Sunday, 10 May 2020

कौशल कृषक

कृषि पेशे में युवकों को ज्यादा से ज्यादा प्रोत्साहित करने और कृषि की उन्नति के लिए कृषि शिक्षा बहुत महत्वपूर्ण है । इसके लिए कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने तीन महत्वपूर्ण योजनाएं आरंभ की है ।

प0 दीनदयाल उपाध्याय उन्नत कृषि शिक्षा योजना -
            कृषि की तरफ युवकों को रुझान बढ़ाने और कृषि को बेहतर बनाने में कृषि शिक्षा एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है । इसके लिए पंडित दीनदयाल उपाध्याय धाम, मथुरा ,उत्तर प्रदेश में कृषि एवं किसान मंत्रालय के तत्वाधान में पंडित दीनदयाल उपाध्याय उन्नत कृषि शिक्षा योजना का शुभारंभ 25 सितंबर 2016 को किया गया । यह योजना ग्रामीण भारत में जैविक या प्राकृतिक खेती के बारे में जरूरी जानकारी देने युवाओं की प्रतिभा को ग्रामीण अर्थव्यवस्था में लगाने और ग्रामीण स्तर पर कृषि क्षेत्र में पेशेवर कौशल तैयार करने के लिए किया गया है ।

स्टूडेंट रेडी योजना :-
             प्रधानमंत्री ने दिनांक 25 जुलाई 2015 को छात्रों में हुनर विकास के लिए स्टूडेंट रेडी योजना का शुभारंभ किया गया । कृषि एवं संबद्ध विज्ञान की स्नातक विद्यार्थियों के लिए इस योजना की अवधि 1 वर्ष होगी । योजना का लक्ष्य कृषि स्नातकों के लिए रोजगार सुनिश्चित करते हुए ज्ञान आधारित कृषि उद्यमियों का विकास करना है । इसे पांच महत्वपूर्ण घटकों - अनुभव जन लर्निंग , कौशल विकास , प्रशिक्षण ग्रामीण कृषि कार्य अनुभव , इंटर्नशिप/इम्प्लांट प्रशिक्षण एवं छात्र परियोजना में बांटा गया है । ग्रामीण कृषि कार्य अनुभव के अंतर्गत अनुसंधान केंद्रों और केवीके के सहयोग से छात्रों को खेत में काम करने का अनुभव मिल रहा है।  कौशल विकास प्रशिक्षण के अंतर्गत प्रतिवर्ष लगभग 25000 छात्रों को रोजगार के लिए हुनरमंद बनाया जा रहा है । इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक छात्र को अधिकतम 6 माह के लिए 3000 प्रतिमाह मानदेय दिया जा रहा है ।

आर्या :- 
          देश के खाद्य सुरक्षा सुदृढ़ करने के उद्देश्य से कृषि विकास में ग्रामीण युवाओं को आकर्षित करने के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने आर्य नाम से एक परियोजना शुरू की है । आर्य को कृषि विज्ञान केंद्रों के माध्यम से 25 राज्यों में लागू किया गया है और प्रत्येक राज्य से एक जनपद का चयन किया गया है।  प्रत्येक जिले में 200 से 300 ग्रामीण युवाओं की पहचान कर उनका कौशल विकास कर लघु उद्योगों की इकाइयों की स्थापना हेतु तकनीकी सहायता प्रदान की जा रही है। 
               उपरोक्त तीन योजनाओं के अलावा कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए एक सौ कृषि विज्ञान केंद्रों का चयन किया गया है जो कुशल एग्रीकल्चर स्किल काउंसिल के साथ जुड़कर उनके द्वारा निर्धारित मापदंडों के अनुसार युवाओं को 200 घंटों का प्रशिक्षण देंगे इस तरीके से प्रशिक्षित युवक अपना खुद का रोजगार शुरू कर सकते हैं ।

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