Tuesday 6 April 2021

बायजू रवींद्रन: कोचिंग टीचर से अरबपति बनने तक का सफर, यूं बदल दिया स्टार्टअप का गेम

 41 साल के बायजू रवींद्रन (Byju Raveendran) ने न सिर्फ अपने स्किल से दुनियाभर के करोड़ों छात्रों को शिक्षा देने में मदद की है, बल्कि इसी के जरिए बिजनेस की दुनिया में नया मुकाम भी हासिल किया है।



जैसा कि आप सभी जानते है कि इस कोरोना महामारी में सभी स्कूल -कॉलेज बंद थे | सभी छात्र ऑनलाइन क्लासेज कर रहे थे | बहुत से छात्र  BYJUS, UNACADEMIC, VEDANTU तथा अन्य ऑनलाइन कोचिंग का सहयोग ले रहे थे और ले रहे है | आज इस article में BYJUS ऑनलाइन क्लासेज की चर्चा करे  है | आखिर क्या है BYJUS? वो कौन सा शख्स है जो BYJUS चला रहा है ?  क्या लाभ है इस ऑनलाइन क्लासेज का ?

आइये जानते है ,

ऐसे बेहद कम ही लोग हैं, जिन्होंने कम उम्र में ही अपनी एक अलग पहचान बना ली और दुनिया के लिए मिसाल बन गए। ऐसे ही एक शख्स हैं मॉडर्न शिक्षक बायजू रवींद्रन (Byju Raveendran)। 41 साल के बायजू ने न सिर्फ अपने स्किल से दुनियाभर के करोड़ों छात्रों को शिक्षा देने में मदद की है, बल्कि इसी के जरिए बिजनेस की दुनिया में नया मुकाम भी हासिल किया है। हाल ही में उनके स्टार्टअप Byju's ने आकाश एजुकेशनल सर्विसेज को 7300 करोड़ रुपये में खरीदा है। यह Byju's द्वारा अब तक का सबसे बड़ा अधिग्रहण है।

कभी इंजीनियर के तौर पर कर रहे थे नौकरी


केरल के कन्नूर जिले के गांव अझीकोड से ताल्लुक रखने वाले बायजू रवींद्रन की शुरुआती शिक्षा अझीकोड में ही मलयालम मीडियम स्कूल से शुरू हुई, जहां उनके पिता और माता शिक्षक थे। शुरू में उन्हें पढ़ाई के अलावा खेलों में भी बहुत ज्यादा रुचि थी। ग्रेजुएशन के बाद बायजू ने इंजीनियर के तौर पर अपनी नौकरी शुरू की। वह यूके की एक शिपिंग कंपनी में इंजीनियर थे। उसी दौरान छुट्टियों में भारत आने पर उन्होंने अपने कुछ दोस्तों को IIMs के एंट्रेन्स एग्जाम की तैयारी में मदद करने की। रवींद्रन ने खुद IIM का एंट्रेन्स टेस्ट दिया और 100 परसेंटाइल स्कोर किया तो बायजू को लगा कि कोई तुक्का लग गया। रवींद्रन ने फिर IIM का एंट्रेन्स टेस्ट दिया और 100 परसेंटाइल स्कोर किया। लेकिन उन्होंने IIM जॉइन न करके कोचिंग क्लास शुरू करने का फैसला किया। 2005 में नौकरी छोड़कर बायजू ने कोचिंग शुरू कर दी। यहीं से बायजू के एक सफल बिजनेसमैन बनने का सफर शुरू हुआ।



छोटे ग्रुप्स को कोचिंग देकर की थी शुरुआत


रवींद्रन ने छात्रों के छोटे ग्रुप्स को कोचिंग देकर शुरुआत की। उसके बाद उनके छात्रों की संख्या में लगातार इजाफा होता गया। छोटे कमरे से बड़े कमरे में शिफ्ट हुए। फिर बढ़ते विद्यार्थियों को देखते हुए वह बड़े ऑडिटोरियम में पढ़ाने लगे। एक बार तो छात्र इतने ज्यादा हो गए कि उन्हें स्टेडियम में पढ़ाना पड़ा। वर्ष 2006 से 2011 के बीच की छोटी सी अवधि में ही बायजू के स्टूडेंट्स की संख्या 40 से बढ़कर 1,000 तक पहुंच गई।


2011 में शुरू किया स्टार्टअप


बायजू ने छोटे निवेश के साथ कोचिंग क्लास (Coaching Class) शुरू की थी। वे दूसरे शहरों में जाकर भी कोचिंग क्लास लेते थे। बाद में उन्होंने सोचा कि क्यों न एक ही जगह रहकर अपने सभी छात्रों तक पहुंचा जा सके। उन्होंने 2009 में CAT के लिए ऑनलाइन वीडियो बेस्ड लर्निंग प्रोग्राम शुरू किया। 2011 में उन्होंने Think & Learn स्टार्टअप लॉन्च किया। यह Byju’s की पेरेंट कंपनी है।


​2015 में Byju’s- द लर्निंग ऐप

2015 में उन्होंने अपना फ्लैगशिप प्रॉडक्ट Byju’s – द लर्निंग ऐप लॉन्च किया। यह उनके लिए गेमचेंजर साबित हुआ। स्मार्टफोन की बढ़ती लोकप्रियता के बीच उनका यह ऐप भी पॉपुलर होता गया। इतना ज्यादा कि सिर्फ 7 साल में रवींद्रन अरबपति बन गए। कंपनी ऑनलाइन एजुकेशनल कंटेंट उपलब्ध करवाती है। कुछ कंटेंट तो फ्री हैं, लेकिन एडवांस लेवल के लिए फीस देनी होती है। सितंबर 2020 तक Byju’s के 6.4 करोड़ सब्सक्राइबर्स थे। इसके यूजर्स काफी तेजी से बढ़ रहे हैं। रवींद्रन ने एक बार कहा था कि मैं देश की शिक्षा व्यवस्था के लिए इस तरह का काम करना चाहते हैं जैसा डिज्नी ने मनोरंजन के लिए किया है।


​बच्चों को सिखाने के लिए एनिमेटेड वीडियो, गेम का इस्तेमाल

बायजू रवींद्रन ने एक बार कहा था कि ऐप के जरिए बच्चे सीखना शुरू करेंगे तो उन्हें सिंबा पसंद आएगा। उन्होंने अपने ऐप में डिज्नी की तरह द लायन किंग के सिम्बा, फ्रोजन के अन्ना के माध्यम से वन क्लास के छात्रों को मैथ और अंग्रेजी पढ़ाया। उनके इस ऐप में एनिमेटेड वीडियो, गेम और स्टोरीज भी हैं। Byju’s किंडरगार्डन से लेकर 12वीं क्लास तक के बच्चों के लिए ऑनलाइन लर्निंग क्लासेज उपलब्ध कराती है। इसके अलावा इंजीनियरिंग कॉलेज, मेडिकल कॉलेज और सिविल सर्विसेज के एंट्रेन्स टेस्ट के लिए ट्रेनिंग भी उपलब्ध कराती है।


​फॉर्च्यून की ’40 अंडर 40′ लिस्ट में भी मिली जगह

फॉर्च्यून पत्रिका (Fortune Magazine) ने सितंबर 2020 में ग्लोबल 40-अंडर-40 टेक्नोलॉजी लिस्ट 2020 में बायजू रवींद्रन को भी शामिल किया था। उस वक्त रवींद्रन की कुल संपत्ति 17695 करोड़ रुपये थी। बायजू रवीन्द्रन को लेकर फॉर्च्यून ने कहा था कि उन्होंने दुनिया को दिखा दिया है कि बड़े पैमाने पर सफल ऑनलाइन एजुकेशन कंपनी खड़ी करना संभव है। बायजू रवींद्रन अपनी पत्नी दिव्या गोकुलनाथ और परिवार के साथ 3.05 अरब डॉलर की संपत्ति सहित जुलाई 2020 में फोर्ब्स की India's Richest 2020 लिस्ट में 46वें नंबर पर थे। इसी लिस्ट में साल 2019 के दौरान बायजू रवींद्रन, उनकी पत्नी दिव्या गोकुलनाथ और परिवार ने 1.9 अरब डॉलर संपत्ति के साथ जगह बनाई थी।


​सबसे बड़ी एजुकेशन टेक्नोलॉजी कंपनी


Byju’s भारत की सबसे बड़ी एजुकेशन टेक्नोलॉजी कंपनी बन चुकी है। यह लाखों छात्रों को सबसे महत्वपूर्ण परीक्षाओं के लिए तैयार होने और पढ़ाई करने मे मदद कर रही है। सितंबर 2020 तक Byju’s 1 अरब डॉलर से अधिक की फंडिंग जुटा चुकी थी और 10 अरब डॉलर से ज्यादा की कंपनी बन चुकी थी। वित्त वर्ष 2019-20 में Byju’s का रेवेन्यु दोगुना होकर 2800 करोड़ डॉलर हो चुका था।

source-NBT

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