Wednesday, 29 April 2020

वर्ग -12 ,पाठ -2 , राजा , किसान और नगर ( भाग -3)

सोलह महाजनपदों में प्रथम : मगध महाजनपद 
* छठी से चौथी शताब्दी ई० पू० में मगध ( आधुनिक बिहार ) सबसे शक्तिशाली महाजनपद बन गया |
इसके कारण :
1. मगध क्षेत्र में खेती की उपज अच्छी होती थी |
2. लोहे के खदानें ( आधुनिक झारखंड ) आसानी से उपलब्ध होने के कारण कृषि उपकरण एवं हथियार का निर्माण करना आसान था |
3. जंगली क्षेत्रों में हाथी उपलब्ध थे जो सेना के मुख्य अंग थे |
4. गंगा एवं इसकी उपनदियों से आवागमन सस्ता व सुलभ होता था |
5. इस समय मगध में महत्वाकांक्षी एवं पराक्रमी शासक हुए - बिम्बीसार , अजातशत्रु, उदयन , महापद्मनंद आदि |
6. मगध की राजधानी राजगृह और पाटलीपुत्रा क्रमश: पहाड़ियों और नदियों से घिरे होने के कारण सुरक्षित थी |

एक आरम्भिक साम्राज्य:
* मगध महाजनपद को एक साम्राज्य में परिवर्तन करने का श्रेय हर्यक वंश और नन्द वंश को जाता है | परन्तु भारत को एकसूत्र बद्व करने का सफल प्रयास मौर्य शासको ने किया |
* मौर्य साम्राज्य का संस्थापक चन्द्रगुप्त मौर्य ने 321 ई० पू० में चाणक्य की सहायता से किया |
* मौर्य साम्राज्य का शासन पश्चिमोतर में अफगानिस्तान और बलूचिस्तान तक फैला था |
* सम्राट अशोक ने 261 ई० पू० कलिंग (आधुनिक उड़ीसा ) पर विजय प्राप्त की |

मौर्य वंश के बारे में जानकारी के  स्रोत :

पुरातत्विक स्रोत : 
अशोक कालीन अभिलेख  
  शिलालेखीय साक्ष्य
              चौदह वृहद शिलालेख                           
           आठ अलग-अलग स्थानों से प्राप्त हुए है

1. शाहबाजगढ़ी शिलालेख- खरोष्ठी लिपि
पाकिस्तान (पेशावर,यूसुफ जाई ) - 1836 ई0 में
खोजकर्ता - जनरल कोर्ट
2. मनसेहरा शिलालेख -  खरोष्ठी लिपि
पाकिस्तान ( हजारा )- 1889 ई0
खोजकर्ता - जनरल कनिंघम
3. कालसी शिलालेख - ब्राह्मी लिपि
उत्तरप्रदेश ( देहरादून) - 1860
खोजकर्ता - फोरेस्ट
4. गिरनार शिलालेख - ब्राह्मी लिपि
गुजरात , काठियावाड़, जूनागढ़ - 1822 ई0
खोजकर्ता - कर्नल टॉड
5. धौली शिलालेख - ब्राह्मी लिपि
उड़ीसा , पुरी - 1837 ई0
खोजकर्ता - कीटो
6. जौगड  शिलालेख - ब्राह्मी लिपि
उड़ीसा , गंजाम - 1850 ई0
खोजकर्ता- वाल्टर इलियट
7. एररगुडी शिलालेख - ब्राह्मी लिपि
आंध्रप्रदेश , करनूल - 1929 ई0
खोजकर्ता - अनुघोष
8. सोपारा शिलालेख- ब्राह्मी लिपि
महाराष्ट्र, थाना जिला- 1882 ई0
खोजकर्ता - ?
                     लघु शिलालेख
1.रुपनाथ - मध्यप्रदेश, जबलपुर
2. गुजर्रा - मध्यप्रदेश, दतिया
3. सासाराम - बिहार , शाहाबाद
4. भब्रु (वैराट) - राजस्थान , जयपुर
5. मास्की - कर्नाटक, रायचूर
6. ब्रह्मगिरि - कर्नाटक, चित्तल्दुर्ग
7. सिद्वपुर - कर्नाटक , चित्तल्दुर्ग
8. जतिंरामेश्वर - कर्नाटक , चित्तल्दुर्ग
9. एररगुडी - आंध्रप्रदेश, कुरनूल
10. गोविमठ- कर्नाटक, मैसूर ,हासपेट
11. पालकिगुंड - कर्नाटक , मैसूर , हासपेट
12. राजुल मन्दगिरी- आंध्रप्रदेश, कुरनुल
13. अहरौरा - उत्तरप्रदेश, मिर्जापुर
14. सारोमारो- मध्यप्रदेश, शहडोल
15. पंगुडरिया - मध्यप्रदेश, सीहोर
16. नेतुर - कर्नाटक, बेलाड़ी
17. उड़गोलम- कर्नाटक, बेलाड़ी
                         स्तम्भ लेख
1. दिल्ली-टोपरा स्तम्भलेख
2. दिल्ली- मेरठ स्तम्भलेख
3. लौरिया अरराज स्तम्भलेख- बिहार, चम्पारण
4. लौरिया नन्दनगढ़ स्तम्भलेख- बिहार, चम्पारण
5. रामपुरवा स्तम्भलेख- बिहार, चम्पारण
6. प्रयाग स्तम्भलेख-  उत्तरप्रदेश , कौशाम्बी



नोट: कौशाम्बी अभिलेख " रानी अभिलेख" कहा जाता है ।
गुफा अभिलेख - बिहार के गया में बराबर की पहाड़ियों में तीन गुफा लेख



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