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Monday 13 April 2020

इतिहास:वर्ग-12-पाठ-1(भाग-4)

हड़प्पा सभ्यता की आर्थिक जीवन :
* कृषि मूल आधार
* फसल - कपास ,गेहूँ, जौ , मटर, तिल, बाजरा
* लोथल और रंगपुर (गुजरात) - धान की भूसी ,बाजरा
*  हड़प्पा - मटर, तिल
*  फल- केला , नारियल, खजूर , अनार ,नीबू ,तरबूज
* अनाज पीसने के लिए चक्कियों, व कूटने के लिए ओखली का प्रयोग ।
*  युनानियों ने कपास को सिंडन कहा है ।
*  पशुपालन: बैल,कुता, हाथी, सुअर,गधा , ऊँट पालतू जानवर
* बिल्ली,बन्दर,खरगोश, हिरन, मुर्गा , मोर , तोता ,उल्लू , हंस आदि के चित्र भी यहां प्राप्त मूर्तियों , खिलौनों एवं मुहरों पर मिले है ।
शिल्प तथा उद्योग- धंधे :
*   कपड़ा बुनाई ,
*  मिट्टी वर्तन का निर्माण ,
*  आभूषणों का निर्माण- शंख , सीप, घोंघा, हाथी दांत से आभूषण का निर्माण ,
*   पशु एवं मानव तथा टेरीकोटा का निर्माण,
व्यापार तथा वाणिज्य
*  हड़प्पा और मोहनजोदड़ो प्रमुख व्यापारिक स्थल
वस्तु विनिमय प्रणाली
* जलमार्ग एवं  स्थलमार्ग से व्यापार
बाट का प्रयोग - 1,2,4,8,16,32,64 का अनुपात
* सर्वाधिक 16 इकाई का प्रयोग
दशमलव प्रणाली का प्रयोग जानते
लोथल (गुजरात) से गोदिवाड़ा(बन्दरगाह) होने का प्रमाण
*  हड़प्पा सभ्यता का  व्यापारिक सम्बन्ध मेसोपोटामिया , दलमून( बहरीन ) से  था
वस्तुओं का आयात - निर्यात
सोना- अफगानिस्तान, फारस, दक्षिण भारत
चांदी - ईरान , अफगानिस्तान
लाजवर्द( नील रत्न )- अफगानिस्तान
सीसा - ईरान , अफगानिस्तान
सुलेमानी पत्थर - सौराष्ट्र , पश्चिम भारत
सेलखड़ी - राजस्थान, बलोचिस्तान
नीलमणि- महाराष्ट्र
शंख -  उड़ीसा, दक्षिण भारत
*    मेसोपोटामिया से प्राप्त सिंधु सभ्यता सम्बन्धी अभिलेखों से इसका नाम मेलुहा मिलता है ।
ऋग्वेद में हडप्पा सभ्यता को हरियूपिया कहा गया है ।

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