वैदिक काल की कुछ धार्मिक जटिलता
*आपस्तम्ब धर्म सूत्र में कहा गया है कि यदि शुद्र वेद मंत्र सुनता है तो उसके कान में सीसा डाल देना चाहिये।
*मैत्रायणी संहिता में नारी को पांसा एवं सुरा के साथ-साथ तीन प्रमुख बुराइयों में गिना गया है ।
*तैत्तिरीय संहिता में स्त्री को शुद्र व पतित माना गया है ।
*ऐतरेय ब्राह्मण में पुत्री को सभी दुखों का मूल माना गया है ।
*बृहदारण्यक उपनिषद में याज्ञवल्कय-गार्गी संवाद में याज्ञवल्कय गार्गी को धमकाते है कि ज्यादा बहस न करो नहीं तो तुम्हारा सिर तोड़ दिया जायेगा।
उक्त जटिलताओं ने ही नवीन धर्म के आगमन का मार्ग प्रशस्त किया।
*मैत्रायणी संहिता में नारी को पांसा एवं सुरा के साथ-साथ तीन प्रमुख बुराइयों में गिना गया है ।
*तैत्तिरीय संहिता में स्त्री को शुद्र व पतित माना गया है ।
*ऐतरेय ब्राह्मण में पुत्री को सभी दुखों का मूल माना गया है ।
*बृहदारण्यक उपनिषद में याज्ञवल्कय-गार्गी संवाद में याज्ञवल्कय गार्गी को धमकाते है कि ज्यादा बहस न करो नहीं तो तुम्हारा सिर तोड़ दिया जायेगा।
उक्त जटिलताओं ने ही नवीन धर्म के आगमन का मार्ग प्रशस्त किया।
वैदिक काल की कुछ धार्मिक जटिलता
No comments:
Post a Comment
M. PRASAD
Contact No. 7004813669
VISIT: https://www.historyonline.co.in
मैं इस ब्लॉग का संस्थापक और एक पेशेवर ब्लॉगर हूं। यहाँ पर मैं नियमित रूप से अपने पाठकों के लिए उपयोगी और मददगार जानकारी शेयर करती हूं। Please Subscribe & Share