कड़ी प्रतिस्पर्धा

 

13. बहुराष्ट्रीय कम्पनी क्या है ? इसके किन्ही चार विशेषताओं का वर्णन करें | CBSE- 2011

उत्तर: 
 बहुराष्ट्रीय कम्पनी – बहुराष्ट्रीय कम्पनी (Multi National Company ) एक से अधिक देशों में उत्पादन पर नियंत्रण व स्वामित्व रखती है | यह उन प्रदेशों में कार्यालय एवं उत्पादन के लिए कारखाने स्थापित करती है , जहां उसे सस्ते श्रमिक एवं अन्य संसाधन प्राप्त होते है | वे अपने अंतिम उत्पादों को विश्व स्तर पर बेचती है और वैश्विक रूप से ही माल एवं सेवाओं का उत्पादन भी करते है |

बहुराष्ट्रीय कम्पनी की विशेषताएं :

* बहुराष्ट्रीय कम्पनी (Multi National Company ) एक से अधिक देशों में उत्पादन पर नियंत्रण व स्वामित्व रखती है |

* यह उन प्रदेशों में कार्यालय एवं उत्पादन के लिए कारखाने स्थापित करती है , जहां उसे सस्ते श्रमिक एवं अन्य संसाधन प्राप्त होते है |

* वे अपने अंतिम उत्पादों को विश्व स्तर पर बेचती है और वैश्विक रूप से ही माल एवं सेवाओं का उत्पादन भी करते है |

* उत्पादन लागत में कमी करने तथा अधिक लाभ कमाने के लिए बहुराष्ट्रीय कम्पनियां प्रयास करती है |

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SOCIAL SCIENCE - CASE BASE STUDY QUESTIONS




1. निम्नलिखित स्रोत को ध्यानपूर्वक पढ़कर उस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिये |   SAMPLE PAPER  2022

गांधीजी ने वर्ष 1919 में प्रस्तावित रालेट एक्ट (1919) के खिलाफ एक राष्ट्रवादी सत्याग्रह आन्दोलन चलाने का फैल्सला लिया| भारतीय सदस्यों के भारी विरोध के बाबजूद इस क़ानून को इम्पीरियल लेजिस्लेटिव काउन्सिल ने बहुत जल्दबाजी में पारित कर दिया था |

फरवरी, 1922 में महात्मा गांधी ने असहयोग आन्दोलन वापस लेने का फैसला कर लिया | उनको लगता था कि आन्दोलन हिंसक होता जा रहा है और सत्याग्रहियों को व्यापक प्रशिक्षण की जरूरत है | कांग्रेस के कुछ नेता इस तरह के जनसंघर्षों से थक चुके थे| वे वर्ष 1919 के गवर्नमेंट ऑफ़ इंडिया एक्ट के तहत गठित की गई प्रांतीय परिषदों के चुनाव में हिस्सा लेना चाहते थे | उनको लगता था कि परिषदों में रहते हुए ब्रिटिश नीतियों का विरोध करना, सुधारों की वकालत करना और यह दिखाना भी मह्त्वपूर्ण है कि ये परिषदें लोकतांत्रिक संस्थाएं नहीं है | सी आर दास और मोतीलाल नेहरू ने परिषद अराजनीति में वापस लौटने केलिए कांग्रेस के भीतर ही स्वराज पार्टी का गठन कर डाला |

जवाहरलाल नेहरु और सुभाष चन्द्र बोस जैसे युवा नेता ज्यादा उग्र जनांदोलन और पूर्ण स्वतन्त्रता के लिए दबाब बनाए हुए थे | आंतरिक बहस व् असहमति के इस माहौल में दो ऐसे तत्त्व थे, जिन्होने बीस के दशक के आख़िरी सालों में भारतीय राजनीती की रूपरेखा एक बार फिर बदल दी |

1.1 फरवरी, 1922 में गांधीजी ने किन कारणों से असहयोग आन्दोलन बीच में ही समाप्त करने की घोषणा की ?

उत्तर: 6 फरवरी 1922, को गोरखपुर में चौरी-चौरा काण्ड के पश्चात गांधी जी ने 12 फरवरी 1922 को असहयोग आन्दोलन वापस ले लिया |

1.2 स्वराज दल की स्थापना का मुख्य उद्वेश्य क्या था ?

उत्तर: * वर्ष 1919 के गवर्नमेंट ऑफ़ इंडिया एक्ट के तहत गठित की गई प्रांतीय परिषदों के चुनाव में हिस्सा लेना चाहते थे |

* उनको लगता था कि परिषदों में रहते हुए ब्रिटिश नीतियों का विरोध करना, सुधारों की वकालत करना और यह दिखाना भी मह्त्वपूर्ण है कि ये परिषदें लोकतांत्रिक संस्थाएं नहीं है

1.3 रालेट एक्ट (1919) का विरोध भारतीयों द्वारा क्यों किया जा रहा था ?

उत्तर: इस एक्ट के अनुसार , राजनीतिक कैदियों को बिना किसी मुकदमा चलाए दो वर्ष तक जेल में रखा जा सकता था |

 

2. निम्नलिखित स्रोत को ध्यानपूर्वक पढ़कर उस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिये |

राज्यों व् देशों में व्यक्तियों के बीच वस्तुओं का आदान –प्रदान व्यापार कहलाता है | बाजार एक ऐसी जगह है जहां इसका विनिमय होता है | देशों के मध्य यह व्यापार अंतर्राष्ट्रीय व्यापार कहलाता है | यह समुद्री, हवाई व् स्थलीय मार्गों द्वारा हो सकता है | यद्यपि स्थानीय व्यापार शहरों, कस्बों व गाँवों में होता है , राज्यस्तरीय व्पापार दो या अधिक राज्यों के मध्य होता है | एक देश के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार की प्रगति उसके आर्थिक वैभव का सूचक है | इसलिए इसे राष्ट्र का आर्थिक बैरोमीटर भी कहा जाता है |

सभी देश अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर निर्भर है क्योंकि संसाधनों की उपलब्धता क्षेत्रीय है अर्थात इनका वितरण असमान है | आयात तथा निर्यात व्यापार के घटक है | आयात व् निर्यात का अंतर ही देश के व्यापार संतुलन को निर्धारित करता है | अगर निर्यात मूल्य आयात मूल्य से अधिक हो तो उसे अनकूल व्यापार संतुलन कहते है | इसके विपरीत निर्यात की अपेक्षा आयत असंतुलित व्यापार कहलाता है |

2.1 अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को किसी राष्ट्र का आर्थिक बैरोमीटर क्यों कहा जाता है ?

ऊतर: एक देश के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार की प्रगति उसके आर्थिक वैभव का सूचक है | एक देश का निर्मित वस्तु दुसरे देशों में जितने ज्यादा निर्यात होगा, उस देश की आय में बढ़ोतरी होगी |
 

2.2 अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का क्या आशय है ?

उत्तर: दो देशों के बीच होने वाले व्यापार को अंतर्राष्ट्रीय व्यापार कहा जाता है |
 

2.3 अनुकूल व्यापार संतुलन और प्रतिकूल व्यापार संतुलन में अतंर स्पष्ट करें |

उत्तर: यदि किसी देश का निर्यात मूल्य आयात मूल्य से अधिक हो तो उसे अनकूल व्यापार संतुलन कहते है | इसके विपरीत निर्यात की अपेक्षा आयत असंतुलित/प्रतिकूल व्यापार कहलाता है |




3. दिए गए पाठ को पढ़ें और निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें: (4)

'निष्क्रिय प्रतिरोध' के बारे में कहा जाता है कि यह कमजोरों का हथियार है, लेकिन जो शक्ति इस लेख का विषय है, उसका उपयोग बलवान ही कर सकते हैं। यह शक्ति निष्क्रिय प्रतिरोध नहीं है; वास्तव में, यह गहन गतिविधि की मांग करता है। दक्षिण अफ्रीका में आंदोलन निष्क्रिय नहीं बल्कि सक्रिय था...

'सत्याग्रह शारीरिक शक्ति नहीं है। सत्याग्रही विरोधी को पीड़ा नहीं देता; वह अपना विनाश नहीं चाहता... सत्याग्रह के प्रयोग में कोई दुर्भावना नहीं है।

'सत्याग्रह शुद्ध आत्मा-शक्ति है। सत्य आत्मा का मूल तत्व है। इसलिए इस शक्ति को सत्याग्रह कहा जाता है। आत्मा को ज्ञान से सूचित किया जाता है। उसमें प्रेम की लौ जलती है। अहिंसा सर्वोच्च धर्म है...'यह निश्चित है कि भारत हथियारों के बल पर ब्रिटेन या यूरोप का मुकाबला नहीं कर सकता। अंग्रेज युद्ध-देवता की पूजा करते हैं और वे सभी जैसे-जैसे शस्त्र धारण करने वाले बन सकते हैं। भारत में करोड़ों लोग कभी हथियार नहीं उठा सकते। उन्होंने अहिंसा के धर्म को अपना बना लिया है...'

3.1. गांधीजी अहिंसा को सर्वोच्च धर्म क्यों मानते थे? 

उत्तर: गांधीजी ने अहिंसा को एक दर्शन और जीवन के एक आदर्श तरीके के रूप में अपनाया। उनके अनुसार अहिंसा का दर्शन कमजोरों का हथियार नहीं है; यह एक ऐसा हथियार है, जिसे सभी आजमा सकते हैं।



3.2 गांधीवादी सत्याग्रह को उनके दर्शन में विश्वास रखने वाले लोगों ने कैसे लिया? 

उत्तर: सत्याग्रही विरोधी को पीड़ा नहीं देता; वह अपना विनाश नहीं चाहता। सत्याग्रह के प्रयोग में दुर्भावना नहीं होती।



3.3 गांधीवादी सत्याग्रह को अन्याय का विरोध करने का एक नया तरीका क्यों माना गया? (2)

उत्तर:


(i) कोई भी अहिंसा के माध्यम से युद्ध जीत सकता था।

(ii) यह उत्पीड़क की अंतरात्मा से अपील करके किया जा सकता है।

(iii) लोगों को - उत्पीड़कों सहित - को सत्य को देखने के लिए राजी करना पड़ा, बजाय इसके कि उन्हें हिंसा के माध्यम से सच्चाई को स्वीकार करने के लिए मजबूर किया जाए।



4. दिए गए पाठ को पढ़ें और निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें: 

जब से मनुष्य पृथ्वी पर आया है, उसने संचार के विभिन्न साधनों का उपयोग किया है। लेकिन, आधुनिक समय में परिवर्तन की गति तेज हो गई है। संचारक या रिसीवर की भौतिक गति के बिना लंबी दूरी का संचार कहीं अधिक आसान है। व्यक्तिगत संचार और जनसंचार जिसमें टेलीविजन, रेडियो, प्रेस, फिल्म आदि शामिल हैं, देश में संचार के प्रमुख साधन हैं। भारतीय डाक नेटवर्क दुनिया में सबसे बड़ा है। यह पार्सल के साथ-साथ व्यक्तिगत लिखित संचार को भी संभालता है। कार्ड और लिफाफों को प्रथम श्रेणी का मेल माना जाता है और इन्हें जमीन और हवा दोनों को कवर करने वाले स्टेशनों के बीच एयरलिफ्ट किया जाता है। द्वितीय श्रेणी के मेल में बुक पैकेट, पंजीकृत समाचार पत्र और पत्रिकाएं शामिल हैं। उन्हें सतही डाक द्वारा ले जाया जाता है, जिसमें भूमि और जल परिवहन शामिल होता है। बड़े शहरों और कस्बों में डाक की त्वरित डिलीवरी की सुविधा के लिए हाल ही में छह मेल चैनल शुरू किए गए हैं। उन्हें राजधानी चैनल, मेट्रो चैनल, ग्रीन चैनल, बिजनेस चैनल, बल्क मेल चैनल और आवधिक चैनल कहा जाता है।

4.1 भारतीय डाक नेटवर्क की भूमिका का परीक्षण कीजिए। 

उत्तर: (i) इसने देश को संचार और सामाजिक-आर्थिक विकास में संलग्न होने में मदद की है।

(ii) यह स्पीड पोस्ट, बिजनेस पोस्ट, रजिस्टर्ड पोस्ट, साधारण पोस्ट जैसी विभिन्न सुविधाएं प्रदान करता है।



4.2 जन संचार और व्यक्तिगत संचार के बीच अंतर करें। 

उत्तर: (i) जनसंचार वह माध्यम है जो मनोरंजन प्रदान करने के साथ-साथ जनता के बीच जागरूकता पैदा करता है। इसमें रेडियो, टेलीविजन, समाचार पत्र, पत्रिकाएं, किताबें, फिल्म आदि शामिल हैं जबकि व्यक्तिगत संचार व्यक्ति से व्यक्ति के बीच होता है।



4.3 एक राष्ट्र के लिए संचार के महत्व का विश्लेषण करें।     SAMPLE PAPER 2021

उत्तर: (i) यह टेलीफोन, टेलीविजन, फिल्मों और इंटरनेट का उपयोग करते हुए संचार का युग है।

(ii) किताबें, पत्रिकाएं और समाचार पत्र भी संचार के महत्वपूर्ण साधन हैं।

(iii) संचार के विभिन्न माध्यमों ने दुनिया को करीब से जोड़ा है

(iv) यह मनोरंजन और ज्ञान का स्रोत है।


24 नीचे दिए गए पाठ को पढ़ें और निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें। 

विनिर्माण उद्योग न केवल कृषि को आधुनिक बनाने में मदद करते हैं, जो हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ बनाते हैं, वे कृषि आय पर लोगों की भारी निर्भरता को कम करके उन्हें द्वितीयक और तृतीयक क्षेत्रों में रोजगार प्रदान करते हैं। औद्योगिक विकास हमारे देश से बेरोजगारी और गरीबी उन्मूलन के लिए एक पूर्व शर्त है। यह भारत में सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योगों और संयुक्त क्षेत्र उद्यमों के पीछे मुख्य दर्शन था। इसे लाने का उद्देश्य भी था

आदिवासी और पिछड़े क्षेत्रों में उद्योगों की स्थापना करके क्षेत्रीय असमानताओं को कम करना। विनिर्मित वस्तुओं का निर्यात व्यापार और वाणिज्य का विस्तार करता है, और बहुत आवश्यक विदेशी मुद्रा में लाता है। ऐसे देश जो अपने कच्चे माल को उच्च मूल्य के तैयार माल की एक विस्तृत विविधता में बदलते हैं, समृद्ध हैं। भारत की समृद्धि अपने विनिर्माण उद्योगों को जल्द से जल्द बढ़ाने और विविधता लाने में निहित है। कृषि और उद्योग एक दूसरे के अनन्य नहीं हैं। वे हाथ से हाथ हिलाते हैं। उदाहरण के लिए, भारत में कृषि-उद्योगों ने अपनी उत्पादकता बढ़ाकर कृषि को एक बड़ा बढ़ावा दिया है।



24.1.  विनिर्माण उद्योग _________ और कृषि ____ में आते हैं।     

                                                                  
A. प्राथमिक, माध्यमिक क्षेत्र

B. माध्यमिक, तृतीयक क्षेत्र

C. प्राथमिक, तृतीयक क्षेत्र

D. माध्यमिक, प्राथमिक क्षेत्र

उत्त्तर:    D. माध्यमिक, प्राथमिक क्षेत्र


24.2  विनिर्माण उद्योग अर्थ्व्यव्स्स्था की रीढ़ होती है , कैसे ?

उत्तर:  
1. कृषि आय पर लोगों की भारी निर्भरता को कम करके उन्हें द्वितीयक और तृतीयक क्षेत्रों में रोजगार प्रदान करते हैं।

2. औद्योगिक विकास हमारे देश से बेरोजगारी और गरीबी उन्मूलन के लिए एक पूर्व शर्त है।

3. आवश्यक विदेशी मुद्रा  लाता है


24.3. विदेशी विनिर्माण फर्मों को आकर्षित करने के लिए, एक देश को विकसित करने की आवश्यकता है -                             (1)

A. कृषि संबंधी सुविधाएं

B. खेती योग्य भूमि

C. मीडिया सुविधाएं

D. इन्फ्रास्ट्रक्चर सुविधाएं

उत्तर:  D. इन्फ्रास्ट्रक्चर सुविधाएं


25 दिए गए अर्क को पढ़ें और निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें। 4

एक लोकतंत्र में, हम सबसे अधिक यह सुनिश्चित करने के लिए चिंतित हैं कि लोगों को अपने शासकों को चुनने का अधिकार होगा और लोगों का शासकों पर नियंत्रण होगा। जब भी संभव और आवश्यक हो, नागरिकों को निर्णय लेने में भाग लेने में सक्षम होना चाहिए, जो उन सभी को प्रभावित करता है। इसलिए, लोकतंत्र का सबसे बुनियादी परिणाम यह होना चाहिए कि वह ऐसी सरकार का निर्माण करे जो नागरिकों के प्रति जवाबदेह हो और नागरिकों की आवश्यकताओं और अपेक्षाओं के प्रति उत्तरदायी हो। कुछ लोग सोचते हैं कि लोकतंत्र कम प्रभावी सरकार का निर्माण करता है। यह निश्चित रूप से सच है कि गैर-लोकतांत्रिक शासक निर्णय लेने और कार्यान्वयन में बहुत तेज और कुशल हैं, जबकि, लोकतंत्र विचार-विमर्श और बातचीत के विचार पर आधारित है। इसलिए, कुछ देरी होने के लिए बाध्य है। लेकिन, क्योंकि इसने प्रक्रियाओं का पालन किया है, इसलिए इसके निर्णय लोगों को अधिक स्वीकार्य और अधिक प्रभावी हो सकते हैं। इसके अलावा, जब नागरिक जानना चाहते हैं कि क्या सही प्रक्रियाओं के माध्यम से निर्णय लिया गया था, तो वे इसका पता लगा सकते हैं। उनके पास निर्णय लेने की प्रक्रिया की जांच करने का अधिकार और साधन है। इसे पारदर्शिता के रूप में जाना जाता है। यह कारक अक्सर गैर-लोकतांत्रिक सरकार से गायब होता है। एक और पहलू है जिसमें लोकतांत्रिक सरकार निश्चित रूप से अपने विकल्पों से बेहतर है: लोकतांत्रिक सरकार वैध सरकार है। यह धीमा, कम कुशल हो सकता है, हमेशा बहुत कम नहीं ,उत्तरदायी, या साफ। लेकिन एक लोकतांत्रिक सरकार लोगों की अपनी सरकार है।



25.1. लोकतंत्र में शासक किसके प्रति जबाबदेह  होता है 

उत्तर: जनता के प्रति 

25.2.  लोकतंत्र का परिणाम क्या होना चाहिए ?

उत्तर: 

1. ऐसी सरकार का निर्माण करे जो नागरिकों के प्रति जवाबदेह हो

2.  नागरिकों की आवश्यकताओं और अपेक्षाओं के प्रति उत्तरदायी हो




25.4. लोकतंत्र में निर्णय लोगों को अधिक स्वीकार्य होते हैं क्योंकि वे हैं - 

A. तेजी से लिया और जल्दी से लागू किया

B. लोगों को विशेषाधिकार देकर लिया गया

C. कुलीन मतों के माध्यम से लिया गया

D. नियत प्रक्रियाओं का पालन करने के बाद लिया गया

उत्तर:   D. नियत प्रक्रियाओं का पालन करने के बाद लिया गया

26. नीचे दिए गए स्रोत को पढ़ें और निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें -

फोर्ड मोटर्स, एक अमेरिकी कंपनी, दुनिया के 26 देशों में फैले उत्पादन के साथ दुनिया की सबसे बड़ी ऑटोमोबाइल निर्माताओं में से एक है। फोर्ड मोटर्स 1995 में भारत आया और  चेन्नई के पास एक बड़ा संयंत्र स्थापित करने के लिए 1700 करोड़ रुपये। यह जीप और ट्रकों के प्रमुख भारतीय निर्माता महिंद्रा एंड महिंद्रा के सहयोग से किया गया था। वर्ष 2004 तक, फोर्ड मोटर्स भारतीय बाजारों में 27,000 कारें बेच रहा था, जबकि 24,000 कारें भारत से दक्षिण अफ्रीका, मैक्सिको और ब्राजील को निर्यात की गई थीं। कंपनी दुनिया भर में अपने अन्य संयंत्रों के लिए आधार की आपूर्ति करने वाले घटक के रूप में फोर्ड इंडिया को विकसित करना चाहती थी।



26.1.  बहुराष्ट्रीय कम्पनी  से क्या आशय है ? 

उत्तर:   बहुराष्ट्रीय कम्पनी (Multi National Company ) एक से अधिक देशों में उत्पादन पर नियंत्रण व स्वामित्व रखती है | यह उन प्रदेशों में कार्यालय एवं उत्पादन के लिए कारखाने स्थापित करती है , जहां उसे सस्ते श्रमिक एवं अन्य संसाधन प्राप्त होते है | वे अपने अंतिम उत्पादों को विश्व स्तर पर बेचती है और वैश्विक रूप से ही माल एवं सेवाओं का उत्पादन भी करते है |

26.2. भारत के तीन बहुराष्ट्रीय कम्पनियों के  नाम लिखें 

उत्तर:  महिन्द्रा एंड महिन्द्रा , टाटा मोटर्स  , इनफ़ोसिस , विप्रो , रिलायंस 

26.3.  भारत में अपने उत्पादन संयंत्रों की स्थापना करके, फोर्ड मोटर्स चाहते थे  ?                         

उत्तर:  कम लागत वाले उत्पादन और एक बड़े बाजार के लाभ पर  प्राप्त करना 





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SOCIAL SCIENCE - MAP WORK  



1. On the political outline map of India some coal fields, nuclear power plants and thermal power plants are shown.

भारत के राजनीतिक रूपरेखा मानचित्र पर कुछ कोयला क्षेत्र, परमाणु ऊर्जा संयंत्र और थर्मल पावर प्लांट दिखाए गए हैं।






2. On the given political outline map of India some iron ore and oil fields


भारत के दिए गए राजनीतिक रूपरेखा मानचित्र पर कुछ लौह अयस्क और तेल क्षेत्र


iron ore & oil field


3. On the political outline map of India, some industries shown,

I-Iron and steel plants

C-cotton textile centres

W-woollen textile centres

S-silk textile centres


Iron & textile industry



4. On the political outline map of India ,some highways shown the names of terminal cities marked A,B,C,D,E,F,G & H


HIGHWAYS



5. SOFTWARE PARK IN INDIA


SOFTWARE PARK



6. On the political outline map of India ,some INDIAN MOVEMENT PLACES


7. some more places related to indian freedom movement




indian freedom movement



8. some places from geography chapters

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