पंचायती राज व्यवस्था
भारत में "पंचायती राज" शब्द से तात्पर्य है - स्थानीय स्वशासन प्रणाली से । यह भारत के सभी राज्यों में "ग्रामीण विकास " और " राजनीतिक जागरूकता" के उद्वेश्य से स्थापित किया गया ।
* भारतीय संविधान के अनुच्छेद 40 में कहा गया है कि " ग्राम पंचायतों को गठित करने के लिए राज्य कदम उठाएगा और उन्हें उन आवश्यक शक्तियों और अधिकारों से विभूषित करेगा जिससे कि वे स्वशासन की इकाई की तरह कार्य करेगा । यह अनुच्छेद राज्य के नीति निदेशक तत्व का हिस्सा है ।"
* 1992 के 73वें संविधान संशोधन अधिनियम द्वारा इसे संविधान में शामिल किया गया ।
* पंचायती राज का आरम्भ 2 अक्टूबर 1959 ई0 को राजस्थान के नागौर जिला से तत्कालीन प्रधानमंत्री प0 जवाहरलाल नेहरू के द्वारा किया गया ।
* 11 अक्टूबर 1959 ई0 को आंध्र प्रदेश लागू किया ।
* पंचायती राजव्यवस्था में सुधार हेतु गठित समितियां
बलवन्त राय मेहता समिति -1957
अशोक मेहता समिति - 1977
जी0 वी0 के0 राव समिति - 1985
एल0 एम0 सिंघवी समिति - 1986
थुंगन समिति - 1988
64वां संविधान संशोधन- 1989
73वां संविधान संशोधन - 1992
* 1992 के 73वें संविधान संशोधन अधिनियम द्वारा इसे संविधान में शामिल किया गया ।
* पंचायती राज का आरम्भ 2 अक्टूबर 1959 ई0 को राजस्थान के नागौर जिला से तत्कालीन प्रधानमंत्री प0 जवाहरलाल नेहरू के द्वारा किया गया ।
* 11 अक्टूबर 1959 ई0 को आंध्र प्रदेश लागू किया ।
* पंचायती राजव्यवस्था में सुधार हेतु गठित समितियां
बलवन्त राय मेहता समिति -1957
अशोक मेहता समिति - 1977
जी0 वी0 के0 राव समिति - 1985
एल0 एम0 सिंघवी समिति - 1986
थुंगन समिति - 1988
64वां संविधान संशोधन- 1989
73वां संविधान संशोधन - 1992
* 73वां संविधान संशोधन पंचायती राज से जुड़ा है । इसके द्वारा संविधान के भाग -9 , अनुच्छेद -243 (क से ण तक ) तथा अनुसूचि - 11 का प्रावधान किया गया ।
73 वां संविधान संशोधन के मुख्य विशेषता:-
1. पंचायती राज त्रिस्तरीय ढांचे के रूप में होगा । ग्राम स्तर पर राम पंचायते , प्रखंड स्तर पर पंचायत समिति , तथा जिला स्तर पर जिला परिषद के गठन का प्रावधान है ।
* पंचायती राज का एक तिहाई हिस्सा महिलाओं के लिए आरक्षित होगा ।
* इसका कार्यकाल 5 वर्ष का होगा ।
* राज्य के संचित निधि से अनुदान देने की व्यवस्था की गई है ।
* अनुसूचित जाति , अनुसूचित जनजाति तथा पिछड़ी जाति के लिए सीटें आरक्षित है ।
* राज्य में पंचायत और नगरपालिका का चुनाव कराने के लिए राज्य चुनाव आयोग नामक स्वतन्त्र संस्था का गठन किया गया ।
* 74वां संविधान संशोधन नगरपालिका से सम्बंधित है जो संविधान के भाग-9 क , अनुच्छेद - 243 ( त से य तक ) एवं 12वीं अनुसूचि में प्रावधान किया गया है ।
मुख्य प्रावधान:-
* नगरपालिकाएं तीन स्तर की होगी ।
1. नगर पंचायत - ऐसा ग्रामीण क्षेत्र जो नगर क्षेत्र में परिवर्तित हो रहा हो ।
2. नगर परिषद - छोटे नगर क्षेत्र के लिए
3. नगर निगम - बड़े नगर क्षेत्र के लिए
* महिलाओं के 1/3 सीटें आरक्षित है ।
* अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए सीटें आरक्षित है ।
* कार्यकाल 5 वर्षों का होगा ।
73 वां संविधान संशोधन के मुख्य विशेषता:-
1. पंचायती राज त्रिस्तरीय ढांचे के रूप में होगा । ग्राम स्तर पर राम पंचायते , प्रखंड स्तर पर पंचायत समिति , तथा जिला स्तर पर जिला परिषद के गठन का प्रावधान है ।
* पंचायती राज का एक तिहाई हिस्सा महिलाओं के लिए आरक्षित होगा ।
* इसका कार्यकाल 5 वर्ष का होगा ।
* राज्य के संचित निधि से अनुदान देने की व्यवस्था की गई है ।
* अनुसूचित जाति , अनुसूचित जनजाति तथा पिछड़ी जाति के लिए सीटें आरक्षित है ।
* राज्य में पंचायत और नगरपालिका का चुनाव कराने के लिए राज्य चुनाव आयोग नामक स्वतन्त्र संस्था का गठन किया गया ।
* 74वां संविधान संशोधन नगरपालिका से सम्बंधित है जो संविधान के भाग-9 क , अनुच्छेद - 243 ( त से य तक ) एवं 12वीं अनुसूचि में प्रावधान किया गया है ।
मुख्य प्रावधान:-
* नगरपालिकाएं तीन स्तर की होगी ।
1. नगर पंचायत - ऐसा ग्रामीण क्षेत्र जो नगर क्षेत्र में परिवर्तित हो रहा हो ।
2. नगर परिषद - छोटे नगर क्षेत्र के लिए
3. नगर निगम - बड़े नगर क्षेत्र के लिए
* महिलाओं के 1/3 सीटें आरक्षित है ।
* अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए सीटें आरक्षित है ।
* कार्यकाल 5 वर्षों का होगा ।
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M. PRASAD
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