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Wednesday 15 July 2020

भक्ति-सूफ़ी परम्पराएं वर्ग 12 पाठ 6 भाग 5

भक्ति -सूफी परम्पराएं 
सूफी और राज्य 

    चिश्ती सिलसिला के अलावा कुछ अन्य सूफ़ी भी, जैसे कि दिल्ली सल्तनत के युग में सुहरावर्दी और मुगलकालीन नक्शबंदी, राज्य से जुड़े रहे | लेकिन उनके जुड़ाव के तरीके चिश्तियों से भिन्न थे | कभी-कभी सूफ़ी दरबारी पद भी स्वीकार कर लेते थे |
कुछ प्रमुख सिलसिला 

1. चिश्ती सिलसिला :
भारतवर्ष में चिश्ती सम्प्रदाय का प्रणेता ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती को माना जाता है | ये 1192ई. में भारत में आये | अपना ठिकाना अजमेर में स्थापित किया | मुहम्मद गोरी उन्हें "सुलतान-उल-हिन्द" (हिन्द का आध्यात्मिक गुरु ) की उपाधि से विभूषित किया था |

* शेख कुतुबद्दीन बख्तियार काकी :
यह मुईनुद्दीन चिश्ती के शिष्य थे | ये सुलतान इल्तुतमिश के समय भारत आये |  
बख्तियार (भाग्य-बन्धु) नाम मुईनुद्दीन द्वारा दिया गया था |



* बाबा फरीद :
इनका पूरा नाम
फरीदउद्दीन-गंज-ए-शकर था | इनका जन्म मुल्तान जिले के कठवाल में 1175 में हुआ था | इनकी रचना गुरु ग्रन्थ साहिब में संकलित है |


* शेख  निजामुद्दीन औलिया :
इनका वास्तविक नाम
मुहम्मद बिन-अहमद-बिन-दनियाल-अल बुखारी था | इनका जन्म बदायूं में 1236 में हुआ था | इन्होने अपने जीवन काल में दिल्ली के  सात सुल्तानों का राज्य देखा था | अमीर खुसरों प्रमुख शिष्य था | इनकी मृत्यु 1325 में हुई |

शेख बुरहानुद्दीन : ये निजामुद्दीन औलिया के शिष्य थे | इन्होने दौलताबाद का शिक्षा का केंद्र बनाकर " महबूब-ए-इलाही " के उपदेशों का प्रचार किया |

* शेख सलीम चिश्ती : यह फतेहपुर सीकरी में रहते थे | इनके आर्शीवाद से ही अकबर के पुत्र सलीम (जहांगीर ) का जन्म हुआ था | 

       चिश्ती सम्प्रदाय में संगीत को प्रधानता दी गयी थी | निजामुद्दीन औलिया ने योग को अपनाया और उन्हें योगी सिद्व भी कहा गया | चिश्ती संत राज्य की सेवा स्वीकार नहीं करते थे |

2. सुहरावर्दी सिलसिला : भारत में इस शाखा का प्रचार शेख बहाउदीन जकारिया द्वारा किया गया | इनका जन्म 1182 ई. में मुल्तान के कोट अन्गेर नामक स्थान पर हुआ था | इस शाखा का प्रवर्तक शिहाबुदीन सुहरावर्दी को माना जाता है |  इस सिलसिले के प्रमुख संत सैयद जलालुदीन बुखारी (मखदूमे जहानियाँ ) , शेख हमीदउद्दीन  नागौरी , शेख मूसा और शाह दौला दरियाली नाम उल्लेखनीय है | 

3. कादिरी सिलसिला :  इस सिलसिले का प्रवर्तक ईराक के अब्दुल कादिर अल जिलानी  थे | भारत में इस सिलसिले के प्रवर्तक मुहम्मद गौस थे | राजकुमार दाराशिकोह  कादिरी सिलसिले के मुल्ला शाह बद्ख्शी  के शिष्य थे |
4. नक्सबंदी सिलसिला : भारत में इस सिलसिले का प्रवर्तक ख्वाजा वकी  बिल्लाह को माना जाता है | इसके  शिष्यों में "शेख अहमद फारुख सरहिन्दी "  प्रमुख थे |

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