Friday 22 January 2021

Social Science capsule class 10

 Social Science capsule: Important Questions with Answers



HISTORY CH-1 NATIONALISM IN EUROPE

प्रश्न 1. यूरोप में राष्ट्रवाद के उत्थान के लिए कौन से कारण उत्तरदायी थे?

उत्तर- यूरोप पर प्रभाव -

1) राष्ट्र-राज्यों का उदय, 2) लोकतंत्रीय सिद्धांत को बढावा, 3) सामाजिक, राजनैतिक, आर्थिक समानता पर बल 4) अन्य राष्ट्रो में मानवीय अधिकारों की मांग 5) निरंकुश राजतंत्रों में क्रांतिकारी प्रतिक्रियाएँ।

 

प्रश्न 2. फ्रांसीसी क्रांति का न केवल फ्रांस पर अपितु पूरे विश्व पर गहरा प्रभाव पड़ा। समीक्षा कीजिए ?

उत्तर- फ्रांस पर प्रभाव - 1) लोकतांत्रिक शासन की स्थापना, 2) लोक कल्याणकारी कार्य, 3) समानता, स्वतंत्रता, भ्रातृत्व से भरे नए समाज की नींव, 4) नवीन कानून संहिता लागू, 5) नेशनल असेंबली का गठन, 6) आर्थिक एकीकरण, 7) कानून के समक्ष बराबरी, 8) संपत्ति का अधिकार सुरक्षित।

1) मध्यम वर्ग का उदय, 2) उदारवादी विचारधारा का प्रारंभ, 3) यूनान का स्वतंत्रता संग्राम, 4) संस्कृति व भाषा की भूमिका, 5) जन विद्रोह

 

प्रश्न 3. 1804 की नागरिक संहिता के प्रावधानों का उल्लेख कीजिए ?

उत्तर-जन्म पर आधारित सुविधाओों की समाप्ति।।/ संपत्ति के अधिकार की बहाली

जमींदारी व सामंती व्यवस्था की समाप्ति।/ यातायात तथा संचार व्यवस्था में सुधार।

मानक नाप-तौल के पैमाने चलाए गए।/ एक राष्ट्र मुद्रा चलाई गई।

 

प्रश्न 4-. 1815 की वियना संधि के उद्देश्य बताइए। इसके प्रमुख प्रस्ताव व व्यवस्थाओं का वर्णन कीजिए।

उत्तर-उत्तर नीदरलैंड में साम्राज्य की स्थापना/ दक्षिण में जेनेवा को पिडमाण्ट के साथ मिला दिया गया।

प्रशा को पश्चिम में नए क्षेत्र दिए गए।/ पूर्व में रूस को पोलैंण्ड का हिस्सा दे दिया गया।

ऑस्ट्रिया को उत्तरी इटली का नियंत्रण सौंपा गया।/

 

प्रश्न 5- फ़्रांसीसी क्रांतिकारियों द्वारा सामूहिक पहचान की भावना पैदा करने के लिए उठाए गए कदम, पूर्ववर्ती समाज में लोगों की पहचान से किस आधार पर अलग थे?

उत्तर- -  सामूहिक पहचान की भावना पैदा करने के लिए उठाए गए कदम निम्नलिखित तरीके से अपन े पूर्ववर्ती समाज से भिन्न थे

पहले समाज इस्टेट में बँटी हुई थी जबकि अब पितृभूमि, ष्ट्रीय भाषारा , राष्ट्रध्वज आदि के आधार पर सामूहिक पहचान पर बल  दिया गया ।

पूर्ववर्ती समाज निरकुंश राजतंत्र के प्रति निष्ठा पर आधारित था जबकि अब यह लोगों द्वारा बने राष्ट्र के प्रति समर्पण पर आधारित था।

समाज में लोगों को संविधान के अंतर्गत समान अधिकार दिए गए जो पहले नहीं थे।

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HISTORY CH-3 NATIONALISM IN INDIA

प्रश्न 1.- असहयोग आंदोलन के किन्ही तीन प्रभावों का वर्णन कीजिए?

उत्तर-खिलाफत तथा असहयोग आंदोलन एक साथ चलाया जाय।/ इसको अलग-अलग चरणों में चलाना।

विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार स्वदेशी वस्तु अपनाना/ अंग्रेजों द्वारा दी गयी उपाधि को वापस करना।

सरकारी कार्यालय स्कूल आदि को छोड़ना।

 

प्रश्न 2. असम में बागान मजदूरों के लिए स्वराज की अवधारणा क्या थी?

उत्तर-अनुबंध के नियमों का उल्लंघन।/ चाय बगानों से बाहर निकलना।

असहयोग आंदोलन में सम्मिलित होना।/ कृषि भूमि तथा सुख-साधनों को प्राप्त करना।

 

प्रश्न 3. भारतीयों ने साइमन कमीशन का विरोध क्यों किया?

उत्तर-समय से पहले गठन करना।/ शासन में सुधार जैसी कोई बात नही।/ एक भी भारतीय को इसमें सम्मिलित नही किया गया।

 

प्रश्न 4. भारत के लोग रॉलट एक्ट के विरोध में क्यों थे?

उत्तर-यह एक काला कानून था।/ इस कानून के अंतर्गत किसी को लम्बे समय तक जेल में डाला जा सकता था।

यह प्रथम विश्व युद्ध के दौरान ही भारतीय जनता को नियन्त्रण में करने के लिए लाया गया था।

विश्व युद्ध के बाद इसे खत्म करना था परन्तु सरकार ने इसे बनाये रखा। इसका विरोध भारत की आम जनता ने किया।

 

प्रश्न 5. गांधी जी ने असहयोग आंदोलन को वापस लेने का फैसला क्यों लिया?

उत्तर-असहयोग आंदोलन अंहिसा पर आधारित था।/ आंदोलनकारियों में निरसता आ गई थी।

चौरा-चौरी में आंदोलनकारियों द्वारा 22 पुलिस वालों को चौकी में जिंदा जलाया जाना।

 

 

प्रश्न 6. सविनय अवज्ञा आंदोलन पर टिप्पणी लिखो?

उत्तर-गाँधी जी ने सन् 1930 को दांडी नामक स्थान पर नमक कानून तोड़कर शुरू किया।/ 1934 तक आंदोलन का चलना।

गाँधी जी ने विद्यार्थियों को स्कूल एवं कॉलेजों, विद्यायकों विधान पालिका विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार आरंभ करना।

स्वदेशी वस्तुओं को अपनाना।/ मुस्लिम एकता पर बल देना।

 

प्रश्न 7. 1916 ई॰ के लखनऊ समझौते का क्या महत्व था?

उत्तर-कांग्रेस के नरम दल और गरम दल का एक मंच पर आना।/ कांग्रेस और मुस्लिम लीग के बीच समझौता

दोनो ने संयुक्त होकर अंग्रेजो से अपनी मांगों को लेकर सामना करना।/ बाल गंगाधर तिलक का इसमें बड़ा योगदान था।

 

प्रश्न 8. असहयोग आंदोलन आरंभ किए जाने के क्या कारण थे ? इस आांदोलन में समाज के विभिन्न वर्गों की हिस्सेदारी पर प्रकाश डालिए। इसके कार्यक्रम कार्य पद्धति, प्रगति एवं अंतत: समाप्ति को समझाइए।

उत्तर- आदोलन क कारण :-

प्रथम महायुद्र की समाप्ति पर अंग्रेजों द्वारा भारतीय जनता का शोषण।/ अंग्रेजों द्वारा स्वराज प्रदान करन से मुकर जाना।

रॉलेट एक्ट का पारित होना/ जलियाँवाला बाग हत्याकांड

कलकत्ता अधिवेशन में 1920 में कांग्रेस द्वारा असहयोग आदोलन का प्रस्ताव बहुमत से पारित।

विभिन्न वगाँ की हिस्सेदारी :-

शहरों में आन्दोलन/ ग्रामीण इलाकों में विद्रोह/ आदिवासी क्षेत्रों में विद्रोह/ बागानों में स्वराज

कार्यपद्धति, प्रगति -

चरणबद्ध योजना प्रक्रिया।

प्रथम चरण - सरकारी पदवियों, नौकरियों, सेना, पुलिस, स्कूलों, विद्यार्थी परिषदों व विदेशी वस्तुओं का त्याग।

दूसरा चरण व्यापक स्तर पर सविनय अवज्ञा आंदोलन प्रारंभ होना शामिल था।

समाप्ति - गाँधी जी द्वारा चौरी-चौरा में हुई हिंसक घटना के फलस्वरूप आंदोलन वापस ले लिया गया।

 

प्रश्न 9. सक्रिय राजनीति में भाग लेने से पूर्व गाँधीजी ने किन-किन स्थानों पर सत्याग्रह आंदोलन किए ? इनके प्रारंभ होने के क्या कारण थे ?

उत्तर-1916 में चांपारन सत्याग्रह - नील की खेती करने वाले किसानों के पक्ष में।

खेड़ा सत्याग्रह (1917) - किसानों को लगान में छूट दिलवाने के लिए।

अहमदाबाद में मिल मजदूर हड़ताल (1918)

 

प्रश्न 10. गाँधीजी की नमक यात्रा कई कारणों से उल्लेखनीय थी। समीक्षा कीजिए। सविनय अवज्ञा आंदोलन की सीमाएँ क्या थीं ? इसके महत्व का वर्णन कीजिए।

उत्तर-नमक कर ब्रिटिश सरकार का सबसे दमनात्मक पहलू बताया गया।/ गाँधीजी द्वारा विश्वस्त वालंटियरों के साथ नमक यात्रा शुरू।

राष्ट्रीय आंदोलन से आम आदमी के मुद्दे को जोड़ना।/ कानून का उल्लंघन। प्रदर्शन व विदेशी चीजों का बहिष्कार

शराब की दुकानों पर पिकेटिंग।/ सभी लोग स्वराज की अमूर्त अवधारणा से प्रभावित नहीं थे।

समाज के सभी वर्गों ने बढ़चढ़ कर हिस्सा नहीं लिया।/ समाज के वर्ग एक दूसरे की तरफ संशकित थे।

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History 4 भूमंडलीकृत विश्व का बनना

1. ब्रेटन-वुड्स समझौते का क्या अर्थ है?

उत्तर-1944 में अमेरिका स्थित न्यू हैम्पशायर के ब्रेटन वुड्स नामक स्थान पर संयुक्त राष्ट मौद्रिक एवं वित्तीय सम्मेलन में सहमति बनी थी।

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक की स्थापना हुई।

ब्रेटन वुड्स व्यवस्था निश्चित विनिमय दरों पर आधारित होती थी।

2. रिंडरपेस्ट क्या था? इसने अफ्रीकी लोगों को किस तरह प्रभावित किया?

उत्तर-  खतरनाक संक्रामक रोग/ मवेशी प्लेग/ 90 प्रतिशत से अधिक अफ्रीकी मवेशी मारे गये/ आजीविका का नष्ट हो जाना

 

3. कार्न-ला क्या था? उसे क्यों समाप्त किया गया इसकी समाप्ती के क्या परिणाम हुये?

उत्तर-मक्का के आयात पर पाबन्दी - कार्न – ला/ यह भू स्वामियों के दबाव में किया गया।

लोग इस कानून से नाराज थे क्योंकि खाद्य पदार्थो की कीमतें बहुत ऊंची थी।

कार्न-ला की समाप्ति के बाद ब्रिटेन में आयतित खाद्य पदार्थो की लागत यहाँ पैदा होने वाले खाद्य पदार्थो से भी कम थी। जिसके कारण ब्रिटिश किसान आयतित माल की कीमत का मुकाबला नही कर सकते थे।

 

4. आर्थिक महामंदी के कारण बताइये?

उत्तर- महामंदी की शुरूआत 1929 से हुई और यह संकट 30 के दशक के मध्य तक बना रहा इस दौरान दुनियाँ के ज्यादातर हिस्सों  में उत्पादन, रोजगार, आय और व्यापार में बहुत बड़ी गिरावट दर्ज की गई।

युद्धोत्तर विश्व अर्थव्यवस्था बहुत कमजोर हो गई थी। कीमते गिरी तो किसानों की आय घटने लगी और आमदनी बढ़ाने के लिये किसान अधिक मात्रा में उत्पादन करने लगे।

बहुत सारे देशों ने अपनी निवेश सम्बन्धी जरूरतों को पूरा करने के लिये अमेरिका से कर्ज लिया।

अमेरिकी उद्योगपतियों ने मंदी की आशंका को देखते हुये यूरोपीय देशों को कर्ज देना बन्द कर दिया।/ हजारों बैंक दीवालिया हो गये।

 

5. अमेरिका जाने वाले नये समुद्री रास्तों की खोज के बाद विश्व में क्या बदलाव हुए? तीन उदाहरण देकर स्पष्ट करें।

उत्तर-आलू का इस्तेमाल शुरू करने पर यूरोप के गरीबों की जिन्दगी में बदलाव आया। उनका भोजन बेहतर हो गया और औसत उम्र बढ़ने लगी।

गुलामों का व्यापार शुरू हो गया।

यूरोप में धार्मिक टकराव होते रहते थे इसलिए हजारों लोग यूरोप से भागकर अमेरिका चले गए।

 

6. व्यापार अधिशेष से क्या अभिप्राय है ? भारत के साथ ब्रिटेन व्यापार अधिशेष की अवस्था में क्यों रहा?

उत्तर-जब निर्यात मूल्य आयात मूल्य से अधिक होता है तो इसे व्यापार अधिशेष कहा जाता है।

19वीं शताब्दी में बाजारों में ब्रिटेन के बने माल की अधिकता ही गई थी। भारत से ब्रिटेन और शेष विश्व को भेजे जाने वाले  खाद्यान्न व कच्चे मालों के नियति में इजाफा हुआ।

लेकिन जी माल भारत भेजा जाता था उसकी कीमत काफी अधिक होती थी और जो भारत से इंग्लैण्ड भेजा जाता था उसकी कीमत काफी कम होती थी इसलिए ब्रिटेन हमेशा व्यापार अधिशेष की अवस्था में रहता था।

 

7. भारतीय अर्थव्यवस्था पर महामन्दी का क्या प्रभाव पड़ा ?

उत्तर-1928 से 1934 के बीच देश का आयात-नियांत घट कर आधा रह गया।

अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में कीमतें गिरने से भारत में गेहूँ की कीमत 50 प्रतिशत तक गिर गई।

किसानों और काश्तकारों को ज्यादा नुकसान हुआ।

महामंदी शहरी जनता एवं अर्थव्यवस्था के लिए भी हानिकारक।

1931 में मंदी चरम सीमा पर थी जिसके कारण ग्रामीण भारत असंतोष व उथल-पुथल के दौर से गुजर रहा था।

 

8. 19वीं सदी की अनुबंध व्यवस्था को नयी दास व्यवस्था के रूप में वर्णित किया है। उपयुक्त उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए?

उत्तर- एजेंट मजदूरों को फुसलाने के लिए झूठी जानकारियाँ देते थे।

एजेंटों द्वारा मजदूरों का अपहरण भी कर लिया जाता था।

नयी जगह की जीवन एवं कार्य स्थितियाँ कठोर थी।

वेतन बहुत कम था। काम ठीक से न कर पाने के कारण वेतन काट लिया जाता था।

मजदूरों के पास कानूनी अधिकार न के बराबर थे।

 

9. वैश्वीकरण का क्या अर्थ है? अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक विनिमय में तीन प्रकार के प्रवाहों का वर्णन कीजिए ?

उत्तर- किसी देश की अर्थव्यवस्था विश्व की अन्य अर्थव्यवस्थाओं के साथ जुड़ी होती है।

पहला प्रवाह व्यापार का होता है जो मुख्यतः कपड़ों एवं गेहूँ के व्यापार तक सीमित था।

दूसरा प्रवाह श्रम का है जिसमें लोग रोजगार की तलाश में एक जगह से दूसरी जगह जाते हैं।

तीसरा प्रवाह पूँजी का होता है जिसे अल्प या दीर्घ अवधि के लिए दूर-दराज के इलाकों में निवेश कर दिया जाता है।

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GEOG CH-1, RESOURCE & DEVELOPMENT

प्रश्न 1. भारत में भूमि निम्नीकरण के लिए मुख्यतः उत्तरदायी किन्हीं चार मानवीय क्रियाओं को स्पष्ट कीजिए।

उत्तर-वन कटाई/ खेती करने के गलत तरीके/ खनन/ अति पशुचारण/ अधिक सिचांई

 

प्रश्न 2. खादर और बांगर में अंतर स्पष्ट करे?

उत्तर-       बांगर                                                  खादर

(1) प्राचीन जलोढ़                                                 (1) नए जलोढ़

(2) कंकड़ तथा कैल्शियम कार्बोनेट                  (2) अधिक बारीक व रेतीली

(3) बार बार नवीकरण नहीं होता                   (3) बार-बार नवीकरण होता है

(4) नदी से दूर ऊंचे स्तर पर पाई जाती है।  (4) नदी के पास डेल्टा तथा बाढ़ निर्मित मैदानों में पाई जाती है

 

प्रश्न 3. उन प्रमुख कारकों का वर्णन करो जो मृदा निर्माण के लिए उत्तरदायी है।

उत्तर-मृदा निर्माण में धरातल, पैतृक शैल, जलवायु, वनस्पति तथा समय और अन्य जीव प्रमुख कारक है।

तापमान में परिवर्तन, जल, पवन, तथा हिमनदी का कार्य

रासायनिक और जैविक परिवर्तन

मृदा में जैविक तथा अजैविक पदार्थ होते है।

 

प्रश्न 4. संसाधन नियोजन में प्रयुक्त उपायों का वर्णन करें।

उत्तर-देश में संसाधनों की पहचान करना।/ सर्वेक्षण, मानचित्र बनाना/ संसाधनों का गुणात्मक और मात्रात्मक अनुमान और मापना।

एक नियोजित ढांचा तैयार करना/ संसाधन विकास योजना का राष्ट्रीय विकास योजना से मिलान करना।

 

प्रश्न 5. स्वामित्व के आधार पर संसाधनों का वर्गीकरण चार श्रेणियों में करें। प्रत्येक का मुख्य लक्षण बताए।

उत्तर-निजी संसाधन/ सामुदायिक संसाधन/ राष्ट्रीय संसाधन/ अन्तर्राष्ट्रीय संसाधन

 

प्रश्न 6. मृदा संरक्षण के लिए क्या कदम उठाए जा रहे है? चार विधियां बताइए।

उत्तर-समोच्च रेखाओं के अनुरूप जुताई करना।

पहाड़ों पर सीढ़ी बनाकर/ पट्टीदार कृषि/ आश्रय पेटी

 

प्रश्न 7. संसाधन नियोजन क्या है? संसाधनों का नियोजन क्यों आवश्यक है?

उत्तर-देश में मौजूदा संसाधनों का पता लगाना, भंडार की मात्रा ज्ञात करना तथा उनका कुशल उपयोग करके मानवीय आवश्यकताओं  को पूरा करना ही संसाधन नियोजन है।

(अ) संसाधन सीमित है इसलिए इनका उपयोग उचित ढंग से किया जाए ताकि भविष्य के लिए बचाया जा सके।

(ब) वितरण असमान है इसलिए देश का समान विकास करने के लिए सभी संसाधनों का नियोजन अत्यन्त आवश्यक है।

 

प्रश्न 8. संसाधनों के अति उपभोग से कौन-कौन सी समस्याएँ उत्पन्न हुई हैं ?

उत्तर- संसाधनों का ह्रास

संसाधन समाज के कुछ ही लोगों के हाथ में। एक साधन संपन्न दूसरा संसाधन हीन वर्ग।

वैश्विक पारिस्थतिक संकट जैसे भूमंडलीय तापन (ग्लोबल वार्मिंग), ओजोन परत का क्षय, पर्यावरण प्रदूषण, भूमि निम्नीकरण का होना।

 

प्रश्न 9. मृदा अपरदन को किस प्रकार रोका जा सकता है ? विभिन्न उपायों को लिखी।

उत्तर-नदियों पर बाँध बनाकर उनके बहाव को कम करना।/ अधिक से अधिक वृक्ष लगाना।

मरूस्थलीय क्षेत्रों में काँटेदार वनस्पति लगाकर।/ पहाड़ी क्षेत्रों में सीढ़ीनुमा खेत बनाकर।

मरूस्थलीय क्षेत्रों के किनारों पर पेड़ लगाकर।

 

प्रश्न 10. स्वामित्व के आधार पर संसाधनों के विभिन्न प्रकारों को समझाइए।

उत्तर- स्वामित्व के आधार पर संसाधनों का वर्गीकरण -

ए) 1) व्यक्तिगत संसाधन -व्यक्ति के स्वामित्व में/ बाग, चारागाह, तालाब, कुआँ आदि

बी) सामुदायिक संसाधन -समुदाय के सभी लोगों को उपलब्ध/ गाँव की पशुचारण भूमि, श्मशान भूमि, तालाब

नगरीय क्षेत्रों में पार्क, पिकनिक स्थल, खेल के मैदान।

सी) राष्ट्रीय संसाधन -तकनीकी रूप से सभी संसाधन राष्ट्रीय हैं।

राष्ट्रीय सरकार को अधिकार कि वह राष्ट्र हित में व्यक्तिगत संसाधनों का अधिग्रहण कर सकती हैं।

खनिज, संसाधन, जल संसाधन, वन तथा वन्य जीवन, राजनैतिक सीमाओं के भीतर संपूर्ण भूमि।

2 समुद्री मील तक महासागरीय क्षेत्र में पाए जाने वाले सभी संसाधन राष्ट्रीय हैं।

डी) अंतरांगाष्ट्रीय संसाधन -अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं द्वारा नियम बनाना।

तट रेखा से 200 किलोमीटर से परे खुले महासागरीय संसाधनों पर किसी देश का अधिकार नहीं।

अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं की अनुमति के बिना उपयोग नहीं।

 

प्रश्न 11. मृदा निर्माण में कौन कौन से कारक उत्तरदायी है ? स्पष्ट करो।

उत्तर- शैल - मृदा के लिए उचित सामग्री मिलना।/ जलवायु- लंबी अवधि में शैलों को छोटे-छोटे टुकड़ों तथा कणों में बदलना।

पेड़-पौधे- जड़ें शैलों में घुसकर उन्हें तोड़-फोड़ देती हैं।/ अति चारण - पशुओं द्वारा निरंतर चराई से शैलों में परिवर्तन संभव।

वर्षा - वर्षा का जल शैलों के छिद्रों में घुसकर तोड़फोड़ का कार्य करता है। लंबे समय तक इन कारकों के क्रियाशील रहने से शैलों में टूटने की क्रिया चलती रहती है। धीरे-धीरे मृदा का निर्माण होता है।

 

प्रश्न 12. भारत में पाई जाने वाली मृदाओं का वर्णन करो तथा उनका वितरण भारत के मानचित्र में दशांइए।

उत्तर- 1) जलोढ़ मृदा-/ संपूर्ण उत्तरी मैदान में फैलाव/ सिंधु, गंगा तथा ब्रह्मपुत्र, नदी तंत्रों द्वारा विकसित

रेत, सिल्ट तथा मृत्तिका के विभिन्न अनुपात/ बहुत उपजाऊ तथा गन्ना, चावल, गेहूँ आदि फसलों के लिए उपयुक्त

2) काली मृदा रंग काला तथा दूसरा नाम रेगर मृदा/ कपास तथा मूंगफली की खेती के लिए अत्यंत उपयुक्त।

महाराष्ट्र, सौराष्ट्र, मालवा, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के पठार में पाई जाती है

 कैल्शियम कार्बोनेट, मैग्निशियम, पोटाश और चूने जैसे तत्वों से परिपूर्ण।

3) लाल और पोली मृदा - लोहे (आयरन) के कणों की अधिकता के कारण रंग लाल तथा कहीं-कहीं पर पीला भी।

उड़ीसा, छत्तीसगढ़, मध्य गंगा के मैदान के दक्षिणी छोर और पश्चिमी घाट में पहाड़ी पद पर पाई जाती है।

4) लेटराइट मृदा - उच्च तापमान और अधिक वषां वाले क्षेत्रों में विकसित।/ भारी वषां से अत्यधिक निक्षालन का परिणाम।

हृयूमस की मात्रा कम/ कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु मध्यप्रदेश, उड़ीसा तथा असम के पहाड़ी क्षेत्रों में पाई जाती है।

काजू की फसल के लिए उपयुक्त

5) मरूस्थलीय मृदा - रंग लाल तथा भूरा/ रेतीली तथा लवणीय/ शुष्क जलवायु तथा उच्च तापमान के कारण जल वाष्पन की दर अधिक

ह्युमस और नमी की मात्र कम/ उचित सिंचाई प्रबंधन के द्वारा उपजाऊ बनाया जा सकता है।

6) वन मृदा -

पर्वतीय क्षेत्रों में पाई जाती है।/ गठन में पर्वतीय पर्यावरण के अनुसार बदलाव/ नदी घटियों में मृदा दोमट तथा सिल्टदार

हिमाच्छादित क्षेत्रों में मृदा का अधिक अपरदन

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AGRICULTURE

प्रश्न 1. जीविका कृषि और वाणिज्यिक कृषि में अन्तर लिखिए।

 

जीविका निर्वाह कृषि-

वाणिज्यिक कृषि-

1

यह कृषि भूमि के छोटे टुकड़े पर पुराने कृषि औजारो द्वारा की जाती है।

खेतो का आकार बड़ा

2

किसान अपने परिवार तथा स्थानीय बाजार के लिए उत्पादन

उत्पादन निर्यात के लिए

3

सघन बसे इलाको में की जाती है।

एक जनसंख्या वाले क्षेत्रों में की जाती है।

4

दो या तीन फसलें उगाई जाती है।

एक फसल उगाई जाती हे।

5

अनाज गेहूँ, चावल, मक्का

गेहूँ, कपास, गन्ना

 

प्रश्न 2. सरकार द्वारा किसानों के हित में किए गए संस्थागत सुधारो का वर्णन कीजिए।

उत्तर- स्वतन्त्रता के पश्चात-सामूहिकीकरण, जोतो की चकबंदी सहकारिता व जमीदांरी को समाप्त करना।

प्रथम पंचवर्षीय योजना में भूमि सुधार/ कम दर पर ऋण सुविधाएं देना।

 

प्रश्न 3. गन्ने की खेती के लिए कैसी भौगोलिक दशाऐं होनी चाहिए।

उत्तर- गन्ने की खेती के लिए भौगोलिक दशाएं

उष्ण व आर्द्र जलवायु/ 21 डिग्री सेल्सियस से 27 डिग्री सेल्सियस तापमान/ 75 सेमी से 100 सेमी वार्षिक वर्षा

दो प्रमुख गन्ना उत्पादक राज्य- उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र

 

प्रश्न 4. चावल तथा कपास के उत्पादन के लिए आवश्यक भौगोलिक दशाओं को लिखिए।

उत्तर- चावल के लिए:- 20 डिग्री सेल्सियस से 27 डिग्री सेल्सियस तापमान/ वर्षा-75 सेमी से 200 सेमी वर्षा/ जलोढ़ व दुम्मट मृदा भूमि

उत्तर -पूर्वी भारत, तटीय क्षेत्र एक डेल्टा क्षेत्र कपास के लिए

कपास के लिए:- 30 डिग्री सेल्सियस तापमान, स्वच्छ आकाश, पाला रहित 210/ 50 सेमी 100 सेमी वर्षा/ काली मृदा

उत्पादक राज्य महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश आदि

 

प्रश्न 5. सरकार द्वारा किसानों के हित में किए गए संस्थागत सुधारों के बारे में लिखें।

उत्तर- फसलों की बीमा सुविधा देना।/ सहकारी बैकों का विकास कर किसानों को ऋण सुविधा उपलब्ध कराना।

फसलों के समर्थन मूल्य का उचित निर्धारण कर प्रोत्साहित करना।/ मौसम संबंधी सूचनाओं को समय-समय पर प्रसारित करना।

कृषि संबंधी नवीन तकनीक, औजारों, उर्वरकों आदि से संबंधित कार्यक्रम रेडियों तथा दूरदर्शन पर प्रसारित करना।

 

प्रश्न 6. भारत में घटते खाद्य उत्पादन के लिए उत्तरदायी प्रमुख कारणों का वर्णन करो।

उत्तर-

गैर कृषि उपयोग के साथ प्रतिस्पर्धा के कारण बोए गए क्षेत्र में कमी।

रासायनिक उर्वरकों, कीटनाशकों का अधिक उपयोग के कारण उपजाऊ क्षमता में कमी।

असक्षम तथा अनुचित जल प्रबंधन ने जलाक्रांतता और लवणता की समस्या की उत्पन्न किया।

अत्यधिक भू-जल दोहन के कारण भौम स्तर गिर गया है, इससे कृषि लागत में वृद्धि।

अपर्याप्त भंडारण क्षमता तथा बाज़ार का अभाव

प्रश्न 7. जीविका निर्वाह कृषि तथा वाणिज्यिक कृषि में अंतर बताइए।

उत्तर- जीविका निर्वाह कृषि                                                 वाणिज्यिक कृषि

1) खेतों का छोटा आकार                                  1) खेतों का बड़ा आकार

2) परंपरागत तकनीक तथा उपकरण 2) नवीनतम तकनीक तथा औजार

3) स्थानीय बाजार के लिए उत्पादन                 3) निर्यात करने के लिए उत्पादन

4) दो या तीन फसलें लेना                                 4) एक मुख्य फसल पर बल

5) खाद्य फसलों की पैदावार पर बल 5) गन्ना, कपास, गेहूँ आदि।

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MINERALS AND ENERGY RESOURCES

प्रश्न 1. आग्नेय और कायांतरित चट्टानों में खनिजों का निर्माण कैसे होता है?

उत्तर- आग्नेय और कायांतरित चट्टानों में खनिज दरारों, जोड़ों, भ्रशों व विदरों में मिलते हैं। छोटे जमाव शिराओं के रूप में तथा बड़े जमाव परत के रूप में पाए जाते हैं। जब ये तरल या गैसीय अवस्था में दरारों के सहारों भू-पृष्ट की ओर धकेले जाते हैं। ऊपर आते हुए ये ठंडे होकर जम जाते है। मुख्य धात्विक खनिज जैसे जस्ता, तांबा, जिक और सीसा आदि इसके उदाहरण हैं।

 

प्रश्न 2. लौह अयस्क की तीन प्रमुख पेटियों का उल्लेख कीजिए।

उत्तर- उड़ीसा - झारखण्ड पेटी

महाराष्ट्र - गोआ पेटी

बेलारी चित्रदुर्ग, चिकमगलूर - तुमकुर पेटी

दुर्ग बस्तरचन्द्रपुर पेटी

 

प्रश्न 3. अभ्रक किस रूप में पाया जाता है? भारत में इसके निक्षेपों के प्रमुख क्षेत्रों का उल्लेख कीजिए? अभ्रक के मुख्य उपयोग क्या हैं?

उत्तर- अभ्रक प्लेटों या परतों के रूप में पाया जाता है। अभ्रक के निक्षेप-

छोटा नागपुर पठार के उत्तरी पठारी किनारों पर।

बिहार-झारखण्ड की कोडरमा-गया-हजारीबाग पेटी।

राजस्थान में अजमेर के पास।

आंध्र की नेल्लोर पेटी।

अभ्रक विद्युत और इलेक्ट्रानिक उद्योगों में प्रयोग किया जाता है।

 

प्रश्न 4. खनन उद्योग को घातक उद्योग क्यों कहा जाता है ?

उत्तर- इस उद्योग से श्रमिकों के स्वास्थ्य और पर्यावरण पर बहुत खराब प्रभाव पड़ता है।

लगातार धूल व हानिकारक धुएँ में सांस लेना पड़ता है।

श्रमिकों को फेफड़ों से संबंधित बीमारियाँ हो जाती हैं।

खदानों में पानी भर जाने या आग लग जाने से श्रमिकों में डर बना रहता है।

कई बार खदानों की छत के गिर जाने से उन्हें अपनी जान गंवानी पड़ती है।

खनन के कारण नदियों का जल प्रदूषित हो जाता है।

भूमि और मिट्टी का अपक्षय होता है।

 

प्रश्न 5. हम ऊर्जा का संरक्षण किस प्रकार कर सकते है ?

उत्तर- जरूरत न होने पर बिजली बन्द कर देनी चाहिए।/ सावजनिक वाहन का उपयोग करना चाहिए।

परंपरागत ऊर्जा के स्रोत सीमित हैं। इनका प्रयोग बड़े ध्यान से करना चाहिए।

नवीकरणीय साधनों का प्रयोग करना चाहिए।/ विद्युत बचत करने वाले उपकरणों का प्रयोग करना चाहिए।

 

प्रश्न 6. हमें खनिजों के संरक्षण की आवश्यकता क्यों है ? इसके संरक्षण के उपाय बताइए ?

उत्तर-खनिज हमारे उद्योग और कृषि के आधार हैं।/ नवीकरण योग्य नहीं है।

निक्षेपों की कुल मात्रा बहुत ही कम है।/ इनके निर्माण में लाखों वर्ष लग जाते हैं।

 

प्रश्न 7. ऊर्जा संसाधनों के संरक्षण के लिए उठाए गए उपायों को स्पष्ट कीजिए।

उत्तर-सीमित साधन है इसलिए प्रयोग ध्यान से करे।/ जरूरत न होने पर लाईट बंद करे।

कोयला पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस जैसे शक्ति के अनापूर्ति साधनों के स्थान पर जल, वायु सूर्य व लहरे, भूतापीय ऊर्जा के संपूर्ति साधनों का प्रयोग अधिक करना।

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विनिर्माण उद्योग

प्रश्न 1. विनिर्माण उद्योग को भारत के आर्थिक विकास की रीढ़ की हड्डी क्यों माना जाता है ?

उत्तर- जिस प्रकार शरीर को आकार रीढ़ की हड्डी से मिलता है उसी प्रकार एक देश की अर्थव्यवस्था के आर्थिक विकास का मुख्य आधार विनिर्माण उद्योग है।/ कृषि के आधुनिकीकरण में सहायक हैं।

द्वितीयक तथा तृतीयक सेवाओं में रोजगार उपलब्ध करवाते हैं।/ विदेशी मुद्रा प्राप्त होती है।

बेरोजगारी और गरीबी को दूर करने में सहायक है।

राष्ट्रीय धन में वृद्धि होती है।/ दैनिक आवश्यकताओं को पूरा करते हैं।

 

प्रश्न 2. चीनी उद्योग के सम्मुख कौन-कौन सी चुनौतियाँ हैं ?

उत्तर- यह उद्योग मौसमी प्रकृति का है, छोटी अवधि का होता है।

गन्ने का उत्पादन प्रति हैक्टेयर कम है।/ पुरानी मशीनों का होना।/ खोई का अधिकतम इस्तेमाल न कर पाना।

परिवहन के साधनों के असक्षम होने के कारण गन्ने का समय पर कारखानों में न पहुँचना।

 

प्रश्न 3. 'कृषि और उद्योग एक दूसरे से अलग नहीं, बल्कि एक दूसरे के पूरक हैं।स्पष्ट कीजिए।

उत्तर- कृषि उद्योगों के लिए बड़ी मात्रा में कच्चा माल जैसे कपास, जूट, गन्ना आदि का उत्पादन करती है।

उद्योग किसानों को खेती के विकास के लिए उर्वरक, कीटनाशक, खरपतवार नाशक, मशीनें आदि उपलब्ध कराता है।

कृषि उत्पादन में वृद्धि सम्भव हुई है।/ उद्योगों द्वारा कृषि उत्पादों को मंडी तक पहुँचा, बेचना काफी आसान हो गया है |

 

प्रश्न 4. सूती वस्त्र उद्योग के सामने कौन-कौन सी समस्याएँ हैं?

उत्तर- पुराणी और परंपरागत तकनीक/ लंबे रेशे वाली कपास की पैदावार का कम होना।

नई मशीनरी का अभाव।/ कृत्रिम वस्त्र उद्योग से प्रतिस्पर्धा।/ अनियमित बिजली की आपूर्ति।

 

प्रश्न 5. जूट उद्योग किन चुनौतियों का सामना कर रहा है।

उत्तर-कृत्रिम रेशों से चीजें बनने लगी हैं।/ कृत्रिम रेशे से बनी चीजे सस्ती होती हैं।

जूट की खेती पर व्यय बहुत हो जाता है।/ विदेशी स्पर्धा का मुकाबला बाजार में चुनौती के रूप में खड़ा है।

बांग्लादेश अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में चुनौती के रूप में खड़ा है।

 

प्रश्न 6. विनिर्माण उद्योग भारत के आर्थिक विकास की रीढ़ की हड्डी माना जाता है? कारण।

उत्तर- विनिर्माण- कच्चे माल को अधिक मात्रा में मूल्यवान वस्तुओं में बदलने की प्रक्रिया को वस्तु निर्माण कहा जाता है।

महत्व- किसी देश की अर्थव्यवस्था और लोगों के जीवन मे महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते है।

दैनिक आवश्यकताओं को पूरा करते है।

वस्तुएँ देश-विदेश में बेचकर विदेशी मुद्रा कमाई जा सकती है।

जिससे राष्ट्रीय धन में वृद्धि होती है।

 

प्रश्न 7. अधिकांश पटसन उद्योग हुगली नदी के तट पर अथवा पश्चिमी बंगाल में क्यो स्थित है? स्पष्ट करो।

उत्तर- बहुत से छोटे और मंझले उद्योग लोहा तथा इस्पात उद्योग पर निर्भर करते है।

यह भारी इंजीनियरिंग मशीनों और रक्षा उपकरण, वाहन, जहाज आदि के लिए रीढ़ की हड्डी है।

इन उद्योगों से बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार प्राप्त होता है।

 

प्रश्न 8. लोहा तथा इस्पात उद्योग को आधारभूत उद्योग क्यों कहते है? कारण लिखो।

उत्तर- यह उद्योग मौसमी प्रकृति का है।

उत्पादन की विधि पुरानी और निम्नकोटि की है।

गन्ने को मिलों तक पहुँचाने में देर हो जाती है।

गन्ने की खोई के अधिक से अधिक उपयोग करने की आवश्यकता है।

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GEOG-7- PIPE LINE

प्रश्न 1. पाइपलाइन परिवहन को लाभ बताइए ?

उत्तर-पाइपलाइन द्वारा शहरों और उद्योगों में पानी पहुँचाने के साथ गैस, खनिज तेल को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचाया जाता है।

समय की बचत होती है। बीच की चोरी और बबांदी को रोका जा सकता है।

पाइपलाइन बिछाने की लागत अधिक है परन्तु इसको चलाने की लागत कम है।

पाइपलाइन द्वारा परिवहन शीघ्र, सुरक्षित और आसान हो जाता है।

रेलों पर बढ़ते दबाव को कम किया जा सकता है।

 

प्रश्न 2. स्वर्णिम चतुर्भुज महा राजमार्ग की तीन विशेषताएँ लिखिए।

उत्तर-यह 6 लेन वाला महामार्ग है।

यह भारत की मेगा सिटीज दिल्ली, मुंबई, चेन्नई व कोलकाता को जोड़ता है।

यह मेगा सिटीज के बीच की दूरी व समय को कम करता है।

यह राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के अधिकार क्षेत्र में है।

 

प्रश्न 3. सड़क परिवहन, रेल परिवहन से अधिक महत्वपूर्ण है, क्यों ?

उत्तर-सड़क परिवहन रेल परिवहन से पहले प्रारंभ किया गया।

निर्माण तथा व्यवस्था सुविधाजनक है।

हमें घरों तक पहुँचाती है।

पहाड़ी क्षेत्रों, दुर्गम क्षेत्रों तथा उबड़-खाबड़ स्थानों पर भी आसानी से बनाई जा सकती है।

अन्य परिवहन साधनों में सड़क परिवहन एक कड़ी के रूप में काम करता है।

 

प्रश्न 4. सड़क परिवहन किन-किन समस्याओं से जूझ रहा है?

उत्तर-लगभग आधी सड़कें कच्ची हैं जो वर्षा ऋतु में काम के योग्य नहीं रहती हैं।

यातायात व यात्रियों की संख्या के अनुपात में सड़के अपर्याप्त हैं।/ बढ़ते हुए वाहनों के कारण सड़के तंग व भीड़ भरी हैं।

इससे सड़कों पर ट्रैफिक जाम हो जाता है।/ राष्ट्रीय राजमार्ग भी पर्याप्त नहीं हैं।

यात्रियों की संख्या और माल ढुलाई की अधिकता को देखते हुए सड़क जाल अपेक्षाकृत कम है।

पचास प्रतिशत सड़के कच्ची है।/ अधिक वर्षा वाले क्षेत्रों में सड़के जल्दी खराब हो जाती है।

सड़के संकरी है तथा यातायात अधिक होने के कारण ट्रैफिक जाम की समस्या बनी रहती है।

 

प्रश्न 5. रेलों के जाल के असमान वितरण के कारण लिखिए ?

उत्तर-मैदानी भागों में निर्माण व लागत कम और आसान है।

पर्वतीय भाग में निमणि कठिन व लागत अधिक होती है।

मैदानी भाग में जनसंख्या घनत्व अधिक है जिसके कारण रेलों का जाल बिछा है।

मरूस्थलीय व पठारी भाग में औद्योगिक व कृषि कार्य विकसित न होने के कारण रेलों का घनत्व कम है।

प्रशासकीय कारणों व सरकारी नीतियों के कारण भी रेलवे का विकास प्रभावित होता है।

 

प्रश्न 6. परिवहन तथा संचार के विभिन्न साधनों को अर्थव्यवस्था की जीवन रेखाएँ क्यों कहा जाता है?

उत्तर- परिवहन तथा संचार के विभिन्न साधन एक दूसरे के पूरक हैं।

देश-विदेश के दूर स्थित इलाकों को एक दूसरे से मिलाते हैं।

राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन को बढ़ावा मिलता है।

विदेशी मुद्रा की प्राप्ति होती है।

जीवन आरामदायक व सुविधापूर्ण हो जाता है।

सारा देश आपातकाल में एकजुट हो जाता है।

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CIVICS 1- सत्ता की साझेदारी-

 

प्रश्न 1. श्रीलंका में पास हुए 1950 के कानून के अनुसार सिंहली लोगों के वर्चस्व के तीन प्रावधान लिखिए।

उत्तर-

सिंहली भाषा की श्रीलंका की राजकीय भाषा घोषित करना।

सिंहली लोगों की शिक्षण संस्थाओं और सरकारी नौकरियों में प्राथमिकता देना।

सिंहली लोगों को राजनैतिक प्रक्रिया में स्वतंत्र रूप से भाग लेने का अधिकार।

बौद्ध धर्म को पूजा अर्चना की पूर्ण स्वतंत्रता।

 

प्रश्न 2. सत्ता के ऊध्वाधर वितरण और क्षैतिज  वितरण में अंतर स्पष्ट करें।

 

उध्वांधर वितरण

क्षैतिज वितरण :-

 

इसके अंतर्गत सरकार के विभिन्न स्तरों में सत्ता का बँटवारा होता है।

इसके अंतर्गत सरकार के विभिन्न अंगों के बीच सत्ता का बँटवारा होता है।

 

इसमें उच्चतर तथा निम्नतर स्तर की सरकारें होती हैं।

इसमें सरकार के विभिन्न अंग एक ही स्तर पर रहकर अपनी शक्ति का उपयोग करते है।

 

इसमें निम्नतर अंग उच्चतर अंग के अधीन काम करते हैं।

इसमें प्रत्येक अंग एक दूसरे पर नियंत्रण रखता है।

 

प्रश्न 3. श्रीलंका में बहुसंख्यकवाद तथा इसके प्रभावों का वर्णन करें।

उत्तर- श्रीलंका में बहुसंख्यकवाद :-

सिंहली को एकमात्र राजभाषा घोषित करना।

विश्वविद्यालयों और सरकारी नौकरियों में सिंहलियों को प्राथमिकता।

सरकार द्वारा बौद्ध मत को संरक्षण और बढ़ावा देना।

बहुसंख्यकवाद का प्रभाव :-

तमिलों की नाराजगी और शासन के प्रति बेगानेपन को बढ़ावा।

1980 के दशक में उत्तर-पूर्वी श्रीलंका में स्वतंत्र तमिल ईलम बनाने की माँग।

सिंहली और तमिलों के बीच टकराव तथा गृहयुद्ध का जन्म।

गृहयुद्ध के कारण हजारों लोगों का मारा जाना तथा बेघर होना।

युद्ध के कारण देश के सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक जीवन में दुष्प्रभाव।

 

प्रश्न 4. बेल्जियम में सामाजिक विविधताओं से उत्पन्न समस्याओं का समाधान कैसे किया गया ?

उत्तर- बेल्जियम में सामाजिक विविधताओं से उत्पन्न समस्याओं का समाधान :-

केंंद्रीय सरकार में डच और फ्रेंच भाषी मंत्रियों की समान संख्या।

केन्द्रीय सरकार की अनेक शक्तियों की क्षेत्रीय सरकारों को सौंपना

केन्द्रीय सरकार में दोनों समुदायों का समान प्रतिनिधित्व

सामुदायिक सरकार का गठन

क्षेत्रीय और सामुदायिक सरकारों को विभिन्न मामलों में निर्णय लेने की स्वतंत्रता।

 

प्रश्न 5. आधुनिक लोकतंत्र में सत्ता सी साझेदारी के चार रूपों का वर्णन कीजिए।

उत्तर-सत्ता की साझेदारी सरकार के विभिन्न अंगो के बीच होती है।

सरकार के विभिन्न स्तरों पर सत्ता की साझेदारी होती है।

सत्ता की साझेदारी विभिन्न सामाजिक समूहों के बीच होती है।

सत्ता की साझेदारी राजनैतिक दलो, दबाव समूहों एवं सामाजिक आन्दोलनों द्वारा होती है।

 

 

 

प्रश्न 6. श्रीलंका में बहुसंख्यक वाद तथा इसके प्रभावों का वर्णन करें?

उत्तर-1956 में कानून बनाकर तमिलों को उपेक्षित कर सिहंली को राजभाषा घोषित कर दिया। जिससे तमिल वर्ग असन्तुष्ट हो गया।

विश्वविद्यालयों और सरकारी नौकरियों में सिहंलियों को प्राथमिकता दी गयी जिससे तमिल नाराज हो गये।

सरकार द्वारा बौद्ध मत को संरक्षण और बढ़ावा दिया गया। इससे भी तमिलों समुदाय असन्तुष्ट हो गया। जिससे श्रीलंका में गृहयुद्ध का जन्म हुआ।

 

प्रश्न 7. बेल्जियम में सामाजिक विविधताओं से उत्पन्न समस्याओं का समाधान कैसे किया गया?

उत्तर-सरकार ने व्याप्त विविधताओं को स्वीकार किया और संविधान में चार संशोधन किए।

केन्द्र सरकार में डच और फ्रेंच भाषी मंत्रियों की संख्या समान होगी।

राज्य सरकारें केन्द्रीय सरकारों के आधीन नही रहेगी।

सामुदायिक सरकार का निर्माण एक ही भाषा बोलने वाले लोग करेगें। इससे सभी के बीच सन्तलुन स्थापित हो गया।

 

प्रश्न 8. सामाजिक विविधताओं वाले शासन में सत्ता का बँटवारा किस प्रकार किया जा सकता है?

उत्तर-सत्ता का बटँवारा विभिन्न सामाजिक समूहों में भाषा और धार्मिक आधार पर किया जा सकता है।

आर्थिक रूप से कमजोर तथा महिलाओं को आरक्षण देकर सत्ता का बंटवारा किया जा सकता है।

अल्पसंख्यकों को भी उचित हिस्सेदारी देकर सन्तुष्ट किया जा सकता है। इस प्रकार समझदारी से सत्ता का उचित बँटवारा कर आपसी तालमेल ठीक किया जा सकता है।

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CIVICS 2- FEDERALISM-

प्रश्न 1. भारतीय संविधान में केंद्र और राज्यों के बीच शक्तियों का बँटवारा किस प्रकार किया गया है ?

उत्तर- संघ सूची - प्रतिरक्षा, विदेश, बँकिंग, संचार, मुद्रा आदि - राष्ट्रीय महत्व के विषय।

राज्य सूची - पुलिस, व्यापार, वाणिज्य, कृषि, सिंचाई - प्रान्तीय महत्च के विषय।

समवर्ती सूची - शिक्षा, वन, मजदूर संघ, विवाह, गोद लेना।

अवशिष्ट शक्तियाँ - वे विषय जो ऊपर के तीन सूचियों में नहीं हैं तथा जिन पर कानून बनाने का अधिकार केंद्र सरकार को है।

 

प्रश्न 2. 1992 के संविधान संशोधन द्वारा लोकतांत्रिक व्यवस्था में विकेन्द्रीकरण की प्रभावी बनाने के लिए क्या प्रयास किए गए हैं ?

उत्तर- स्थानीय निकायों के चुनाव नियमित रूप से कराना अनिवार्य है।

कम से कम एक तिहाई सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हैं।

हर राज्य में पंचायत और नगरपालिका चुनाव कराने के लिए राज्य चुनाव आयोग नामक स्वतंत्र संस्था का गठन किया गया है।

राज्य सरकारों को अपने राजस्व और अधिकारों का कुछ हिस्सा स्थानीय निकायों को देना पड़ा।

 

प्रश्न 3. संघवाद या संघीय शासन व्यवस्था क्या है ? इसकी विशेषताएँ लिखिए।

उत्तर- संघीय व्यवस्था में सत्ता केन्द्रीय सरकार और अन्य सरकारों में बंटी होती है।

संघीय व्यवस्था में दो या दो से अधिक स्तर की सरकारें होती हैं।

केंद्र सरकार राष्ट्रीय महत्व के विषयों पर कानून बनाती है और राज्य सरकारें राज्य से संबंधित विषयों पर।

दोनों स्तर की सरकारें अपने-अपने स्तर पर स्वतंत्र होकर अपना काम करती हैं।

केन्द्र तथा राजय सरकार के अधिकार क्षेत्र संविधान में स्पष्ट रूप से वर्णित हैं।

 

प्रश्न 4. एकात्मक और संघात्मक सरकारों के बीच अंतर स्पष्ट करें।

 

एकात्मक शासन व्यवस्था :-

संघात्मक शासन व्यवस्था :-

 

इसमें केन्द्र सरकार शक्तिशाली होती है।

इसमें केन्द्रीय सरकार अपेक्षाकृत कमजोर होती है।

 

इसके अंतर्गत संविधान संशोधन केन्द्र सरकार कर सकती है।

इसमें केन्द्र सरकार अकेले संविधान संशोधन नहीं कर सकती है।

 

शक्तियाँ एक जगह पर केंद्रित होती हैं।

शक्तियाँ कई स्तरों पर विभाजित होती हैं।

 

इसमें एक ही नागरिकता होती है।

कई संघीय व्यवस्था वाले देशों में दोहरी नागरिकता होती है।

 

केन्द्र सरकार राज्यों से शक्तियाँ ले सकती हैं।

दोनों स्तर की सरकारें अपने अधिकार क्षेत्र में स्वतंत्र होती हैं।

प्रश्न 5. भारत एक संघीय व्यवस्था वाला देश है इस तथ्य को साबित करने वाले मुख्य सिद्धांतों को लिखें|

उत्तर-

भारत में केन्द्र, राज्य और स्थानीय, तीन स्तरों पर सरकारें हैं।

भारत में एक लिखित एवं विस्तृत संविधान है।

प्रत्येक स्तर की सरकार के अधिकार क्षेत्र संविधान में स्पष्ट वणित हैं।

संविधान के मौलिक प्रावधानों को कोई एक स्तर की सरकार अकेले नहीं बदल सकती।

सर्वोच्च न्यायालय की संविधान की व्याख्या का अधिकार।

केन्द्र और राज्य सरकारों के बीच विधायी शक्तियों को संघ सूची, राज्य सूची और समवर्ती सूची में बांटा जाना।

वित्तीय स्वायतता के लिए केन्द्र और राज्य सरकारों के लिए अलगअलग स्रोत।

 

प्रश्न 6. संघीय व्यवस्था की चार विशेषताओं का वर्णन कीजिए?

उत्तर-

सरकार एक से अधिक प्रकार की होती है।

सत्ता का विभाजन होता है।

प्रत्येक सरकार का अपना क्षेत्राधिकार निश्चित होता है।

दोनों सरकारें एक ही नागरिक समूह पर शासन करती है।

 

प्रश्न 7. एकात्मक और संघात्मक सरकारों के बीच चार विभेद स्पष्ट कीजिए?

उत्तर-

संघात्मक सरकार में शक्तियों का विभाजन होता है।

एकात्मक सरकार में राज्य सरकार केन्द्र सरकार के अधीन होती है।

संघीय प्रणाली में राज्य सरकार के पास अपनी शक्तियां होती है तथा वह केन्द्र सरकार के प्रति जवाबदेह नही होती।

संघीय प्रणाली में संविधान के मौलिक प्रावधान केन्द्रीय विधायिका द्वारा एक पक्षीय रूप में परिवर्तित नही किये जा सकते लेकिन एकात्मक व्यवस्था में ऐसा सम्भव है।

 

प्रश्न 8. भारत की भाषा नीति की कोई चार विशेषताएँ लिखिए?

उत्तर-संविधान में किसी भी भाषा को राष्ट्रभाषा का दर्जा नही दिया गया है।

संविधान में 22 भाषाओं का अनुसूचित भाषा का दर्जा दिया गया है।

केन्द्र सरकार ने हिन्दी के साथ अंग्रेजी को राजकीय कामों में प्रयोग की अनुमति दे दी है।

हिन्दी को बढ़ावा देने की केन्द्र सरकार की नीति है लेकिन दूसरे राज्यों पर हिन्दी को थोपा नही जा सकता है।

 

प्रश्न 9. विकेन्द्रीकरण के क्या लाभ है? कोई तीन लाभ बताइए।

उत्तर-विकेन्द्रीकरण का अर्थ है - सत्ता का बँटवारा।

विकेन्द्रीकरण से तानाशाही प्रवृत्ति की समाप्ति होती है।

स्थानीय स्तर पर समस्याओं का समाधान हो जाता है।

प्रजातन्त्रिक मूल्यों को शक्ति मिलती है।

 

प्रश्न 10. भारत में पंचायती राज की तीन विशेषताओं का वर्णन कीजिए?

उत्तर-स्थानीय स्तर पर सरकारों का गठन

समस्याओं का स्थानीय स्तर पर निपटारा।

समय तथा धन की बचत

स्थानीय लोगों को अपनी जिम्मेदारी का अहसास और जागरूकता

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CIVICS 3- CAST RELIGION-

प्रश्न 1. जीवन में उन विभिन्न पहलुओं का जिक्र करें जिनमें भारत में स्त्रियों के साथ भेदभाव होता है।

उत्तर-महिलाओं के ऊपर पूरा घरेलू दायित्व।

पुरूषों का अत्यधिक नियंत्रण।

व्यवस्थापिकाओं में कम प्रतिनिधित्व।

कन्या भूण हत्या

स्त्री शिक्षा की कम महत्च । पारिश्रमिक वितरण में असमानता।

 

प्रश्न 2. भारत को एक धर्म निरपेक्ष राज्य बनाने वाले विभिन्न प्रावधान कौन-कौन से हैं ?

उत्तर-भारत का कोई राजकीय धर्म नहीं है।

भारत में सभी धर्मों को एक समान महत्व दिया गया है।

प्रत्येक नागरिक को अपनी इच्छानुसार किसी भी धर्म को अपनाने की स्वतंत्रता है। है।

भारतीय संविधान धार्मिक भेदभाव को असंवेधानिक घोषित करना है।

 

प्रश्न 3. साम्प्रदायिक राजनीति के विभिन्न रूपों का वर्णन करें।

उत्तर-कट्टर पंथी विचारधारा वाले लोग।/ धार्मिक आधार पर मतों का ध्रुवीकरण।

धर्म के आधार पर लोगों को चुनाव में प्रत्याशी घोषित करना।/ साम्प्रदायिक हिंसा और खून खराबा।

साम्प्रदायिक दिशा में राजनीति की गतिशीलता।

साम्प्रदायिकता के आधार पर राजनीतिक दलों का अलग-अलग खेमों में बँट जाना। जैसे- आयरलैंड में नेशलिस्ट और यूनियनिस्ट पार्टी।

 

प्रश्न 4. नारीवादी आांदोलन किस कहते हैं ? इसकी विशेषताओं और प्रभाव को बताइए ?

उत्तर- महिलाओं के राजनितिक और वैधानिक दर्जे ऊँचा उठाने, उनके लिए शिक्षा और रोजगार के अवसरों को बढ़ाने की माँग और रोजगार के जीवन में बराबरी की माँग करने वाले आदोलन को नारीवादी आदोलन

कहते हैं।

विशेषताएँ :-

यह आंदोलन महिलाओं के राजनैतिक अधिकार और सत्ता पर उनकी पकड़ की वकालत करता है।

इसमें महिलाओं को घर की चार-दीवारी के भीतर कैद रखने और घर के सभी कामों का बोझ डालने का विरोध सम्मिलित है।

यह पितृसत्तात्मक परिवार को मातृसत्तात्मक बनाने की ओर अग्रसर है।

महिलाओं की शिक्षा तथा देश के विभिन्न क्षेत्रों में उनके व्यवसाय, सेवा आदि का समर्थक है।

यह महिलाओं के हर प्रकार के शोषण का विरोध करता है।

 

प्रश्न 5. कौन से तीन प्रावधान भारत को धर्म निरपेक्ष देश बनाते है?

उत्तर- भारतीय संविधान ने किसी भी विशेष धर्म को राजकीय धर्म के रूप में स्वीकार नही किया।

भारतीय संविधान सभी नागरिकों और समुदायों के किसी भी धर्म का पालन करने और प्रचार करने का अधिकार देता है।

भारतीय संविधान धर्म पर आधारित भेदभाव को असंवैधानिक घोषित करता है।

 

प्रश्न 6. साम्प्रदायिकता और जातिवाद में क्या अन्तर है?

उत्तर- साम्प्रदायिकता-

जब एक सम्प्रदाय अपने को दूसरे सम्प्रदाय से श्रेष्ठ समझने लगता है।

जो लोकतंत्र के मार्ग में एक बड़ी बाधा उत्पन्न करती है।

जातिवाद-जातिवाद वह भावना है जिससे प्रेरित होकर ऊँची जाति के लोग निम्न जाति के लोगों का शोषण करते है।

इससे भी लोकतन्त्रीय शासन व्यवस्था और समाज प्रभावित होता है।

 

प्रश्न 7. साम्प्रदायिक राजनीति के विभिन्न रूपों का वर्णन करो?

उत्तर- कट्टर पन्थी विचारधारा वाले लोग

राजनीति में एक धार्मिक समाज की प्रधानता का प्रयास

साम्प्रदायिक दिशा में राजनीति की गतिशीलता

साम्प्रदायिक हिंसा और खून खराबा

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CIVICS -4- POLITICAL PARTIES-

प्रश्न 1. राजनीतिक दलों के कार्य लिखिए।

उत्तर- चुनाव लड़ना/ कानून बनाना/ सरकार बनाना व चलाना/ विपक्ष की भूमिका/ जनमत का निर्माण

 

प्रश्न 2. राष्ट्रीय राजनीतिक दल और प्रांतीय दलों में अंतर स्पष्ट करें।

उत्तर- प्रांतीय राजनीतिक दल :- जब किसी दल की किसी राज्य विधान सभा चुनाव की कुल मतों का कम से कम 6 प्रतिशत मत प्राप्त होता है अथवा वह कम से कम दो सीटों पर विजयी होता है तो उसे प्रांतीय राजनीतिक दल कहते हैं।

राष्ट्रीय राजनीतिक दल - जब किसी दल को लोकसभा चुनाव में किन्हीं चार राज्यों की विधान सभा चुनाव में कुल वैध मतों का कम से कम 6 प्रतिशत मत प्राप्त होता है और चार लोकसभा सीटें जीत ले तो उसे राष्ट्रीय राजनीतिक दल कहते है।

 

प्रश्न 3. विभिन्न प्रकार की दलीय व्यवस्था का उल्लेख करें।

उत्तर-एक दलीय प्रणाली - देश में केवल एक दल को ही सरकार बनाने की अनुमति होती है। जैसे-चीन।

दो दलीय प्रणाली - देश में दो दलों को मान्यता प्राप्त होती है। जैसे ब्रिटेन तथा अमेरिका।

बहुदलीय प्रणाली - देश में दो से अधिक दलों की व्यवस्था होती है। जैसे - भारत और फ्रांस।

 

प्रश्न 4. वर्तमान में राजनीतिक दलों के समक्ष चुनौतियों की व्याख्या करें।

उत्तर-आतरिक लोकतंत्र का अभाव।/ वंशवादी उत्तराधिकार।

धन एवं बल का प्रयोग।/ सार्थक विकल्प का अभाव।

दल के सामान्य सदस्यों की उपेक्षा।

 

प्रश्न 5. राजनीतिक दलों एवं नेताओं को सुधारने के लिए सरकार द्वारा किये गये प्रयासों का उल्लेख कीजिए।

उत्तर-दल परिवर्तन पर नियन्त्रण (दल-बदल विरोधी कानून द्वारा)

दल बदल करने पर अपनी सीट खोनी पड़ती है।

सम्पति की घोषणा करना।

आपराधिक मामले से सम्बन्धित शपथ-पत्र दायर करना अनिवार्य तौर पर।

आयकर का रिटन भरना भी जरूरी बना दिया है।

 

प्रश्न 6. राजनीतिक पार्टियां जनमत का निर्माण कैसे करती है?

उत्तर-सार्वजनिक मुद्दो को उठाना और उन पर बहस करना।

कार्यकर्ताओं से सम्पर्क स्थापित करना।

लोगों की समस्याओं को लेकर आंदोलन करना।

समाज के लोगों के सामने अपनी राय रखना।

 

प्रश्न 7. राजनीतिक दलों की दशा तय करने में चुनाव आयोग की भूमिका की व्याख्या करो?

उत्तर-राजनीतिक दलों का पंजीकरण चुनाव आयोग द्वारा किया जाता है।

चुनाव आयोग पंजीकृत दल केा एक चुनाव चिन्ह प्रदान करता है।

जब किसी दल को किसी राज्य विधान सभा चुनाव की कुल मतों का कम से कम 6 प्रतिशत मत प्राप्त होता है अथवा वह कम से कम दो सीटों पर विजयी होता है तो उसे राज्य स्तरीय राजनीतिक दल के रूप में मान्यता प्राप्त होती है।

जब किसी दल को लोकसभा चुनाव या किन्ही चार राज्यों की विधान सभा चुनाव में कुल वैध मतों का कम से कम 6 प्रतिशत मत प्राप्त होता है तो उसे राष्ट्रीय दल के रूप में मान्यता प्राप्त होती है।

प्रश्न 8. राजनीतिक दलों द्वारा वर्तमान में सामना की जा रही चुनौतियों की व्याख्या करो?

उत्तर-आंतरिक लोकतन्त्र का अभाव

वंशवादी उतराधिकार

धन एवं बल का प्रयोग

सार्थक विकल्प का अभाव

 

प्रश्न 9. भारत में राजनीतिक दलों में आंतरिक लोकतन्त्र की कमी क्यो है?

उत्तर-कुछ नेताओं के हाथ में ज्यादा ताकत का होना।

सामान्य कार्यकर्ता गतिविधियों से अनजान रहता है।

पार्टी के नाम पर फैसला कुछ शीर्ष नेता ही करते है।

पार्टी के शीर्ष नेताओं के प्रति निष्ठा ज्यादा महत्वपूर्ण।

 

प्रश्न 10. किसी भी राजनीतिक दल के गुणों का उल्लेख करो?

उत्तर-साथ मिलकर चुनाव लड़ना।

समाज के सामुहिक हितो के लिये नितियां तथा कार्यक्रम होते है।

वे समाज के मौलिक राजनीतिक विभाजन को परिलक्षित करते है।

उनकी पहचान इससे होती है कि वे समाज के किस हिस्से के लिये खड़े है वे किन नीतियों का समर्थन करते है तथा वे किन के हितों की देखभाल करते है।

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ECO- 1- DEVELOPMENT

प्रश्न 1. ‘विकास के लक्ष्य भिन्न-भिन्न होते हैं और कभी-कभी ये परस्पर विरोधी भी हो सकते है”, इस कथन को स्पष्ट करो।

उत्तर- प्रत्येक व्यक्ति या समूह के विकास के लक्ष्य भिन्न भिन्न हो सकते हैं और कई बार इनकी प्रकृति परस्पर विपरीत भी हो सकती है। एक के लिए विकास का लक्ष्य दूसरे के लिए विनाश का कारण भी बन सकता है। उदाहरण- नदी पर बाँध बनाना, वहाँ के किसानों के विस्थापन का कारण बन सकता है।

 

प्रश्न 2. एक विकासशील और विकसित देश की मुख्य विशेषताएँ क्या होती हैं ?

 

विकसित देश :-

विकासशील देश :-

 

नई तकनीक व विकसित उद्योग।

औद्योगिक रूप से पिछड़े हुए।

 

2. उच्च स्तरीय रहन-सहन

निम्न रहन-सहन

 

उच्च प्रति व्यक्ति अाय

निम्न प्रति व्यक्ति आय।

 

साक्षरता दर उच्च।

साक्षरता दर निम्न

 

प्रश्न 3. आय के अतिरिक्त और कौन से कारक हैं जो हमारे जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

उत्तर- आय के अतिरिक्त  बेहतर जीवन के लिए परिवार, रोजगार, मित्रता, सुरक्षा व समानता की भावना, शांतिपूर्ण माहौल आदि भी महत्वपूर्ण हैं। क्योंकि मुद्रा से केवल भौतिक वस्तुएँ ही खरीदी जा सकती हैं।            

 

प्रश्न 4. निम्नलिखित को स्पष्ट कीजिए

शिशु मृत्यु दर/ निवल उपस्थिति अनुपात/ साक्षरता दर

शिशु मृत्यु दर किसी वर्ष में पैदा हुए 1000 जीवित बच्चों में से एक वर्ष की आयु से पूर्व मरने वाले शिशुओं का अनुपात।

निवल उपस्थिति अनुपात – 6–10 वर्ष की आयु के स्कूल जाने वाले कुल बच्चों का उस आयु वर्ग के कुल बच्चों के साथ प्रतिशत/अनुपात।

किसी देश अथवा राज्य की साक्षरता दर वहाँ के कुल लोगों की जनसँख्या व पढ़े लिखे लोगों के अनुपात को कहा जाता है। अधिकाँश यह प्रतिशत में दर्शाया जाता है। परन्तु कभी कभी इसे प्रति-कोटि (हर हज़ार पर) भी दिखाया जाता है।

 

प्रश्न 5. विकास की धारणीयता से क्या मतलब है? जल के उदाहरण की मदद से समझाइए?

उत्तर- देश या विश्व का विकास होता है बल्कि भविष्य में भी भावी पीढ़ी के लिए स्तर बना रहे।

उदाहरण-

भूमिगत जल एक प्राकृतिक संसाधन है।

यह नवीकरणीय योग्य संसाधन है।

इसका उपयोग सही प्रकार से करे जिससे भावी पीढ़ी भी उपयोग कर सके।

जल की गुणवत्ता को नही घटने देना चाहिए।

 

प्रश्न 6. एक विकासशील देश का विकसित देश के साथ तुलना के लिए आधारभूत मापदण्ड क्या है?

उत्तर-राष्ट्रीय आय

प्रतिव्यक्ति आय/औसत आय

मानव विकास सूचकांक

 

प्रश्न 7. विकास क्या होता है? विकास के दो पहलू क्या है?

उत्तर- विकास, जीवन में प्रगति एवं सुधार को बतलाता है।

विकास के पहलू-अलग-अलग लोगों के विकास के लक्ष्य भिन्न हो सकते है।

एक के लिए विकास परन्तु दूसरे के लिए नही।

उदाहरण उद्योगपति बिजली पाने के लिए अधिक बांध चाहते है परन्तु इससे किसानों के मकान व खेती की जमीन जलमग्न हो सकती है।

 

प्रश्न 8. मध्यपूर्ण के देशों की प्रतिव्यक्ति आय अधिक होने के बावजूद भी उन्हें विकसित क्यों नही कहा जाता है?

उत्तर- ये विकसित देश नही कहा जा सकता इनका विकास का प्रदर्शन निम्नतर है।

अधिकांश देशों मे बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता नही है।

पुरूषों और महिलाओं के साथ समान व्यवहार नही

एक धर्म के लोगों के साथ भेदभाव होना

साक्षरता दर निम्न होता है।

लोगों के बीच असमानताएं

स्वास्थ्य सूचक अच्छे नही

 

प्रश्न 9. प्रति व्यक्ति आय तथा मानव विकास सूचकांक की अवधारणाओं की व्याख्या कीजिए।

उत्तर- देश के विकास के स्तर का मूल्यांकन करने के लिए दो मापदंड

मानव विकास सूचकांक तथा

प्रति व्यक्ति आय

एचडीआई शैक्षिणक स्तर सूचक स्वास्थय स्थिति सूचक तथा प्रति व्यक्ति आय का औसत है।

प्रति व्यक्ति आय देश की औसत आय है जो देश की कुल आय को कुल जनसंख्या से भाग देकर निकाली जाती है।

 

प्रश्न 10. विकास की किन्ही तीन विशेषताओं का वर्णन कीजिए।

उत्तर- विशेषताएँ-

विकास लक्ष्यों का मिश्रण है।

सुरक्षा, समानता, शिक्षा स्वास्थ्य की आंकाक्षा

देश के विकास के विषय में विभिन्न लोगों की धारणाएं भिन्न परस्पर विरोधी हो सकती है।

अलग-अलग लोगों के विकास के लक्ष्य अलग-अलग हो सकते है।

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ECO- SECTORS

प्रश्न 1. असंगठित क्षेत्रक में मज़दूरों के सामने आने वाली कठिनाइयों का वर्णन कीजिए।

उत्तर-

यह क्षेत्रक सरकारी नियमों व विनियमों को नहीं मानता।

न्यूनतम वेतन मिलता है।

रोजगार की अवधि व कार्य समय सीमा निश्चित नहीं होती।

किसी प्रकार की छुट्टी या लाभ का प्रावधान नहीं होता।

निश्चित कार्य क्षेत्र व अच्छी सेवा सुविधाएँ उपलब्ध नहीं होता।

 

प्रश्न 2. राष्ट्रीय रोजगार गारन्टी अधिनियम के तीन प्रावधान बताइए।

उत्तर-

राष्ट्रीय गारन्टी योजना के अन्तगत 100 दिनों के रोज़गार की गारन्टी।

रोजगार न मिलने या कम मिलने पर बेरोज़गारी भत्ता दिया जाना।

अपने गाँव या आस-पास के क्षेत्र में ही कार्य स्थल होना।

 

प्रश्न 3. ‘यद्यपि आर्थिक गतिविधियों को प्राथमिक, द्वितीयक व तृतीयक क्षेत्रकों में विभाजित किया गया है लेकिन वे परस्पर एक दूसरे पर निर्भर हैंइस कथन को स्पष्ट कीजिए।

उत्तर- यह कथन पूर्णत: सत्य है क्योंकि :-

प्राथमिक क्षेत्रक को उत्पादन बढ़ाने व वितरण के लिए नई तकनीकों व परिवहन की आवश्यकता होती है।

विनिर्माण उद्योगों के लिए कच्चा माल प्राथमिक क्षेत्रक से ही प्राप्त होता है।

 प्राथमिक व द्वितीयक क्षेत्रक की सहायता से ही सेवा क्षेत्रक में नए-नए रोज़गार के अवसर प्राप्त होते है। जैसे- भंडारण, बैंकिग, यातायात अादि।

तीनों क्षेत्रक परस्पर निर्भर हैं, किसी एक की भी अनुपस्थिति का अन्य दोनों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

 

प्रश्न 4. छिपी हुई बेरोजगारी क्या है? ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में इसका एक-एक उदाहरण दीजिए।

उत्तर- जब लोग प्रत्यक्ष रूप से कार्यरत होते हैं परन्तु वास्तव में बेरोजगार होते हैं अर्थात् एक ही काम में जरूरत से ज्यादा लोग लगे होते हैं, उसे प्रचछन्न बेरोजगारी कहते हैं उदाहरण- ग्रामीण क्षेत्र में चार व्यक्तियों की आवश्यकता वाले खेत में परिवार के अधिक व्यक्ति लगे हुए हैं। शहरी क्षेत्र में किसी दुकान पर 2 की आवश्यकता के स्थान पर तीन व्यक्ति कार्य कर रहें हों। शहरी क्षेत्र में एक व्यक्ति के पास कपड़े की एक छोटी सी दुकान है। उसमें एक व्यक्ति की जरूरत है परंतु दो लोग काम में लगे हुए हैं।

 

प्रश्न 5. संगठित व असंगठित क्षेत्रकों में रोजगार की परिस्थितियों में अंतर का वर्णन कीजिए?

 

संगठित क्षेत्र

असंगठित क्षेत्र

 

(1) अधिक वेतन मिलना।

(1) कम वेतन मिलना।

 

(2) नौकरी सुरक्षित।

(2) नौकरी सुरक्षित नही।

 

(3) कार्य स्थिति अच्छी होती है।

(3) कार्य स्थिति निम्न होती है

 

(4) काम के घंटे निश्चित।

(4) काम के घन्टो की सीमा निर्धारित नहीं।

 

(5) कर्मचारियों को योजना का लाभ मिलता है।

(5) इन्हें योजना का लाभ नही मिलता है।

 

प्रश्न 6. असंगठित क्षेत्रक में मजदूरों के समझ आने वाली समस्याओं का वर्णन कीजिए?

उत्तर-यह क्षेत्रक सरकारी नियम एवं विनियमों को नही मानता है।

इसमे बहुत से लोग अपने-अपने छोटे कार्य सड़को पर विक्रय करते है।

निम्न वेतन मिलना

मजदूरी तय नही होती तथा रोजगार भी नियमित नही होता

यहाँ अतिरिक्त समय मे काम करने से वेतन छुट्टी अवकाश और बीमारी के कारण छुट्टी का प्रावधान नही

नौकरी असुरक्षित होती हैं।

प्रश्न 7. प्रच्छन्न (छुपी हुई) बेरोजगारी से क्या अभिप्राय है? ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों से उदाहरण दीजिए जहां इस प्रकार की बेरोजगारी है?

उत्तर-लोग प्रत्यक्षत कार्यरत होते है मगर वास्तव में बेरोजगार होते है। एक ही काम पर जरूरत से ज्यादा लोग लगे रहते है।

यह सामान्यतः ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि क्षेत्रक में पाया जाता है।

शहरी क्षेत्रों में एक दुकान को परिवार के चार सदस्य चलाते है जहाँ दो के कार्य की आवश्यकता है।

 

प्रश्न 8. सार्वजनिक क्षेत्रक तथा निजी क्षेत्रक में अंतर लिखिए।

उत्तर-

 

सार्वजनिक क्षेत्रक

निजी क्षेत्रक

 

(1) अधिकांश परिसंपत्तियों पर सरकार का नियंत्रण

(1) निजी स्वामित्व

 

(2) सभी सेवाएँ सरकार उपलब्ध कराती है।

(2) एक व्यक्ति या कम्पनी के हाथों में होती है।

 

(3) सार्वजनिक क्षेत्र की गतिविधियाँ पूरे देश में की जाती है।

(3) ये केवल लाभ कमाने के लिए की जाती है।

 

(4) श्रमिक रोजगार सुरक्षित

(4) श्रमिकों का रोजगार असुरक्षित

 

प्रश्न 9. राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गांरटी 2005 अधिनियम के तीन प्रावधान बताइए।

उत्तर-

सरकार द्वारा वर्ष में 100 दिन के रोजगार की गांरटी

काम उपलब्ध न होने की स्थिति में बेरोजगारी भत्ता देना।

ग्रामीण क्षेत्रों में वरीयता देना

भविष्य में भूमि से उत्पादन बढ़ाने में मदद करने वालो को मदद

प्रश्न 10. प्राथमिक क्षेत्रक से आप क्या समझते है? इस क्षेत्रक के किन्ही चार गतिविधियों को सूचीबद्ध करे।

उत्तर-

प्राकृतिक संसाधनों के प्रत्यक्ष उपयोग पर आधारित अनेक गतिविधियों केा प्राथमिक क्षेत्रक होता है।

इसमें प्राकृतिक वस्तु का उत्पादन होता है।

उदाहरण - कृषि, डेयरी, मत्स्यन, वानिकी

 

प्रश्न 11. सकल घरेलू उत्पाद (जी. डी. पी.) किसे कहते है? भारत में इसे नापने का कार्य किस संगठन द्वारा किया जाता है?

उत्तर- सकल घरेलू उत्पाद किसी देश के भीतर किसी वर्ष में प्रत्येक क्षेत्रक द्वारा उत्पादित अन्तिम वस्तुओं और सेवाओं का मूल्य।

उस वर्ष में क्षेत्रक के कुल उत्पादन की जानकारी प्रदान करता है।

मापन का कार्य केन्द्र सरकार तथा राज्य सरकारें करती है।

 

प्रश्न 12. भारत में तृतीयक क्षेत्रक को इतना महत्वपूर्ण बनाने के लिए उत्तरदायी किन्ही तीन कारको को बताइए?

उत्तर- अनेक सेवाओं - अस्पताल, शैक्षिक संस्थाएं, डाक एवं तार रक्षा, परिवहन आदि की आवश्यकता

कृषि एवं उद्याोग के विकास हेतु अनेक सेवाओ की आवश्यकता होती है।

जैसे-जैसे आय बढ़ती है। कुछ लोग अन्य कई सेवाओं की मांग शुरू कर देते है।

कुछ नई सेवाएं जैसे संचार एवं प्रौद्योगिकी पर आधारित सेवाएं

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ECO- MONEY & CREDIT

प्रश्न 1. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया, क्या-क्या कार्य करता है ?

उत्तर-सरकार की ओर से मुद्रा जारी करता है।

बैंको व समितियों की कार्य प्रणाली पर नज़र रखता है।

ब्याज की दरों व ऋण की शताँ पर निगरानी रखता है।

बैंक कितना नकद शेष अपने पास रखे हुए हैं इसकी सूचना रखता है।

ऋण किस प्रकार वितरित किये जा रहे हैं इस पर नज़र रखता है।

 

प्रश्न 2. समर्थक ऋणाधार क्या है ? उदाहरण सहित बताओ।

उत्तर- उधार दाता, उधार प्राप्तकर्ता से समर्थक ऋणाधार के रूप में परिसम्पतियों की माँग करता है जिन्हें बेचकर वह अपनी ऋण राशी की ऐसी वसूली कर सके। ये परिसम्पत्तियाँ ही समर्थक ऋणाधार कहलाती हैं। उदाहरण:- कृषि भूमि, जेवर, मकान, पशुधन, बैंक जमा आदि।

 

प्रश्न 3. वस्तु विनिमय प्रणाली की कोई तीन सीमाएँ बताइये ?

उत्तर-1) वस्तु विनिमय के लिए दोहरे संयोग की शर्त का पूरा होना आवश्यक |

2) धन या मूल्य के संचयन में कठिनाई।

3) अविभाज्य वस्तुओं का विनिमय कठिन।

4) वस्तुओं को भविष्य में प्रयोग के लिए संग्रहित करना (लम्बे समय तक) कठिन।

5) सेवाओं का मूल्य निर्धारण व विनिमय में कठिनाई।

 

प्रश्न 4. ऋण की शर्त किसे कहा जाता है ? यह किस प्रकार भिन्न हो सकती है ?

उत्तर- ब्याज दर, समर्थक ऋणाधार, आवश्यक कागजात और भुगतान के तरीकों को सम्मिलित रूप से "ऋण की शर्ते कहा जाता है। ऋण की शर्ते विभिन्न व्यक्तियों या समूहों के लिए अलग अलग हो सकती है।

 

प्रश्न 5. भारत में औपचारिक ऋण क्षेत्रक को विस्तृत करना क्यों आवश्यक है ?

उत्तर- अनौपचारिक स्रोतों से ऋण प्राप्ति आसान होती है परन्तु शोषण अधिक होता है।

ब्याज की दरे अनिश्चित व उच्च होती है।

गरीब, अशिक्षित लोग आसानी से ऋण जाल में फंस जाते हैं।

ग्रामीण क्षेत्रों में साहूकारों पर निर्भरता कम करने के लिए।

छोटे कर्जदारों को आसानी से ऋण उपलब्ध करवाने के लिए।

 

प्रश्न 6. मुद्रा का अर्थ तथा कार्य का वर्णन कीजिए।

उत्तर- मुद्रा विनिमय के माध्यम के रूप में स्वीकार की जाती है जैसे - नोट, सिक्के।

कार्य- मूल्य का मापन करना/ मूल्य का संचय/ स्थगित भुगतान का मान/ साख का आधार/ यह राष्ट्रीय आय का वितरण करती है।/ यह तरलता प्रदान करती है।

 

प्रश्न 7. साख के औपचारिक क्षेत्र तथा अनौपचारिक क्षेत्र की विशेषताएं बताइएं?

 

साख के औपचारिक क्षेत्र

साख के अनौपचारिक क्षेत्र

 

(1) बैंक, सहकारी समितियां

(1) महाजन, साहूकार, व्यापारी, नियोक्ता मित्र, रिश्तेदार

 

(2) ब्याज दर कम

(2) ब्याज दर अधिक

 

(3) इसमें उधार लेने वाले का शोषण नही होता

(3) इसमें उधार लेने वाले का शोषण होता है

 

प्रश्न 8. ग्रामीण क्षेत्र में साख के कौन से स्रोत है? उनमें से कौन-सा साख का सुविधाजनक स्रोत है?

उत्तर- औपचारिक स्रोत- बैंक सहकारी समितियां

अनौपचारिक स्रोत- साहूकार, महाजन रिश्तेदार सुविधाजनक स्रोत

अनौपचारिक स्रोत इसके कारण निम्न है:-

अनौपचारिक स्रोत से ऋण मिलना सरल है। जरूरत के समय तत्काल मिल जाता है।

इसमें औपचारिक स्रोत की अपेक्षा ऋण लेते समय कम गांरटी की आवश्यकता होती है।

 

प्रश्न 9. हमें भारत में ऋण के औपचारिक स्रोतों को बढ़ाने की आवश्यकता क्यो है?

उत्तर-अन औपचारिक स्रोत से ऋण लेने पर अधिक ब्याज लेते है।

औपचारिक ऋण दाता को अनौपचारिक ऋण दाता की अपेक्षा ज्यादा फायदा होता है।

अनौपचारिक ऋण उधारदाता से अधिक ब्याज लेते है। जिससे यह कर्ज बहुत महंगा पड़ता है।

 

प्रश्न 10. वस्तु विनिमय प्रणाली की कोई तीन सीमाएं बताइएँ?

उत्तर-वस्तु विनिमय तभी संभव है जब आवश्यकता का दोहरा संयोग पाया जाए

वस्तु विनिमय प्रणाली में धन या मूल्य के संचय में कठिनाई होती है।

कुछ वस्तुएँ अविभाज्य होती है अतः कुछ आवश्यकताएँ पूरी नही की जा सकती।

वस्तुओं का भंडारण लंबे समय के लिए नही किया जा सकता।

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ECO- GLOBALISATION

प्रश्न 1. राष्ट्रीय कपनियाँ किस प्रकार उत्पादन पर नियंत्रण रखती हैं ?

उत्तर- उत्पादन पर नियंत्रण करने की विधियाँ

1) संयुक्त उपक्रम विधि

2) स्थानीय कम्पनियों को खरीदना।

3) छोटे उत्पादकों से माल खरीदना।

4) अपने ब्रांड का इस्तेमाल करके।     

 

प्रश्न 2. किन कारणों से भारत में आर्थिक सुधार की आवश्यकता पड़ी?

उत्तर- 1) राजकोषीय घाटे में वृद्धि

2) प्रतिकूल भुगतान संतुलन में वृद्रि

3) विदेशी मुद्रा भंडार में कमी

4) कीमतों में वृद्धि

5) सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों का कार्य संतोषजनक न होना।

6) भारतीय कम्पनियों को प्रतिस्पर्धा के लिए तेयार करना।

 

प्रश्न 3. भारत सरकार ने स्वतंत्रता के पश्चात विदेश व्यापार और विदेशी विनिमय पर अवरोधक क्यों लगाए?

उत्तर-

विदेशी प्रतिस्पर्धा से देश के उत्पादकों की रक्षा करना।

स्वतंत्रता से पहले अंग्रेजी ने भारतीय उद्योग धन्धों को चौपट कर दिया था। स्वतंत्रता के बाद यहाँ भारतीय उद्योग स्थापित किए गए। उद्योगों के विकास के लिए विदेशी व्यापार पर रोक आवश्यक थी।

स्वतंत्रता के बाद भारत 562 टुकड़ों में बंटा हुआ था। यहाँ परिवहन तथा संचार के साधन अस्त व्यस्त थे।

स्वतंत्रता के शुरूआती वर्षों में भारत के वैदेशिक संबंध इतने सुदृढ़ नहीं बन पाए थे कि विश्व के अन्य देशों के साथ व्यापार विकसित हो सके।

 

प्रश्न 4. विश्व व्यापार संगठन क्या है ? इसके क्या कार्य हैं? क्या यह वास्तव में अपने कार्यों को पूरा कर रहा है?

विश्व व्यापार संगठन (डब्लू टी ओ) एक ऐसा संगठनहै जिसका उद्देश्य अन्तरांगाष्ट्रीय व्यापार की उदार बनाना और मुक्त व्यापार की सुविधा देना है।

कार्य : विश्व व्यापार संगठन अंतराष्ट्रीय व्यापार से संबंधित नियमों को निर्धारित करता है और यह देखता है कि इन नियमों का पालन हो रहा है अथवा नहीं।

वास्तविकता विकसित देशों ने अनुचित ढंग से व्यापार अवरोध को बरकरार रखा है। दूसरी ओर विश्व व्यापार संगठन के नियमों ने विकासशील देशों को व्यापार अवरोधों को हटाने के लिए विवश किया है।

 

प्रश्न 5. विदेशी व्यापार और विदेशी निवेश में अंतर स्पष्ट करें।

विदेशी व्यापार :- विदेशों से वस्तुओं को खरीदने और बेचने को विदेशी व्यापार कहते हैं।

विदेशी निवेश :- अधिक लाभ कमाने के उद्देश्य से जब बहुराष्ट्रीय कपनियाँ मेजबान देश में धन से उत्पादन इकाई की स्थापना करती है, उसे विदेशी निवेश कहते हैं।

इसके अन्तर्गत आयात और नियति की दोनों प्रक्रियाएँ शामिल होती हैं। विदेशी निवेश में बहुराष्ट्रीय कपनियों द्वारा किया गया पूँजी निवेश आता है।

प्रश्न 6. विदेशी निवेश आकर्षित करने के लिए क्या कदम उठाए गए है ?

औद्योगिक क्षेत्रों जिन्हें विशेष आर्थिक क्षेत्र कहा जाता है की स्थापना की जा रही है।

विशेष आर्थिक क्षेत्रों में विश्व स्तरीय सुविधाएँ, बिजली, पानी, सड़क, परिवहन, भण्डारण, मनोरंजन और शैक्षिक सुविधाएँ उपलब्ध कराई जा रही हैं।

विशेष आर्थिक क्षेत्र में उत्पादन इकाइयाँ स्थापित करने वाली कंपनियों को आरंभिक पाँच वर्षों तक कोई कर नहीं देना पड़ता है |

विदेशी निवेश आकर्षित करने हेतु सरकार ने श्रम-कानूनों में लचीलापन लाने की अनुमति दे दी है।

 

प्रश्न 7. भारत सरकार ने स्वतंत्रता के पश्चात विदेश व्यापर और विदेशी विनिमय पर अवरोधक क्यों लगाए?

उत्तर-विदेशी प्रतिस्पर्धा से देश के उत्पादकों की रक्षा करना।

स्वतंत्रता से पहले अंग्रेजो ने भारतीय उद्योग धन्धों को चौपट कर दिया था। स्वतंत्रता के बाद यहाँ भारतीय उद्योग स्थापित किए गए उद्योगों के विकास के लिए विदेशी व्यापार पर रोक आवश्यक थी।

स्वतंत्रता के बाद भारत 562 टुकड़ों में बँटा हुआ था। यहाँ परिवहन तथा संचार के साधन अस्त व्यस्त स्थिति में थे।

स्वतंत्रता के शुरूआती वर्षो में भारत के वैदेशिक संबंध इतने सुदृढ़ नहीं बन पाए थे कि विश्व के अन्य देशोकं के साथ व्यापार विकसित हो सके।

 

प्रश्न 8. वैश्वीकरण की प्रक्रिया को प्रोत्साहित करने मे प्रौद्योगिकी की भूमिका समझाएं?

उत्तर- परिवहन तकनीक में कई सुधारों में दूर-दूर स्थानों पर कम लागत पर वस्तुओं को भेजना संभव बनाया है।

सूचना प्रौद्योगिकी में सुधार से विभिन्न देश आपस में जुड़कर तुरंत सूचना प्राप्त कर लेते है।

इंटरनेट टैक्नालोजी से व्यापार में गति आई है।

 

प्रश्न 9. बहुराष्ट्रीय कम्पनियां किस प्रकार उत्पादन पर नियंत्रण करती है? कोई तीन बिन्दु समझाएं।

उत्तर- उत्पादन पर नियंत्रण करने की विधियाँ

संयुक्त उपक्रम विधि

स्थानीय कम्पनियों को क्रय करना

छोटे उत्पादकों से माल खरीदना

…Social Science Capsule  …………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………….

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M. PRASAD
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