पुरुषार्थ
- मनुष्य के भौतिक सुख एवं आध्यात्मिक सुखों के मध्य सामंजस्य स्थापित करने हेतु ।
पुरुषार्थ चार प्रकार है ।
1. धर्म : इसके अंतर्गत न्याय, सदगुण, नैतिकता, कर्तव्यपालन आते हैं।
2.अर्थ : अर्थ की प्राप्ति और मर्यादा से उपभोग
3.काम : धर्माचरण व सृष्टि के विकास हेतु सन्तानोत्पत्ति
4. मोक्ष : पुरुषार्थ का अंतिम प्रकार मोक्ष है ,अर्थात जीवन चक्र से मुक्ति
पुरुषार्थ चार प्रकार है ।
1. धर्म : इसके अंतर्गत न्याय, सदगुण, नैतिकता, कर्तव्यपालन आते हैं।
2.अर्थ : अर्थ की प्राप्ति और मर्यादा से उपभोग
3.काम : धर्माचरण व सृष्टि के विकास हेतु सन्तानोत्पत्ति
4. मोक्ष : पुरुषार्थ का अंतिम प्रकार मोक्ष है ,अर्थात जीवन चक्र से मुक्ति
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